Modi Manipur Visit: मणिपुर, जो पिछले दो साल से जातीय हिंसा और अस्थिरता के साए में जी रहा है, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक यात्रा का गवाह बनने जा रहा है। यह प्रधानमंत्री का 2023 की हिंसा के बाद राज्य का पहला दौरा होगा। हिंसा ने 200 से अधिक लोगों की जान ली थी और लाखों लोगों को बेघर कर दिया था। अब जब प्रधानमंत्री 13 सितंबर 2025 को मणिपुर पहुँच रहे हैं, तो राज्य सरकार का मानना है कि यह यात्रा शांति, सामान्य स्थिति और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी।
2023 की हिंसा और मणिपुर की स्थिति | Modi Manipur Visit
साल 2023 में मणिपुर में शुरू हुई जातीय हिंसा ने राज्य की तस्वीर बदल दी थी। महीनों तक कर्फ्यू, सुरक्षा बलों की तैनाती और भय के माहौल ने सामान्य जीवन को ठप कर दिया। दो साल बीत जाने के बाद भी कई इलाकों में जख्म ताजे हैं। चुराचांदपुर जैसे इलाक़े, जहाँ पीएम मोदी अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे, सबसे अधिक प्रभावित स्थानों में से रहे हैं।
प्रधानमंत्री पर विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहा कि उन्होंने मणिपुर की स्थिति का जायज़ा लेने के लिए राज्य का दौरा नहीं किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी कई बार मणिपुर गए और उन्होंने यह मुद्दा उठाया कि प्रधानमंत्री को सीधे प्रभावित लोगों से मिलना चाहिए था। अब दो साल बाद पीएम मोदी का यह दौरा राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री की मणिपुर यात्रा का कार्यक्रम

प्रधान सचिव पुनीत कुमार गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रधानमंत्री 13 सितंबर को पहले मिजोरम से चुराचांदपुर पहुँचेंगे। यहाँ वे 7,300 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इनमें सड़क, पुल, शिक्षा, स्वास्थ्य और ऊर्जा से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं।
इसके बाद प्रधानमंत्री एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। चुराचांदपुर, जो हिंसा से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ था, में इस तरह की सभा का आयोजन अपने आप में एक संदेश है कि केंद्र सरकार राज्य के साथ खड़ी है।
यात्रा के दूसरे चरण में प्रधानमंत्री इंफाल पहुँचेंगे, जहाँ वे 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इनमें इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और सार्वजनिक सुविधाओं से जुड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं।
तनाव के बीच तैयारियाँ
प्रधानमंत्री की यात्रा से ठीक दो दिन पहले चुराचांदपुर में असामाजिक तत्वों ने सजावट और स्वागत की तैयारियों को नुकसान पहुँचाया। कई बैनर और होर्डिंग फाड़ दिए गए। यह घटना बताती है कि मणिपुर में हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं। बावजूद इसके, प्रशासन ने सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए हैं और प्रधानमंत्री की यात्रा को सफल बनाने की पूरी तैयारी की जा रही है।
विकास की राह पर मणिपुर
प्रधानमंत्री का यह दौरा केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि विकास से जुड़ा भी है। केंद्र सरकार मणिपुर को उत्तर-पूर्व के अन्य राज्यों की तरह विकास की मुख्यधारा में लाना चाहती है।
7,300 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास और 1,200 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन यह संकेत देता है कि आने वाले वर्षों में राज्य में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े बदलाव होंगे। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि शांति और स्थिरता का माहौल बनाने में भी मदद मिलेगी।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने टिप्पणी की कि अब यह कोई बड़ी बात नहीं है। उनके अनुसार मणिपुर लंबे समय से संकट में है और असली मुद्दा “वोट चोरी” यानी चुनावी धांधली का है। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को पहले ही राज्य का दौरा करना चाहिए था, जब लोग हिंसा से गुजर रहे थे।
प्रधानमंत्री का बहु-राज्यीय दौरा
प्रधानमंत्री मोदी का यह केवल मणिपुर का ही दौरा नहीं है। यह उनकी बड़ी पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत की यात्रा का हिस्सा है।
कल सुबह वे मिज़ोरम से अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे, जहाँ वे 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसके बाद वे चुराचांदपुर, मणिपुर पहुँचेंगे।
शाम को प्रधानमंत्री असम के गुवाहाटी में भारत रत्न भूपेन हजारिका की जन्म शताब्दी समारोह में हिस्सा लेंगे और वहाँ एक सभा को संबोधित करेंगे।
14 सितंबर को प्रधानमंत्री फिर से असम में रहेंगे और वहाँ 18,530 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे।
15 सितंबर को वे कोलकाता पहुँचेंगे, जहाँ वे 16वीं संयुक्त कमांडर्स कॉन्फ्रेंस-2025 का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वे बिहार जाएंगे और पूर्णिया एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे। यह कार्यक्रम दोपहर 2:45 बजे तय है।
मणिपुर के लिए यह दौरा क्यों महत्वपूर्ण है
यह दौरा केवल योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास का कार्यक्रम नहीं है। यह प्रधानमंत्री का राज्य के लोगों को दिया गया विश्वास है कि केंद्र सरकार उनके साथ है।
हिंसा से प्रभावित मणिपुर में विकास के बड़े प्रोजेक्ट लोगों को यह संकेत देंगे कि अब राज्य स्थिरता और प्रगति की ओर बढ़ रहा है। साथ ही, प्रधानमंत्री की उपस्थिति उन लोगों के लिए भी राहत का संदेश है जिन्होंने पिछले दो वर्षों में असुरक्षा और भय का माहौल झेला है।
आगे की चुनौतियाँ
हालाँकि यह दौरा उत्साहजनक है, लेकिन मणिपुर को शांति और स्थिरता दिलाने की राह आसान नहीं है। जातीय तनाव अभी भी सतह के नीचे मौजूद है। छोटे-मोटे विवाद समय-समय पर हिंसा का रूप ले लेते हैं।
केंद्र और राज्य सरकार को न केवल विकास परियोजनाओं पर ध्यान देना होगा, बल्कि संवाद और विश्वास बहाली की प्रक्रिया पर भी काम करना होगा। तभी मणिपुर स्थायी शांति और विकास की ओर बढ़ सकेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मणिपुर दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक है। यह दो साल बाद उनकी राज्य में पहली मौजूदगी है और यह राज्य के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत भी है।
जब प्रधानमंत्री चुराचांदपुर में 7,300 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास करेंगे और इंफाल में 1,200 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, तो यह केवल विकास का वादा नहीं होगा, बल्कि मणिपुर के लिए भरोसे और एकता का संदेश भी होगा।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी होंगी कि यह दौरा राज्य को शांति और स्थिरता की ओर कितनी दूर ले जाता है। लेकिन इतना तय है कि मणिपुर के इतिहास में 13 सितंबर 2025 की तारीख लंबे समय तक याद रखी जाएगी।
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