घर पर बनाएं पारंपरिक हिमाचली सड्डू – इतिहास और रेसिपी

हिमाचली सड्डू: हिमाचल प्रदेश सिर्फ अपनी सुंदर वादियों, बर्फ से ढके पहाड़ों और शांत वातावरण के लिए ही नहीं, बल्कि अपने पारंपरिक व्यंजनों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ की थाली में मिलने वाला एक खास और पारंपरिक व्यंजन है – सड्डू (Siddu या सिड्डू)। यह व्यंजन मुख्यतः शीत ऋतु में खाया जाता है और पहाड़ों की पारंपरिक रसोई में इसका खास स्थान है।

हिमाचली सड्डू
                        हिमाचली सड्डू

इस लेख में हम जानेंगे कि हिमाचली सड्डू क्या है, इसका इतिहास क्या है और इसे घर पर कैसे आसानी से बनाया जा सकता है।

हिमाचली सड्डू का इतिहास और सांस्कृतिक महत्व:

सड्डू एक प्रकार की भरवां रोटी है जो खमीर उठे आटे से बनाई जाती है। इसे भाप में पकाया जाता है, जिससे इसका स्वाद और पौष्टिकता दोनों बरकरार रहते हैं। सड्डू का संबंध पहाड़ी जीवनशैली से है, जहाँ संसाधनों की सीमितता में भी पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन तैयार किया जाता है।

हिमाचल प्रदेश के मंडी, कुल्लू, शिमला और सिरमौर जिलों में सड्डू बहुत प्रसिद्ध है। यह विशेषकर सर्दियों में खाया जाता है क्योंकि इसमें प्रयोग होने वाली सामग्री जैसे कि अखरोट, तिल, गी, और गेहूं का आटा शरीर को गर्मी और ऊर्जा प्रदान करते हैं। सड्डू अक्सर घी और मटन करी या चने की दाल के साथ खाया जाता है।

ग्रामीण इलाकों में यह व्यंजन त्योहारों, शादियों और पारंपरिक उत्सवों में परोसा जाता है। माना जाता है कि सड्डू की उत्पत्ति हजारों साल पहले हुई जब पहाड़ी समुदायों ने भाप से पकाने की विधि को अपनाया।

🏔️ लोककथाओं के अनुसार:

राजा पदम सिंह (मंडी रियासत) और राजा केहर सिंह (बुशहर रियासत) जैसे शासकों को सर्दियों में स्थानीय व्यंजन बहुत प्रिय थे। वहाँ के बुजुर्गों के अनुसार, उनके शाही रसोई में सड्डू जैसी डिश विशेष अवसरों पर बनाई जाती थी, खासकर जब राजा प्रजा से मिलने गाँवों में जाते थे।

सड्डू बनाने के लिए आवश्यक सामग्री:

आटे के लिए:

  • गेहूं का आटा – 2 कप

  • खमीर (या बेकिंग यीस्ट) – 1 चम्मच

  • गुनगुना पानी – आवश्यकता अनुसार

  • नमक – स्वादानुसार

भरावन (फिलिंग) के लिए:

  • अखरोट – 1/2 कप (दरदरे पिसे हुए)

  • भुने हुए तिल – 2 चम्मच

  • भुनी हुई मूंगफली – 1/4 कप (दरदरे पिसे हुए)

  • हरी धनिया – 2 चम्मच बारीक कटी हुई

  • हरी मिर्च – 1-2 (बारीक कटी हुई)

  • अदरक – 1 चम्मच (कद्दूकस की हुई)

  • नमक – स्वादानुसार

  • घी – 1-2 चम्मच

सड्डू बनाने की विधि:

1. आटा तैयार करना:

  • एक बड़े बर्तन में गेहूं का आटा लें।

  • उसमें थोड़ा सा नमक मिलाएं।

  • अब यीस्ट को गुनगुने पानी में घोलें और 5 मिनट तक रखें जब तक वह सक्रिय हो जाए।

  • फिर उस यीस्ट वाले पानी को आटे में मिलाकर नरम आटा गूंथ लें।

  • अब उस आटे को ढककर किसी गर्म जगह पर 3-4 घंटे के लिए रख दें ताकि वह फूल जाए और खमीर उठ जाए।

2. भरावन तैयार करना:

  • एक कढ़ाई में थोड़ा घी गर्म करें।

  • उसमें मूंगफली को भूनें और अलग निकाल लें।

  • अब तिल को हल्का भूनें ताकि खुशबू आने लगे।

  • फिर पिसे हुए अखरोट, मूंगफली, भुने तिल, हरी मिर्च, धनिया, अदरक और नमक को एक साथ मिला लें।

  • इस मिश्रण में स्वाद के अनुसार थोड़ा घी मिलाएं ताकि फिलिंग नम और चिपकने लायक हो जाए।

3. सड्डू बनाना:

  • अब खमीर उठा आटा लें और उसकी छोटी-छोटी लोइयां बना लें।

  • हर लोई को हल्के हाथ से बेलें और बीच में भरावन भरें।

  • लोई को अच्छे से बंद करें ताकि फिलिंग बाहर न निकले।

  • अब सभी सड्डू को भाप में पकाने के लिए तैयार रखें।

4. भाप में पकाना (Steaming):

  • एक इडली स्टैंड या स्टीमर में पानी उबालें।

  • तेल से ग्रीस किए हुए प्लेट्स या इडली मोल्ड में सड्डू रखें।

  • ढक्कन लगाकर 15-20 मिनट तक मध्यम आंच पर भाप में पकाएं।

  • पकने के बाद सड्डू हल्के सुनहरे और फूलने लगेंगे।

सड्डू को कैसे परोसें:

सड्डू को गरम-गरम परोसा जाता है। इसे परोसने के लिए नीचे दिए गए कुछ विकल्प अपनाए जा सकते हैं:

  1. देशी घी: सड्डू को तोड़कर ऊपर से देशी घी डालें।

  2. मटन या छोले की करी: यह सड्डू के साथ बहुत अच्छा मेल बनाते हैं।

  3. मूली या आम का अचार: खट्टी-तीखी चटनी और अचार सड्डू के स्वाद को और बढ़ाते हैं।

  4. चने की दाल: हिमाचल में सड्डू के साथ खास चने की दाल परोसी जाती है।

हिमाचली सड्डू
                     हिमाचली सड्डू

पोषण और स्वास्थ्य लाभ:

  • ऊर्जा का स्रोत: गेहूं का आटा, तिल, और मूंगफली शरीर को गर्मी और ताकत देते हैं।

  • प्रोटीन और अच्छे वसा: अखरोट और मूंगफली में प्रोटीन और हेल्दी फैट्स होते हैं।

  • पचने में आसान: भाप में पकाने से यह हल्का और सुपाच्य बनता है।

हिमाचली सड्डू न केवल एक स्वादिष्ट व्यंजन है, बल्कि यह हिमाचल की संस्कृति, परंपरा और खानपान का जीवंत उदाहरण भी है। बदलते समय में जहाँ लोग फास्ट फूड की ओर बढ़ रहे हैं, ऐसे में सड्डू जैसे पारंपरिक व्यंजन न केवल स्वाद बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी जरूरी हैं। यह रेसिपी घर पर बनाकर न सिर्फ स्वाद का आनंद लें, बल्कि अपने परिवार को हिमाचली संस्कृति से जोड़ने का एक अवसर भी बनाएं।

क्या आपने कभी सड्डू खाया है? अगर नहीं, तो इस सर्दी इसे ज़रूर ट्राय करें और एक बार हिमाचल की रसोई का स्वाद घर बैठे लें।

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