क्यों कुछ लोग मीठे के आदि हो जाते हैं: बहुत से लोग अक्सर कहते हैं – “मुझे तो मीठा खाना बहुत पसंद है,” या “खाना खा लिया, अब कुछ मीठा हो जाए।” क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ लोग मीठे के इतने दीवाने क्यों होते हैं? चलिए विस्तार से जानते हैं कि इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं:

मस्तिष्क में ‘डोपामिन’ का प्रभाव:
मीठा खाने पर मस्तिष्क में डोपामिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज़ होता है। यह हमें खुशी और संतोष की अनुभूति देता है। यह वही केमिकल है जो ड्रग्स या शराब लेने पर भी निकलता है।
👉 नतीजा: बार-बार मीठा खाने से मस्तिष्क इस खुशी को दोहराना चाहता है, जिससे आदत बन जाती है।
बचपन की यादें और भावनात्मक जुड़ाव:
बचपन में जन्मदिन, त्यौहार, ईनाम या खुशी के मौके पर मिठाइयाँ दी जाती थीं। ऐसे में हमारा मन मीठे को खुशी, प्यार और आराम से जोड़ने लगता है।
👉 नतीजा: तनाव, अकेलापन या दुख के समय लोग मीठे की ओर आकर्षित हो जाते हैं।
ब्लड शुगर में अचानक गिरावट:
जब हमारे शरीर में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) कम हो जाती है – जैसे भूख लगने पर या लंबे समय तक कुछ न खाने पर – तो दिमाग जल्दी से ऊर्जा पाने के लिए मीठे की मांग करता है।
👉 नतीजा: अचानक मीठा खाने की तीव्र इच्छा होती है।
हार्मोनल बदलाव:
खासकर महिलाओं में पीरियड्स, गर्भावस्था या मेनोपॉज़ के दौरान हार्मोन में बदलाव होता है, जिससे मीठे की लालसा बढ़ जाती है।
👉 नतीजा: शरीर मीठे से ऊर्जा और भावनात्मक स्थिरता चाहता है।
अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड का सेवन:
चॉकलेट, केक, सॉफ्ट ड्रिंक जैसी चीज़ें ज्यादा खाने से स्वाद कलिकाएं (taste buds) मीठे की अभ्यस्त हो जाती हैं। फिर सामान्य खाना फीका लगता है।
👉 नतीजा: बार-बार मीठे की तलब लगती है।
नींद की कमी और तनाव:
जब हम नींद पूरी नहीं लेते या तनाव में रहते हैं, तो ‘ghrelin’ हार्मोन बढ़ जाता है जो भूख को उत्तेजित करता है – खासकर हाई-शुगर फूड की।
👉 नतीजा: थकावट या चिंता के समय मीठा खाने की लालसा बढ़ जाती है।
जेनेटिक (आनुवंशिक) कारण:
कुछ रिसर्च में पाया गया है कि कुछ लोगों के जीन्स ऐसे होते हैं जो उन्हें मीठे के स्वाद के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनाते हैं।
👉 नतीजा: ऐसे लोग स्वाभाविक रूप से मिठा ज्यादा पसंद करते हैं।
कैसे पहचानें कि आप मीठे के आदी हो रहे हैं?
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बिना मीठे के मन अधूरा लगता है।
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रोज़ाना मीठा खाने की तलब लगती है।
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तनाव या थकान में खुद को मीठे से सांत्वना देते हैं।
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मीठा न मिले तो चिड़चिड़ापन महसूस होता है।

मीठे की लत से कैसे छुटकारा पाएं?
- धीरे-धीरे मात्रा कम करें, अचानक बंद न करें।
- गुड़, खजूर या फल जैसे प्राकृतिक विकल्प अपनाएं।
- प्रोटीन और फाइबर युक्त आहार लें, जिससे शुगर क्रेविंग कम हो।
- भरपूर नींद लें और स्ट्रेस कम करें।
- कई बार प्यास को भी लोग भूख समझ बैठते हैं। दिनभर में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
- जो चीज़ सामने होगी, वही खाएंगे। चॉकलेट, बिस्किट, कोल्ड ड्रिंक आदि खरीदकर लाना ही बंद करें।
- ज़रूरत हो तो न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह लें।
मीठे की लत सिर्फ स्वाद की नहीं, बल्कि मस्तिष्क, हार्मोन, आदत और भावनाओं की जटिल प्रक्रिया है। अगर आप समझदारी से संतुलन बनाए रखें, तो मीठा भी ज़िंदगी का स्वाद बना रह सकता है — बिना आपकी सेहत को नुकसान पहुँचाए।
✅ याद रखें:
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मीठा पूरी तरह बुरा नहीं है, पर उसका संतुलन जरूरी है।
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आदत बदलने में समय लगता है, लेकिन आप कर सकते हैं।
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