सेव का मौसम: सेव (सेब) का मौसम दस्तक दे चुका है और बाजार ताजे, रसीले सेवों से भर गए हैं। सेव न सिर्फ स्वास्थ्यवर्धक फल है, बल्कि इसका स्वाद और उपयोगिता इसे रसोई का अनमोल हिस्सा बना देते हैं। इस मौसम में जब सेव अधिक मात्रा में और सस्ते मिलते हैं, तो क्यों न कुछ ऐसा तैयार किया जाए जो लंबे समय तक इस्तेमाल हो सके? जी हां, हम बात कर रहे हैं सेव की जैम और चटनी की, जिन्हें घर पर आसानी से बनाया जा सकता है।

इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे सेव से बनी दो स्वादिष्ट रेसिपीज़ — एक मीठा जैम और दूसरी तीखी-मीठी चटनी, जो रोटी, पराठा, ब्रेड या स्नैक्स के साथ बेहद लाजवाब लगती हैं।
जैम का इतिहास :
जैम सिर्फ स्वाद का नाम नहीं है, बल्कि इसका एक समृद्ध और रोचक इतिहास भी है। यह मीठा, गाढ़ा फल-संरक्षण (preserve) सदियों से दुनिया भर में खाया जा रहा है। आइए जानते हैं जैम का इतिहास:
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मिस्र (Egypt):
जैम बनाने की परंपरा का सबसे पहला उल्लेख प्राचीन मिस्र में मिलता है। कहा जाता है कि मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा को फलों को शहद में संरक्षित करके खाना बहुत पसंद था।
उस समय चीनी उपलब्ध नहीं थी, तो लोग फलों को शहद और फलों के रस में पकाकर संग्रह करते थे। -
रोमन साम्राज्य:
प्राचीन रोम में भी फल संरक्षण का चलन था। वे फलों को उबालकर और शहद मिलाकर गाढ़ा बनाते थे ताकि वह लंबे समय तक सुरक्षित रह सके।

🍇 17वीं से 18वीं सदी में जैम का व्यावसायिक उपयोग:
जब चीनी का उत्पादन कैरेबियन देशों में बढ़ा, तो यूरोप में चीनी सस्ती होने लगी। इससे आम लोगों तक जैम पहुँचना शुरू हुआ।
ब्रिटेन में 18वीं सदी में जैम को “fruit spread” के रूप में ब्रेड के साथ खाना शुरू किया गया।
जैम विशेष रूप से राजघरानों और उच्च वर्ग में लोकप्रिय था क्योंकि चीनी बहुत महंगी हुआ करती थी।
नेपोलियन ने तो अपनी सेना को ऊर्जा के लिए फल जैम देना अनिवार्य कर दिया था।
भारत में जैम का आगमन:
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भारत में जैम ब्रिटिश शासन के दौरान आया।
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अंग्रेजों ने भारत में भी जैम, मुरब्बा और जैली की फैक्ट्रियाँ शुरू कीं।
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सबसे पहले ब्रिटिश मिशनरियों और सेना के लिए फल संरक्षित किए जाते थे।
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इसके बाद जैम धीरे-धीरे भारतीय रसोई में भी प्रवेश कर गया।
सेव का जैम (Apple Jam) बनाने की विधि:
समग्री (4-5 लोगों के लिए):
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ताजे लाल सेव – 1 किलो
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चीनी – 750 ग्राम (स्वादानुसार कम या ज्यादा)
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नींबू का रस – 2 छोटे चम्मच
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दालचीनी (ऑप्शनल) – 1 टुकड़ा
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पानी – 1/2 कप
विधि:
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सेव धोकर छीलें और काटें:
सेवों को अच्छी तरह धो लें, छिलका उतारें और बीज निकालकर छोटे टुकड़ों में काट लें। -
उबालना:
एक गहरे बर्तन में सेव और आधा कप पानी डालकर धीमी आंच पर 15-20 मिनट तक पकाएं, जब तक सेव नरम न हो जाएं। -
मैश करना:
अब सेवों को किसी मैशर या चम्मच से मसल लें या हैंड ब्लेंडर से प्यूरी बना लें। -
चीनी मिलाना:
अब इस प्यूरी में चीनी और नींबू का रस डालें। चीनी घुलने तक मध्यम आंच पर चलाते रहें। -
गाढ़ा करना:
मिश्रण को धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक वह गाढ़ा होकर जैम की तरह न दिखने लगे। इसमें 20-30 मिनट लग सकते हैं। आप एक प्लेट में थोड़ा सा डालकर ठंडा करके इसकी गाढ़ापन जांच सकते हैं। -
दालचीनी का स्वाद (अगर पसंद हो):
अगर आप चाहें तो इसमें एक छोटा टुकड़ा दालचीनी डाल सकते हैं, जो इसे हल्की खुशबू और स्वाद देगा। -
जैम को ठंडा करें और स्टोर करें:
जैम को ठंडा होने दें, फिर इसे साफ और सूखे कांच के जार में भरें। यह फ्रिज में 2-3 महीने तक सुरक्षित रहता है।
सेव जैम के उपयोग:
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बच्चों के लिए ब्रेड पर जैम लगाकर परोसें।
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पराठे या पुरी के साथ मीठे के रूप में खाएं।
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केक या कुकीज़ में इस्तेमाल करें।
सेव की तीखी-मीठी चटनी (Apple Chutney) बनाने की विधि:
समग्री (4-5 लोगों के लिए):
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सेव – 500 ग्राम
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गुड़ – 200 ग्राम
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सिरका – 2 चम्मच
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अदरक – 1 इंच टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
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लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटा चम्मच
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सौंफ – 1 छोटा चम्मच
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जीरा – 1 छोटा चम्मच
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नमक – स्वादानुसार
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काला नमक – 1/2 छोटा चम्मच
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किशमिश – 1 बड़ा चम्मच (ऑप्शनल)
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पानी – 1 कप
विधि:
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सेव तैयार करना:
सेव को धोकर छीलें और छोटे टुकड़ों में काट लें। -
मसाले भूनना:
एक कढ़ाई में थोड़ा सा घी या तेल डालकर उसमें सौंफ और जीरा भूनें। -
अदरक और सेव डालें:
अब अदरक डालकर थोड़ा भूनें और फिर कटे हुए सेव डाल दें। इन्हें 4-5 मिनट तक धीमी आंच पर भूनें। -
गुड़ और मसाले डालें:
अब इसमें गुड़, लाल मिर्च पाउडर, काला नमक, सफेद नमक और किशमिश डालें। साथ ही एक कप पानी मिलाएं। -
पकाना:
इसे ढककर धीमी आंच पर 15-20 मिनट तक पकाएं जब तक सेव गल न जाए और मिश्रण गाढ़ा न हो जाए। -
सिरका मिलाना:
अंत में सिरका डालें और 5 मिनट तक और पकाएं। यह सिरका चटनी को लंबा शेल्फ लाइफ देने में मदद करता है। -
ठंडा करके स्टोर करें:
चटनी को ठंडा करें और कांच के एयरटाइट जार में भरें। फ्रिज में रखने पर यह 1 महीने तक खराब नहीं होती।
सेव चटनी के उपयोग:
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पराठा, पूड़ी या स्नैक्स के साथ खाएं।
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चाट, टिक्की, समोसे के साथ परोसें।
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इसे दही भल्ले, पकोड़े आदि पर भी डाला जा सकता है।
सेव क्यों है खास?
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सेव में फाइबर, विटामिन C, और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं।
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यह पाचन तंत्र को ठीक करता है और त्वचा को भी स्वस्थ बनाए रखता है।
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सेव से बनी चीजें बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए फायदेमंद होती हैं।
सेव के मौसम में यदि हम सिर्फ फल के रूप में ही सेव खाएं, तो यह जल्दी खराब हो सकता है। लेकिन यदि इसे जैम और चटनी जैसे स्वादिष्ट विकल्पों में बदल दिया जाए, तो यह स्वाद और सेहत दोनों में लाभदायक बन जाता है।
तो देर किस बात की? इस सेव सीज़न में अपने किचन को सेव जैम और चटनी की खुशबू से भर दीजिए। अपने परिवार को परोसिए कुछ खास और शुद्ध स्वाद जो बाजार की चीजों से कहीं बेहतर है।
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