IMD Alert in Uttarakhand: उत्तराखंड में मानसून अपनी पूरी ताकत के साथ बरस रहा है। कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पहाड़ों में भूस्खलन, नदियों का बढ़ता जलस्तर और बादल फटने जैसी घटनाएं चिंता बढ़ा रही हैं।
ताजा अपडेट के अनुसार, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राज्य में रेड अलर्ट जारी किया है। विशेषकर रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, पौड़ी, चमोली और पिथौरागढ़ जिलों में अगले कुछ दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा को तीन दिनों के लिए अस्थायी रूप से रोक दिया है।
IMD का पूर्वानुमान: 14 अगस्त तक भारी बारिश | IMD Alert in Uttarakhand
मौसम विभाग का अनुमान है कि 12 से 14 अगस्त तक राज्य में तेज बारिश का दौर जारी रहेगा। रुद्रप्रयाग समेत कई जिलों में रेड अलर्ट है जबकि कुछ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। नदी-नालों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा न करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।
IMD Rain Alert:
Heavy to very heavy rainfall, with extremely heavy downpours likely in parts of Uttarakhand from 11th to 13th August.Residents are advised to:
➤Stay indoors and avoid exposed areas
➤Do not take shelter under trees during storms
➤Check road and traffic… pic.twitter.com/y1yImdfhfd— India Meteorological Department (@Indiametdept) August 11, 2025
केदारनाथ यात्रा पर लगा ब्रेक
केदारनाथ यात्रा रोकने का फैसला प्रशासन के लिए आसान नहीं था, लेकिन मौसम की स्थिति को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई। पहाड़ी रास्तों पर भूस्खलन और पत्थरों के गिरने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे यात्रा मार्ग खतरनाक हो गया है। नदी-नालों में अचानक पानी बढ़ने से पुल और सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन का कहना है कि मौसम में सुधार होने के बाद ही यात्रा को दोबारा शुरू किया जाएगा।
प्रशासन की तैयारियां और सुरक्षा उपाय
राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने हालात पर कड़ी नजर रखी हुई है। पुलिस, लोक निर्माण विभाग और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार ड्यूटी पर हैं। नदियों के जलस्तर की रीयल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है और जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री और बचाव दल भेजे जा रहे हैं। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लोगों की जान की सुरक्षा सर्वोपरि है।
लोगों को जारी की गई चेतावनी
स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को नदी-नालों के किनारे न जाने की सलाह दी गई है। ऊंचाई वाले अस्थिर इलाकों में भी जाने से रोका गया है। प्रशासन लगातार मौसम संबंधी चेतावनी जारी कर रहा है और लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें, बल्कि केवल आधिकारिक अपडेट पर भरोसा करें।
मानसून में उत्तराखंड की चुनौतियां
उत्तराखंड में मानसून का मौसम हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। यहां की भौगोलिक बनावट के कारण भूस्खलन का खतरा काफी ज्यादा है। लगातार बारिश से मिट्टी ढीली हो जाती है, जिससे पहाड़ी सड़कों पर दरारें पड़ने लगती हैं और सड़कें टूट जाती हैं। अचानक बादल फटने की घटनाएं यहां के लिए नई नहीं हैं, लेकिन इनके नुकसान बेहद बड़े होते हैं।
पिछले साल भी हुई थी भारी तबाही
पिछले वर्षों में भी मानसून के दौरान उत्तराखंड को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। 2023 और 2022 में चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन से कई गांव प्रभावित हुए थे। उस समय भी केदारनाथ यात्रा बीच में रोकनी पड़ी थी और महीनों तक सड़कों की मरम्मत का काम चला था।
यात्रियों को दी गई सलाह
इन हालातों में पर्यटकों और श्रद्धालुओं को चाहिए कि वे यात्रा की योजना फिलहाल स्थगित कर दें। मौसम के अपडेट पर नजर रखें और केवल प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद ही यात्रा करें। यात्रा के दौरान आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर साथ रखें और प्रशासन की सलाह का पालन करें।
धैर्य और सावधानी ही सबसे अच्छा उपाय
फिलहाल उत्तराखंड में बारिश अपने चरम पर है और हालात सामान्य होने में कुछ दिन लग सकते हैं। केदारनाथ यात्रा का अस्थायी रोकना एक एहतियाती कदम है, जो हजारों लोगों की जान बचा सकता है। जब तक मौसम साफ नहीं हो जाता और बारिश कम नहीं होती, तब तक धैर्य और सावधानी ही सबसे अच्छा उपाय है।
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