जूनियर मूवी रिव्यू: भारतीय सिनेमा में बच्चों को केंद्र में रखकर बनाई गई फिल्में बहुत कम देखने को मिलती हैं, लेकिन “जूनियर” नामक यह फिल्म इस कमी को काफी हद तक पूरा करती है। यह फिल्म सिर्फ एक बच्चे की मासूमियत नहीं, बल्कि उसके भीतर छुपे साहस, जज्बे और बदले की भावना को भी पर्दे पर लाने की कोशिश करती है। 2024 में रिलीज़ हुई “जूनियर” एक एक्शन ड्रामा है जो बच्चों और बड़ों दोनों के दिल को छू जाती है।

इस समीक्षा में हम फिल्म की कहानी, अभिनय, निर्देशन, संगीत और तकनीकी पक्षों का विश्लेषण करेंगे, ताकि आप यह तय कर सकें कि यह फिल्म देखने लायक है या नहीं।
कहानी का सार:
फिल्म “जूनियर” की कहानी एक छोटे बच्चे के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपने माता-पिता की मौत का बदला लेने की ठान लेता है। सामान्यतः हम बदले की कहानियां वयस्क पात्रों के माध्यम से देखते हैं, लेकिन यहां एक 12 साल का बच्चा जब अपने प्रियजनों को खोता है तो उसका मासूम दिल एक योद्धा में बदल जाता है।
इस बच्चे का नाम जूनियर है, जो अपने पिता की हत्या के पीछे छिपे अपराधियों से न्याय चाहता है। कहानी भावनात्मक और तेज रफ्तार है, जिसमें बच्चे की मासूमियत के साथ-साथ उसके भीतर पलते गुस्से और दृढ़ संकल्प को बखूबी दिखाया गया है। फिल्म एक्शन से भरपूर है, लेकिन उसमें भावनाओं की भी गहराई है।
अभिनय:
फिल्म में मुख्य किरदार निभाने वाले बाल कलाकार ने शानदार अभिनय किया है। जूनियर का किरदार निभाने वाले बच्चे की मासूमियत और आंखों में झलकता दर्द, दोनों दर्शकों को भावुक कर देते हैं। बच्चे की संवाद अदायगी, बॉडी लैंग्वेज और इमोशनल सीन्स में पकड़ काबिल-ए-तारीफ है।
अन्य सह-कलाकारों में विलेन का किरदार निभाने वाले अभिनेता ने भी दमदार अभिनय किया है। उसका खलनायक रूप काफी प्रभावशाली है। इसके अलावा जूनियर की मां का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री ने संवेदनशील अभिनय से कहानी में भावनात्मक गहराई जोड़ दी है।
निर्देशन:
निर्देशक की सबसे बड़ी सफलता यह है कि उन्होंने एक कठिन विषय को सरल, लेकिन असरदार तरीके से प्रस्तुत किया है। बाल कलाकार से इतना दमदार अभिनय निकलवाना आसान नहीं होता, लेकिन निर्देशक ने इस काम को बखूबी अंजाम दिया है। एक्शन सीन्स, इमोशनल मोमेंट्स और क्लाइमेक्स सभी बखूबी निर्देशित हैं।
फिल्म की गति थोड़ी-थोड़ी जगह धीमी जरूर पड़ती है, लेकिन उसका असर पूरे प्लॉट पर नहीं पड़ता। निर्देशक ने कहानी को बिना भटके अंत तक पहुंचाया है, जो कि सराहनीय है।
संगीत और पृष्ठभूमि संगीत (BGM):
फिल्म का संगीत औसत से थोड़ा ऊपर है। कोई गाना ऐसा नहीं जो ज़बरदस्त हिट हो जाए, लेकिन फिल्म की कहानी के अनुसार गाने कहानी को सही रूप से सपोर्ट करते हैं। पृष्ठभूमि संगीत फिल्म की गंभीरता और एक्शन सीन्स को और प्रभावशाली बनाता है।
खासकर, क्लाइमेक्स के दौरान बजने वाला बैकग्राउंड स्कोर दर्शकों को सीट से बांध देता है।
छायांकन और तकनीकी पक्ष:
फिल्म का छायांकन (cinematography) बहुत ही सुंदर है। एक्शन सीन्स की शूटिंग अच्छे एंगल्स और तकनीक के साथ की गई है। स्लो मोशन शॉट्स और बच्चे के एक्सप्रेशन्स को कैमरे ने बखूबी कैद किया है।
एडिटिंग भी कसी हुई है, हालांकि कुछ दृश्यों को छोटा किया जा सकता था। वीएफएक्स का प्रयोग सीमित लेकिन प्रभावशाली है।
फिल्म की खासियतें:
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बच्चे के नजरिए से बदले की कहानी: यह फिल्म अनोखी है क्योंकि इसमें बदले की भावना को एक बच्चे के नजरिए से दिखाया गया है।
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भावनाओं और एक्शन का मेल: फिल्म में एक्शन और इमोशन का अच्छा संतुलन है।
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सशक्त संदेश: यह फिल्म यह भी संदेश देती है कि बच्चे कमजोर नहीं होते, अगर उन्हें सही मार्गदर्शन मिले तो वे भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

कमज़ोर पहलू:
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कहानी में कुछ जगहों पर पूर्वानुमानित मोड़ आते हैं जो दर्शकों को पहले से ही अंदाजा हो सकता है।
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गानों की कमी फिल्म की लोकप्रियता को थोड़ा सीमित कर सकती है।
“जूनियर” एक अलग हटकर फिल्म है जो दर्शकों को एक बच्चे की मासूमियत और उसके भीतर के साहस की गहराई में ले जाती है। यह फिल्म बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी आकर्षित करती है। एक्शन, इमोशन और मजबूत संदेश वाली यह फिल्म एक बार जरूर देखी जानी चाहिए।
रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)
क्या यह फिल्म परिवार के साथ देखी जा सकती है?
बिलकुल! यह एक पारिवारिक फिल्म है जिसे हर उम्र का दर्शक देख सकता है, विशेष रूप से बच्चों के लिए यह प्रेरणादायक हो सकती है।
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