Atma Veereshwar Temple fire: वाराणसी के आत्मविश्वेश्वर मंदिर में भीषण आग, सात लोग झुलसे, सावन के आखिरी दिन मचा हड़कंप

Atma Veereshwar Temple Fire: वाराणसी के चौक थाना क्षेत्र में स्थित Atma Veereshwar मंदिर में शनिवार देर शाम एक बड़ा हादसा हो गया। सावन के आखिरी दिन, जब मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी थी और शाम की आरती चल रही थी, तभी अचानक आग लग गई। इस भीषण अग्निकांड में पुजारी समेत सात लोग झुलस गए। मौके पर अफरा-तफरी मच गई और चीख-पुकार के बीच लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ लगा दी।

हादसे की वजह बनी दीपक से लगी आग | Atma Veereshwar Temple Fire

सूत्रों के अनुसार, मंदिर को सावन के अंतिम सोमवार पर खास सजावट से सजाया गया था। मंदिर के अंदर दीवारों और छत को रूई की सजावट से ढका गया था, जिससे माहौल भक्ति और उत्सव का प्रतीक लग रहा था। शाम की आरती के दौरान जब भक्ति का माहौल चरम पर था, तभी एक जलता हुआ दीपक अचानक नीचे गिर गया।

दीपक के गिरते ही रूई की सजावट ने आग पकड़ ली और कुछ ही पलों में लपटें तेजी से फैलने लगीं। रूई की वजह से आग इतनी तेज हो गई कि आसपास खड़े लोगों को समझने का भी समय नहीं मिला और मंदिर धुएं और लपटों से भर गया।

श्रद्धालुओं में मची भगदड़

आग लगते ही मंदिर में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। लोग जान बचाने के लिए दरवाजे और खिड़कियों की ओर दौड़ने लगे। कई श्रद्धालु धुएं में घिर गए और कुछ को बाहर निकलने में मुश्किल हुई। पुजारी समेत सात लोग आग की चपेट में आकर झुलस गए।

घायलों में कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचना दी। दमकल की टीम ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक मंदिर के अंदर का बड़ा हिस्सा जल चुका था।

घायलों को तुरंत पहुंचाया गया अस्पताल

झुलसे हुए सभी लोगों को पहले एम्बुलेंस से मंडलीय अस्पताल ले जाया गया। वहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए महमूरगंज स्थित जेएस मेमोरियल अस्पताल रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों की टीम लगातार उनका इलाज कर रही है।

अस्पताल प्रशासन के अनुसार, कुछ घायलों के चेहरे और हाथ गंभीर रूप से झुलस गए हैं। उनका इलाज प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।

मंत्री और जिलाधिकारी पहुंचे अस्पताल

जैसे ही घटना की जानकारी प्रशासन और सरकार को मिली, तुरंत कार्रवाई शुरू हो गई। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह घटना की सूचना मिलते ही अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों के इलाज के बारे में जानकारी ली और कहा कि घायलों के इलाज में कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

इसके साथ ही जिलाधिकारी वाराणसी भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायलों का हालचाल जाना और डॉक्टरों को निर्देश दिया कि सभी घायलों को बेहतरीन चिकित्सा सुविधा दी जाए।

सावन के आखिरी दिन था विशेष आयोजन

सावन का महीना वाराणसी के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद खास होता है। इस महीने में भगवान शिव के मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है। आत्मविश्वेश्वर मंदिर में भी सावन के आखिरी दिन विशेष आरती और सजावट का आयोजन किया गया था।

शाम को बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे थे। मंदिर को आकर्षक बनाने के लिए खासतौर पर रूई से सजाया गया था, लेकिन इसी सजावट ने हादसे को भयावह बना दिया। आग लगने की घटना ने श्रद्धालुओं के उत्साह को मातम में बदल दिया।

Atma Veereshwar Temple fire

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने जताई चिंता

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा—

“वाराणसी में माँ संकठा जी मंदिर के बगल में श्री Atma Veereshwar महादेव मंदिर में आग लगने और कई श्रद्धालुओं के झुलसने की खबर दुखद है। मैं बाबा श्री काशी विश्वनाथ जी से इस दुर्घटना में घायल हुए श्रद्धालुओं के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।”

उन्होंने प्रशासन से भी अपील की कि घायलों को हर संभव सहायता दी जाए और इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।

हादसे के बाद मंदिर परिसर में सन्नाटा

हादसे के बाद मंदिर परिसर में शोक और सन्नाटा छा गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने इस तरह का हादसा पहले कभी नहीं देखा था। आग लगने के बाद कुछ समय तक आसपास के इलाके में भी हड़कंप मचा रहा।

कई श्रद्धालु जो घटना के समय मंदिर में मौजूद थे, अभी भी सदमे में हैं। उनका कहना है कि अगर आग पर समय रहते काबू नहीं पाया जाता, तो जानमाल का नुकसान और भी ज्यादा हो सकता था।

सुरक्षा व्यवस्थाओं पर उठे सवाल

यह घटना मंदिरों और धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर कई सवाल खड़े करती है। भीड़भाड़ वाले आयोजनों में ज्वलनशील सामग्री का इस्तेमाल कितना खतरनाक हो सकता है, इसका उदाहरण यह हादसा बन गया।

विशेषज्ञों का मानना है कि मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर अग्निशमन के उपकरण, फायर अलार्म और प्रशिक्षित स्टाफ की मौजूदगी जरूरी है, ताकि आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।

प्रशासन कर रहा जांच

जिलाधिकारी ने घटना की पूरी जांच के आदेश दे दिए हैं। यह पता लगाया जाएगा कि आग लगने के बाद उसे फैलने से रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए थे और क्या सजावट के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था।

प्रशासन का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

निष्कर्ष

Atma Veereshwar मंदिर में लगी यह आग सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा के प्रति लापरवाही कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है। सावन के आखिरी दिन का यह आयोजन श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक था, लेकिन एक छोटी सी चूक ने इसे दर्दनाक बना दिया।

सात लोगों के झुलसने की यह घटना पूरे वाराणसी के लिए दुखद है, लेकिन साथ ही यह एक सीख भी है कि हमें हर उत्सव, हर आयोजन में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।

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