कसाब को सज़ा दिलाने वाले वकील अब बनेंगे सांसद – जानिए उज्ज्वल निकम की कहानी

देश के सबसे चर्चित वकीलों में शुमार उज्ज्वल निकम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए नामित किया है। 12 जुलाई को केंद्र सरकार ने यह घोषणा की, जिसमें चार प्रमुख हस्तियों को राज्यसभा के लिए नामित किया गया, और उज्ज्वल निकम उनमें से एक हैं।

उनकी इस नियुक्ति को न सिर्फ कानूनी जगत में बल्कि पूरे देश में एक सम्मानजनक उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। उनके अनुभव, संघर्ष और समर्पण की कहानी हर भारतीय को प्रेरणा देती है।

कौन हैं उज्ज्वल निकम?

उज्ज्वल निकम

उज्ज्वल देवरो निकम, महाराष्ट्र के जलगांव जिले से ताल्लुक रखते हैं और एक मशहूर विशेष लोक अभियोजक (Special Public Prosecutor) हैं। उन्होंने अपने लंबे करियर में कई हाई-प्रोफाइल आपराधिक मामलों में सरकार की ओर से पैरवी की है।

उनका नाम सबसे ज़्यादा तब चर्चा में आया जब उन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मामले में मुख्य आरोपी अजमल कसाब के खिलाफ सफलतापूर्वक मुकदमा चलाया। उस समय पूरे देश की निगाहें अदालत पर थीं, और निकम ने आतंक के खिलाफ न्याय का झंडा बुलंद किया।

26/11 केस में प्रमुख भूमिका

2008 के मुंबई आतंकी हमले में जब अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया, तब उज्ज्वल निकम को इस केस की पैरवी की ज़िम्मेदारी दी गई। उन्होंने ठोस कानूनी रणनीतियों और तथ्यों के दम पर कसाब को सज़ा दिलवाई।

यह मामला सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की निगाह में था। निकम की भूमिका को देशभर में सराहा गया। इस केस ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई।

26/11 केस में सरकार द्वारा दी गई फीस – मीडिया रिपोर्ट के अनुसार:

मीडिया रिपोर्ट्स (NDTV, Mid-Day, The Hindu आदि) और सरकारी दस्तावेजों से पता चला है कि उज्ज्वल निकम को 26/11 केस के लिए निम्नलिखित फीस और सुविधाएं दी गई थीं:

₹50,000 प्रति कोर्ट पेशी (Result-Oriented Hearing Fee)

सरकार ने उन्हें हर बार कोर्ट में पेश होने पर ₹50,000 का भुगतान किया।

₹10,000 प्रति घंटे की सलाह शुल्क (Consultation Fee)

अगर सरकार ने केस पर किसी कानूनी सलाह के लिए समय लिया, तो प्रति घंटे ₹10,000 दिए गए।

बिजनेस क्लास यात्रा और सरकारी गाड़ी की सुविधा

उनके लिए बिजनेस क्लास में हवाई यात्रा की अनुमति दी गई, साथ ही सरकारी वाहन और अन्य ट्रैवल भत्ते भी दिए गए।

सरकारी खर्च पर होटल में ठहरने की सुविधा

मुंबई में सुनवाई के दौरान उनके रहने की व्यवस्था भी सरकार की तरफ से की गई, और उसके खर्च सरकारी खजाने से दिए गए।

देशसेवा पहले, पैसे बाद में

उज्ज्वल निकम ने कई बार इंटरव्यू में कहा है कि वे कई मामलों में देशसेवा की भावना से जुड़े और उन्होंने फीस नहीं ली, या बहुत कम ली।

उनके शब्दों में: “कुछ केस में मैंने फीस लेने से मना कर दिया क्योंकि वो देश के सम्मान और न्याय से जुड़ा सवाल था।”

अन्य प्रमुख मुकदमे

उज्ज्वल निकम का करियर 40 साल से भी ज्यादा लंबा है। इस दौरान उन्होंने कई बड़े केस लड़े, जिनमें शामिल हैं:

  • 1991 बॉम्बे बम धमाके केस
  • 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट
  • 2003 गेटवे ऑफ इंडिया बम धमाके
  • गुलशन कुमार मर्डर केस
  • बीजेपी नेता प्रमोद महाजन मर्डर केस

इन सभी मामलों में उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की ओर से अदालत में मजबूती से पक्ष रखा।

सामाजिक और कानूनी योगदान

उज्ज्वल निकम ने TADA (टाडा कानून) जैसे जटिल कानूनों के तहत भी मुकदमे लड़े। वे आम जनता के अधिकारों की रक्षा और न्याय प्रणाली को मजबूत करने में भी हमेशा आगे रहे हैं।

उनकी कानूनी सेवाओं के लिए उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं। साल 2016 में भारत सरकार ने उन्हें ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया।

राजनीति में भी सक्रिय भूमिका

उज्ज्वल निकम न सिर्फ वकील हैं बल्कि वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता भी हैं। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में मुंबई नॉर्थ सेंट्रल सीट से चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्हें जीत नहीं मिल सकी। इसके बावजूद पार्टी और देश में उनकी प्रतिष्ठा बरकरार रही।

राज्यसभा में नामांकन पर क्या बोले निकम?

राज्यसभा सदस्य बनाए जाने के बाद उज्ज्वल निकम ने मीडिया से बातचीत में कहा:

“ये मेरे लिए गर्व का पल है। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि राष्ट्रपति जी मुझे राज्यसभा के लिए नामित करेंगी।”

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें खुद फोन कर इस फैसले की जानकारी दी। “पीएम ने मुझसे पूछा कि हिंदी में बात करें या मराठी में? हम दोनों हंस पड़े और फिर उन्होंने मराठी में बात की,” निकम ने मुस्कुराते हुए कहा। उन्होंने आगे कहा,

“मैं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और पार्टी का दिल से आभार व्यक्त करता हूं। मैं राज्यसभा में राष्ट्रपति जी का प्रतिनिधित्व पूरी ईमानदारी और निष्ठा से करूंगा।”

पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वल निकम को बधाई देते हुए कहा कि उनकी “कानूनी क्षेत्र और संविधान के प्रति निष्ठा अनुकरणीय है।” पीएम ने कहा:

“निकम न सिर्फ एक सफल वकील हैं, बल्कि हमेशा संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने और आम नागरिकों को सम्मान दिलाने के लिए काम करते रहे हैं। राज्यसभा में उनका अनुभव अमूल्य साबित होगा।”

राष्ट्रपति द्वारा नामित अन्य सदस्य

उज्ज्वल निकम के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तीन अन्य प्रमुख व्यक्तियों को भी राज्यसभा के लिए नामित किया है:

  1. हर्षवर्धन श्रृंगला – पूर्व विदेश सचिव और G20 समिट के प्रमुख समन्वयक

  2. सी. सदानंदन मास्टर – वरिष्ठ समाजसेवी और शिक्षक, केरल से

  3. मीनाक्षी जैन – विख्यात इतिहासकार और लेखक

न्याय, सेवा और सम्मान का प्रतीक

उज्ज्वल निकम की कहानी सिर्फ एक वकील की नहीं, बल्कि एक सच्चे देशभक्त और जनसेवक की कहानी है। उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ न्याय दिलाने में जो साहस दिखाया, वह हमेशा याद किया जाएगा।

अब जब वे राज्यसभा में अपनी नई भूमिका निभाएंगे, तो उनसे यही अपेक्षा रहेगी कि वे अपनी कानूनी विशेषज्ञता और अनुभव से संसद को मजबूत बनाने में योगदान देंगे।

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