Online Alcohol Delivery: भारत में ऑनलाइन डिलीवरी का चलन पिछले कुछ सालों में बेहद तेजी से बढ़ा है। खाना, किराना, दवाइयां—सब कुछ एक क्लिक पर घर आ जाता है। लेकिन अब तक एक चीज़ है जिसे ऑनलाइन ऑर्डर करने पर घर तक मंगाने की सुविधा बहुत कम राज्यों में ही है—शराब। अब इस मामले में केरल देश में एक नया कदम उठाने जा रहा है।
केरल स्टेट बेवरेज कॉर्पोरेशन (BEVCO) ने राज्य सरकार को ऑनलाइन शराब बिक्री का विस्तृत प्रस्ताव सौंपा है। इस प्रस्ताव के तहत, अगर मंजूरी मिलती है, तो स्विगी जैसे बड़े डिलीवरी प्लेटफॉर्म शराब को घर-घर पहुंचाएंगे। यह सुविधा खासतौर पर 23 साल से ऊपर उम्र वाले लोगों के लिए होगी, जिन्हें उम्र का प्रमाण देना अनिवार्य होगा।
राज्य के राजस्व में होगी बंपर बढ़ोतरी
BEVCO की एमडी हर्षिता अट्टालुरी ने बताया कि ऑनलाइन शराब बिक्री का मकसद न सिर्फ ग्राहकों को सुविधा देना है, बल्कि इससे राज्य के राजस्व में भी जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। बेवको का अनुमान है कि इस कदम से 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त कमाई हो सकती है।
पिछले तीन साल पहले भी BEVCO ने इसी तरह का प्रस्ताव दिया था, लेकिन तब सरकार से मंजूरी नहीं मिल पाई थी। अब बदलते समय और डिजिटल इंडिया की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए इस योजना को फिर से आगे बढ़ाया जा रहा है।
कैसे मिलेगी ऑनलाइन शराब? Online Alcohol Delivery
अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो जाता है, तो प्रक्रिया काफी सरल होगी। ग्राहक स्विगी जैसे डिलीवरी प्लेटफॉर्म पर शराब के विकल्प देख सकेंगे, अपने पसंद की बोतल चुनेंगे, और ऑर्डर के साथ उम्र प्रमाण पत्र (जैसे आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस) का विवरण अपलोड करेंगे।
डिलीवरी एजेंट ऑर्डर के समय ग्राहक की उम्र की पुष्टि करेगा और तभी शराब की बोतल सौंपी जाएगी।
कम अल्कोहल वाली शराब और विदेशी बीयर भी मिलेगी
BEVCO का मानना है कि इस सेवा के तहत कम अल्कोहल वाली शराब को भी शामिल किया जाए, ताकि पर्यटक और हल्की ड्रिंक पसंद करने वाले ग्राहक भी आसानी से ऑर्डर कर सकें। इसके अलावा विदेशी निर्मित बीयर की बिक्री की भी अनुमति देने का प्रस्ताव है।
पर्यावरण के लिए अनोखा कदम: बोतल रिटर्न स्कीम
केरल सरकार ने इस योजना के साथ-साथ एक और अनोखी पहल की है—बोतल रिटर्न स्कीम। इसके तहत BEVCO आउटलेट से शराब खरीदते समय प्लास्टिक या कांच की बोतल पर ₹20 अतिरिक्त लिए जाएंगे। बोतल वापस करने पर यह राशि लौटा दी जाएगी।
यह स्कीम क्लीन केरल कंपनी के साथ साझेदारी में शुरू होगी और सितंबर से थिरुवनंतपुरम और कन्नूर में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की जाएगी।
प्लास्टिक पर रोक और QR कोड ट्रैकिंग
आबकारी विभाग ने साफ किया है कि अब ₹800 से अधिक कीमत वाली शराब सिर्फ कांच की बोतल में ही बेची जाएगी। साथ ही, हर बोतल पर एक QR कोड होगा, जिससे उसकी ट्रैकिंग आसान होगी और रिटर्न प्रक्रिया भी सरल बनेगी।
इस कदम से न केवल प्लास्टिक कचरे में भारी कमी आएगी, बल्कि पर्यावरण को भी बड़ा लाभ मिलेगा।
भारत में शराब की ऑनलाइन बिक्री का इतिहास
भारत में शराब की ऑनलाइन बिक्री का विचार नया नहीं है। पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों ने लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन शराब डिलीवरी की अनुमति दी थी।
पश्चिम बंगाल में जियोमार्ट, डंजो और स्विगी जैसी कंपनियों ने शराब डिलीवरी की थी, जबकि महाराष्ट्र में यह सुविधा सीमित इलाकों में चलाई गई थी। हालांकि, कई राज्यों ने सुरक्षा और दुरुपयोग की चिंताओं के चलते इसे बंद भी किया।
केरल के लिए क्यों खास है यह कदम?
केरल में शराब की बिक्री राज्य सरकार के लिए एक बड़ा राजस्व स्रोत है। यहां BEVCO और अन्य अधिकृत आउटलेट्स से हर साल हजारों करोड़ रुपये की बिक्री होती है। अगर यह ऑनलाइन डिलीवरी शुरू हो जाती है, तो यह न केवल ग्राहकों की सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि पर्यटन उद्योग को भी फायदा देगी।
राज्य में आने वाले पर्यटक, खासकर विदेशी सैलानी, इस सुविधा का लाभ उठाकर समय और मेहनत दोनों बचा पाएंगे।
ऑनलाइन शराब बिक्री से जुड़ी चुनौतियां | Challenges for Online Alcohol Delivery
हालांकि यह योजना सुनने में बेहद आकर्षक है, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियां भी हैं—
- कम उम्र के लोगों द्वारा दुरुपयोग की संभावना
- नशे से जुड़ी सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि
- ग्रामीण इलाकों में डिलीवरी नेटवर्क की कमी
सरकार का कहना है कि इन चुनौतियों को सख्त उम्र सत्यापन, जिम्मेदार डिलीवरी, और सीमित ऑर्डर मात्रा जैसे उपायों से नियंत्रित किया जाएगा।
लोगों की राय
सोशल मीडिया पर इस खबर के आते ही प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई लोग इसे “डिजिटल इंडिया का अगला कदम” बता रहे हैं, तो कुछ इसे “नशाखोरी को बढ़ावा” मानते हैं।
केरल के एक रेस्टोरेंट मालिक का कहना है—
“अगर यह सेवा शुरू हो जाती है तो यह पर्यटकों के लिए बड़ी सुविधा होगी, खासकर उन इलाकों में जहां शराब के आउटलेट्स कम हैं।”
वहीं, एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है—
“ऑनलाइन शराब बिक्री से घरों में झगड़े और नशे की आदत बढ़ सकती है, सरकार को इस पर बेहद सतर्क रहना चाहिए।”
भविष्य की दिशा
अगर केरल में यह मॉडल सफल होता है, तो संभावना है कि अन्य राज्य भी इसे अपनाएंगे। इससे ई-कॉमर्स और शराब उद्योग में एक नया अध्याय जुड़ सकता है।
डिजिटल युग में जब हर चीज घर तक पहुंच रही है, तो शराब की डिलीवरी भी एक स्वाभाविक कदम लग सकती है—बस शर्त यह है कि इसे जिम्मेदारी से लागू किया जाए।
केरल का यह प्रस्ताव भारत में शराब बिक्री के तरीकों में बड़ा बदलाव ला सकता है। एक ओर यह सरकार के लिए राजस्व का नया स्रोत बनेगा, तो दूसरी ओर ग्राहकों को सुविधा देगा। लेकिन इसके साथ-साथ जिम्मेदारी और सुरक्षा सुनिश्चित करना भी बेहद जरूरी है।
अगर यह योजना सही तरीके से लागू होती है, तो आने वाले समय में यह पूरे देश के शराब उद्योग के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
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