What is OCD (OCD क्या है?): क्या आप या आपके जानने वाला कोई व्यक्ति बार-बार हाथ धोता है? हर बार दरवाज़ा बंद करके लौटते हुए दोबारा चेक करता है कि ताला लगा या नहीं? या फिर बार-बार कोई एक बात सोचकर परेशान रहता है? अगर हां, तो यह सिर्फ एक आदत नहीं, बल्कि एक मानसिक स्थिति हो सकती है जिसे कहते हैं – OCD (Obsessive Compulsive Disorder)।
हमारी दिनचर्या में कुछ आदतें होती हैं जो हमें सुरक्षा और संतुलन का एहसास देती हैं, लेकिन जब वही आदतें बार-बार दोहराई जाएं और हमारी सोच, समय और ऊर्जा पर हावी हो जाएं, तो यह एक मानसिक बीमारी का संकेत हो सकता है।
आइए इस लेख में जानते हैं कि OCD क्या होता है, इसके लक्षण क्या हैं, यह क्यों होता है, इससे जुड़ी भ्रांतियां क्या हैं और इसका इलाज कैसे संभव है।
OCD का मतलब क्या होता है? What is OCD?
OCD यानी Obsessive Compulsive Disorder, एक ऐसी मानसिक स्थिति है जिसमें व्यक्ति के दिमाग में बार-बार अनचाही विचार (Obsessions) आते हैं और उनसे छुटकारा पाने के लिए वह कुछ काम बार-बार करता है (Compulsions)।
यह एक सामान्य चिंता या घबराहट से कहीं ज्यादा गंभीर स्थिति होती है। OCD वाला व्यक्ति जानता है कि उसकी सोच या व्यवहार असामान्य है, लेकिन वो उन्हें रोक नहीं पाता।
उदाहरण के तौर पर, किसी को बार-बार लगता है कि उसके हाथ गंदे हैं और वह दिन में 50 बार भी हाथ धोता है। या फिर कोई सोचता है कि गैस बंद नहीं हुई, तो बार-बार किचन जाकर चेक करता है।
OCD के आम लक्षण क्या हैं?
OCD के लक्षण दो हिस्सों में बांटे जा सकते हैं –
Obsessions (विचार) और Compulsions (व्यवहार)।
Obsessions (बार-बार आने वाले विचार):
- बार-बार हाथ गंदे होने का डर
- किसी को नुकसान पहुँचाने की डरावनी कल्पनाएं
- सबकुछ बिल्कुल परफेक्ट और सीधा-साफ दिखना चाहिए
- धार्मिक या नैतिक विचारों को लेकर अत्यधिक चिंता
- संक्रामण या बीमारी का डर
Compulsions (बार-बार किया जाने वाला व्यवहार):
- बार-बार हाथ धोना
- हर चीज को गिनते रहना
- दरवाज़ा, ताले, गैस या स्विच को बार-बार चेक करना
- एक ही काम को बार-बार दोहराना
- चीजों को एक तय क्रम में रखना
इन लक्षणों के चलते व्यक्ति सामान्य जीवन नहीं जी पाता। उसकी पढ़ाई, नौकरी, रिश्ते और सामाजिक जीवन सब पर असर पड़ता है।
OCD क्यों होता है? जानिए इसके कारण
OCD के पीछे सिर्फ मानसिक तनाव नहीं होता, बल्कि इसके पीछे कई जैविक, मनोवैज्ञानिक और पारिवारिक कारण हो सकते हैं।
- ब्रेन के केमिकल असंतुलन – मस्तिष्क में सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का असंतुलन OCD का कारण हो सकता है।
- जेनेटिक फैक्टर – अगर परिवार में किसी को OCD है, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है।
- बचपन का ट्रॉमा या स्ट्रेस – गंभीर मानसिक या भावनात्मक आघात भी OCD को जन्म दे सकता है।
- व्यक्तित्व और परवरिश – अधिक अनुशासनप्रिय या चिंताग्रस्त स्वभाव वाले लोगों में यह ज्यादा देखने को मिलता है।
OCD और आम चिंता में क्या फर्क है?
कई बार लोग सोचते हैं कि OCD सिर्फ चिंता या स्ट्रेस का ही नाम है, लेकिन ऐसा नहीं है।
जहां सामान्य चिंता समय के साथ कम हो जाती है, वहीं OCD की चिंता बिना इलाज के बढ़ती जाती है।
उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति घर से निकलते वक्त एक बार चेक करता है कि ताला लगा या नहीं, तो यह सामान्य है। लेकिन अगर वह दस बार जाकर चेक करता है, फिर भी चैन नहीं पड़ता – तो यह OCD हो सकता है।
OCD से जुड़ी कुछ गलतफहमियां
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OCD का मतलब है साफ-सफाई की आदत – नहीं, यह सिर्फ एक लक्षण हो सकता है। OCD कई रूपों में होता है।
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OCD मजाक की चीज़ है – कई लोग बिना सोचे कहते हैं “मुझे भी OCD है”, जब वे चीजें साफ-सुथरी रखते हैं। लेकिन असल OCD मानसिक पीड़ा देती है।
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OCD का इलाज नहीं है – यह भी मिथ है। सही इलाज से OCD को पूरी तरह कंट्रोल किया जा सकता है।
OCD का इलाज कैसे किया जाता है?
OCD का इलाज संभव है और इसके लिए दो मुख्य रास्ते होते हैं – मनोचिकित्सा (Therapy) और दवाएं (Medication)। कभी-कभी दोनों का संयोजन सबसे कारगर होता है।
1. CBT (Cognitive Behavioral Therapy):
यह थेरेपी OCD में सबसे असरदार मानी जाती है। इसमें व्यक्ति को उसकी नकारात्मक सोच को पहचानना और उसे बदलना सिखाया जाता है।
2. ERP (Exposure and Response Prevention):
यह CBT का एक हिस्सा है, जिसमें व्यक्ति को धीरे-धीरे उन परिस्थितियों से रूबरू कराया जाता है जिनसे वह डरता है, और उसे सिखाया जाता है कि बिना दोहराए हुए व्यवहार के भी कुछ गलत नहीं होगा।
3. दवाएं:
कुछ मानसिक रोग विशेषज्ञ OCD के इलाज के लिए SSRIs (Selective Serotonin Reuptake Inhibitors) नामक दवाएं देते हैं, जो दिमाग में सेरोटोनिन का स्तर नियंत्रित करती हैं।
4. सपोर्ट ग्रुप और काउंसलिंग:
OCD वाले व्यक्ति को अपनों का साथ और समझदारी बहुत जरूरी होती है। उन्हें अकेला न महसूस होने देना और मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखना इलाज में बहुत मदद करता है।
बच्चों में भी हो सकता है OCD
OCD सिर्फ बड़ों में नहीं, बच्चों में भी हो सकता है। अगर बच्चा बार-बार चीजें गिनता है, हाथ धोता है या स्कूल का बैग चेक करता रहता है, तो यह OCD का संकेत हो सकता है।
पेरेंट्स को चाहिए कि वे इसे नजरअंदाज न करें और किसी बाल मानसिक विशेषज्ञ से संपर्क करें। जल्दी इलाज शुरू करना बहुत जरूरी होता है।
OCD से कैसे निपटें? कुछ मददगार उपाय
- खुद को समझाएं कि आपकी सोच हकीकत नहीं है
- गहरी सांस लें और ध्यान (Meditation) करें
- समय की प्लानिंग करें ताकि OCD सोच के लिए जगह कम बचे
- परिवार और दोस्तों से बात करें
- प्रोफेशनल से थेरेपी लें – इसमें शर्माने या डरने की कोई बात नहीं
OCD बीमारी है, कमजोरी नहीं
OCD एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य मानसिक स्थिति है। इससे पीड़ित व्यक्ति अक्सर खुद से लड़ता रहता है – अपनी सोच से, अपने व्यवहार से और दुनिया की समझ से।
इसलिए समाज की जिम्मेदारी है कि हम OCD को मजाक न बनाएं, बल्कि इसे समझें और इससे जूझ रहे लोगों को सपोर्ट दें।
अगर आपको या आपके किसी अपने को OCD जैसा कोई लक्षण दिखे, तो तुरंत काउंसलर या मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।
मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक स्वास्थ्य – और इसे नजरअंदाज करना हमारी सबसे बड़ी भूल हो सकती है।
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