PM Modi TN Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जुलाई को तमिलनाडु के तूतीकोरिन पहुंचे, जहां उन्होंने 4800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई बड़ी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पण किया। यह दौरा ना केवल राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण रहा, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी ऐतिहासिक बन गया, क्योंकि पीएम मोदी ने चोल सम्राट राजेन्द्र चोल प्रथम की जयंती समारोह में भी भाग लिया।
#WATCH | Malé: Prime Minister Narendra Modi emplanes for Thoothukudi, Tamil Nadu, after concluding his visit to the Maldives
At around 8 PM today, PM Narendra Modi will lay the foundation stone, inaugurate and dedicate to the nation various Development Projects worth over Rs… pic.twitter.com/8SANcwEYRT
— ANI (@ANI) July 26, 2025
तूतीकोरिन एयरपोर्ट को मिला नया टर्मिनल, अब दक्षिण भारत से जुड़ाव और तेज़
अपने दौरे की शुरुआत प्रधानमंत्री ने तूतीकोरिन एयरपोर्ट पर नवनिर्मित टर्मिनल भवन के उद्घाटन से की। करीब 450 करोड़ रुपये की लागत से बने इस टर्मिनल का निर्माण क्षेत्रीय विमानन जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है।
17,340 वर्ग मीटर में फैले इस टर्मिनल की क्षमता 1,350 यात्रियों की है जिसे आगे चलकर 1,800 यात्रियों तक बढ़ाया जा सकता है। सालाना 20 लाख यात्रियों को संभालने की क्षमता रखने वाला यह टर्मिनल ऊर्जा की दृष्टि से भी अत्यंत आधुनिक है। इसमें 100% LED लाइटिंग, ऊर्जा दक्ष यंत्र और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से रिसाइकल किए गए पानी का उपयोग होता है।
यह टर्मिनल दक्षिण तमिलनाडु में पर्यटन, व्यापार और निवेश को नई उड़ान देने वाला है।
राजमार्गों से जुड़ेगा समृद्धि का रास्ता
प्रधानमंत्री मोदी ने दो महत्वपूर्ण राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगी।
पहली परियोजना है NH-36 के सेतियाथोपे–चोलापुरम खंड का चार-लेन बनाना, जिसकी लंबाई 50 किलोमीटर है और लागत 2,350 करोड़ रुपये से अधिक है। इस परियोजना में तीन बायपास, कोल्लिडम नदी पर 1 किलोमीटर लंबा पुल, चार बड़े पुल, सात फ्लाईओवर, और कई अंडरपास शामिल हैं। इसके पूरा होने से यात्रा में 45 मिनट की बचत होगी और डेल्टा क्षेत्र के कृषि और सांस्कृतिक केंद्रों से संपर्क आसान होगा।
दूसरी परियोजना है NH-138 के 5.16 किलोमीटर लंबे तूतीकोरिन पोर्ट रोड का छह लेन में निर्माण, जिसकी लागत करीब 200 करोड़ रुपये है। इससे पोर्ट क्षेत्र में माल ढुलाई की गति तेज होगी और लॉजिस्टिक्स की लागत घटेगी।
पोर्ट क्षेत्र को नई ताकत: नॉर्थ कार्गो बर्थ-III का उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने V.O. चिदंबरनार पोर्ट में नॉर्थ कार्गो बर्थ–III का भी उद्घाटन किया जो 285 करोड़ रुपये की लागत से बना है। इसकी माल ढुलाई क्षमता 6.96 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) है। इससे सूखी माल ढुलाई में तेजी आएगी और पोर्ट की कार्यक्षमता में इज़ाफा होगा।
रेलवे में तेजी: बिजलीकरण और डबलिंग से बढ़ेगी कनेक्टिविटी
रेलवे क्षेत्र में भी पीएम मोदी ने कई अहम परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। सबसे पहले, मदुरै से बोडिनायक्कनूर तक 90 किमी लाइन का बिजलीकरण किया गया है जिससे परिवहन पर्यावरण के अनुकूल होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
इसके अलावा, नागरकोइल टाउन से कन्याकुमारी (21 किमी) लाइन का डबलिंग कार्य पूरा हुआ है, जिसकी लागत 650 करोड़ रुपये है। यह त्रिवेंद्रम–कन्याकुमारी कॉरिडोर का हिस्सा है और इससे तमिलनाडु और केरल के बीच यातायात और मजबूत होगा।
अन्य दो रेल खंड—अरलवायमोज़ी–नागरकोइल जंक्शन (12.87 किमी) और तिरुनेलवेली–मेलप्पालयम (3.6 किमी) की डबलिंग भी पूरी की गई है। इससे चेन्नई–कन्याकुमारी जैसे मुख्य मार्गों पर यात्रा समय घटेगा और माल तथा यात्री यातायात दोनों को लाभ मिलेगा।
ऊर्जा क्षेत्र को मिलेगा नया बल: कुडनकुलम से बिजली पहुंचेगी हर कोने में
प्रधानमंत्री मोदी ने एक और महत्वपूर्ण परियोजना की नींव रखी—कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की यूनिट 3 और 4 (2×1000 मेगावाट) से बिजली की आपूर्ति के लिए इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (ISTS) का निर्माण।
550 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में 400 केवी (क्वाड) डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन बनाई जाएगी जो कुडनकुलम से तूतीकोरिन-II जीआईएस सबस्टेशन तक जाएगी। इससे न केवल तमिलनाडु बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति मजबूत होगी।
संस्कृति का उत्सव: राजेन्द्र चोल प्रथम को श्रद्धांजलि और 1000 वर्ष पुरानी विरासत का सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा सिर्फ विकास की योजनाओं तक सीमित नहीं रहा। 27 जुलाई को वे गंगैकोंडा चोलापुरम मंदिर, तिरुचिरापल्ली पहुंचे जहां उन्होंने राजेन्द्र चोल प्रथम की जयंती पर आदि तिरुवाथिरै उत्सव में हिस्सा लिया और एक स्मृति सिक्का भी जारी किया।
यह अवसर ऐतिहासिक इसलिए भी रहा क्योंकि इस वर्ष राजेन्द्र चोल के दक्षिण पूर्व एशिया तक फैले समुद्री अभियान की 1000वीं वर्षगांठ है। उन्होंने चोल साम्राज्य की राजधानी गंगैकोंडा चोलापुरम बनाई थी और वहीं भव्य मंदिर बनवाया था, जो आज UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट है।
इस मंदिर की भव्य मूर्तियां, चोल कांस्य शिल्प और शैव भक्ति को समर्पित शिलालेख आज भी चोलों की महानता का प्रमाण हैं। ‘आदि तिरुवाथिरै’ त्यौहार, चोलों की शैव परंपरा और 63 नयनमार संतों की स्मृति में मनाया जाता है। यह पर्व इसलिए भी खास रहा क्योंकि राजेन्द्र चोल का जन्म नक्षत्र ‘तिरुवाथिरै’ इस साल 23 जुलाई से ही आरंभ हुआ।
विकास और विरासत की अनूठी झलक
प्रधानमंत्री मोदी का यह तमिलनाडु दौरा विकास, सांस्कृतिक गौरव और विरासत के संगम का प्रतीक बना। उन्होंने जहां आधुनिक भारत के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे की आधारशिला रखी, वहीं भारत के स्वर्णिम अतीत को भी सम्मान दिया।
तूतीकोरिन से लेकर गंगैकोंडा चोलापुरम तक, यह यात्रा ना केवल भविष्य की राह दिखाती है, बल्कि बीते समय के गौरव को भी नए भारत की चेतना में स्थान देती है।
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