Anti-aging का सच: क्या इंसान सचमुच उम्र बढ़ने की रफ्तार को कम कर सकता है?

क्या वाकई हम जवान बने रह सकते हैं? Anti-aging रिसर्च इस सपने को हकीकत में बदलने की कोशिश कर रही है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, बीमारियों और विकलांगता का खतरा भी बढ़ता है। उम्र के साथ शरीर में कोशिकाओं और अणुओं को नुकसान होता है, और धीरे-धीरे यह नुकसान अंगों के कामकाज को प्रभावित करने लगता है।

वैज्ञानिक मानते हैं कि अगर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा या रोक दिया जाए, तो उम्र से जुड़ी कई बीमारियों को रोका जा सकता है। जैसे एक कार समय के साथ घिसती है, वैसे ही शरीर भी धीरे-धीरे कमजोर होता है – लेकिन हमारे शरीर में मरम्मत के सिस्टम होते हैं, जो समय के साथ कमजोर हो जाते हैं।

उम्र का मापन और जैविक आयु

हर व्यक्ति की उम्र बढ़ने की रफ्तार अलग होती है। कुछ लोग लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं, जबकि दूसरों को जल्दी बीमारियां हो जाती हैं। इसे समझने के लिए वैज्ञानिक “जैविक आयु” का उपयोग करते हैं, जो शरीर में जमा हुई कोशिकीय क्षति को दर्शाती है।शोधकर्ता अब ऐसी “उम्र बढ़ने की घड़ियाँ” बना रहे हैं, जो बायोमार्करों के आधार पर किसी की जैविक आयु या उम्र बढ़ने की रफ्तार माप सकें। उदाहरण के लिए, डुनेडिनपीएसीई नामक एक एल्गोरिद्म है, जो डीएनए के रासायनिक बदलावों (मिथाइलेशन) को देखकर यह बताता है कि कोई व्यक्ति कितनी जल्दी बूढ़ा हो रहा है। इससे डॉक्टर यह तय कर सकते हैं कि किसे जल्दी जांच या इलाज की जरूरत है।

मस्तिष्क की उम्र बढ़ाना और उसे पुनर्जीवित करना

जैसे-जैसे हम बूढ़े होते हैं, हमारे मस्तिष्क की कोशिकाएं और उनकी कनेक्शन कमजोर होने लगती हैं, जिससे याददाश्त और सीखने की क्षमता कम हो सकती है। शोध में पाया गया कि युवा चूहों के रक्त या मानव गर्भनाल रक्त में कुछ ऐसे पदार्थ होते हैं जो वृद्ध मस्तिष्क की क्षमताओं को सुधार सकते हैं। खास प्रोटीन TIMP2 की मौजूदगी से मस्तिष्क की प्लास्टिसिटी बढ़ती है और याददाश्त बेहतर होती है। इस खोज की मदद से न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों के इलाज के नए तरीके विकसित हो सकते हैं, जिससे उम्र बढ़ने के दुष्प्रभावों को कम किया जा सके।

Anti aging
TIMP2 aids in cellular repair and prevents tissue degradation that typically occurs with aging.

कैलोरी सीमित करना और उम्र बढ़ने को धीमा करना

अभी तक उम्र बढ़ने को रोकने वाली कोई जादुई दवा नहीं है, लेकिन कुछ साधारण आदतें हमारी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकती हैं। शारीरिक गतिविधि और स्वस्थ आहार सबसे प्रभावी तरीके हैं। इसके अलावा, कैलोरी सीमित करना (Calorie Restriction या CR) भी Anti aging में सहायता कर सकता है। इसमें आप अपनी कैलोरी की मात्रा कम करते हैं लेकिन जरूरी पोषक तत्व पूरे लेते हैं। NIH के एक अध्ययन (CALERIE) में, 200 से अधिक लोगों ने 2 साल तक अपनी कैलोरी 25% तक कम की। इससे उनका वजन कम हुआ और उम्र बढ़ने की गति धीमी हुई। मांसपेशियों की ताकत भी बनी रही, जबकि मांसपेशियों के ऊतकों में सुधार हुआ। शोध में पाया गया कि CR से शरीर में सूजन कम होती है और मांसपेशियों के स्वास्थ्य से जुड़े कई जीन बेहतर तरीके से काम करते हैं। यह उम्र बढ़ने के नकारात्मक असर को कम कर सकता है। हालांकि, सबसे जरूरी है कि आप नियमित रूप से सक्रिय रहें, धूम्रपान न करें, स्वस्थ वजन बनाए रखें, अच्छी नींद लें, जरूरी टीकाकरण कराएं और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाएं। ये उपाय आपकी जीवनशैली को बेहतर बनाकर आपकी उम्र 10 साल तक बढ़ा सकते हैं। डॉ. फेरुची कहते हैं, “जादुई गोली की जरूरत नहीं है, ये स्वस्थ आदतें ही असली चमत्कार हैं।”

Anti aging
A low-calorie diet can help slow down the aging process.

जीन और स्टेम सेल थेरेपी

जीन थेरेपी में हम शरीर के अंदर खराब या कमजोर हो रहे जीन को सही या नया जीन लगाकर सुधारने की कोशिश करते हैं।टेलोमेरेज़ (Telomerase) नामक एंजाइम जो हमारी कोशिकाओं के टेलोमेयर को लंबा करता है को सक्रिय करा जा सकता है ये टेलोमेयर कोशिकाओं के “घड़ी” की तरह होते हैं, जो हर डिवीजन के साथ छोटे होते जाते हैं। इन्हें लंबा रखने से कोशिकाओं की उम्र बढ़ सकती है तथा यह Anti-aging में सहायक सिद्ध हो सकती है

एपिजेनेटिक रीप्रोग्रामिंग (Epigenetic Reprogramming) — यानी कोशिकाओं के जेनेटिक “ऑन-ऑफ” स्विच को बदलकर उन्हें युवा स्थिति में वापस लाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, 2019 में TRIIM ट्रायल (Greg Fahy द्वारा) में कुछ प्रतिभागियों की एपिजेनेटिक उम्र थोड़ी कम हुई थी — पर यह एक छोटा और प्रारंभिक अध्ययन था।

stem cell therapy
                    stem cell therapy

व्यायाम और उम्र बढ़ने पर उसका प्रभाव: Exercise and Anti-Aging:

व्यायाम से हमारे शरीर की कोशिकाओं में मौजूद माइटोकॉन्ड्रिया (ऊर्जा बनाने वाले अंग) की संख्या और गुणवत्ता बढ़ती है। उम्र बढ़ने के साथ शरीर में सूजन बढ़ती है, नियमित व्यायाम से यह सूजन कम होती है, जिससे हृदय रोग, मधुमेह, गठिया जैसी बीमारियों का खतरा घटता है। व्यायाम से मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे “खुशी वाले” हार्मोन बढ़ते हैं। इससे डिप्रेशन, चिंता कम होती है और याददाश्त भी तेज होती है। शोध बताते हैं कि नियमित व्यायाम करने वाले लोग उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर, ज़्यादा स्वस्थ और लंबा जीवन जीते हैं।

Anti-aging exercise

दवाएं और सप्लीमेंट्स जो उम्र बढ़ने को धीमा कर सकते हैं:

Rapamycin:

यह दवा mTOR नामक प्रोटीन को रोकती है। mTOR प्रोटीन कोशिकाओं की वृद्धि और प्रोटीन संश्लेषण को नियंत्रित करता है। जब mTOR बहुत सक्रिय होता है, तो वह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को तेज कर सकता है और Anti-aging में मदद कर सकता है।

Metformin:

यह एक पुरानी और लोकप्रिय मधुमेह (डायबिटीज) की दवा है। यह शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। इसके साथ ही, यह उम्र से जुड़ी बीमारियों जैसे हृदय रोग, कैंसर, और दिमागी गिरावट के खतरे को भी कम कर सकता है। यह एक प्रभावी Anti-aging उपाय साबित हो सकता है।

NAD+ Boosters (NMN, NR):

NAD+ एक आवश्यक सह-एंजाइम है जो कोशिकाओं में ऊर्जा उत्पादन और डीएनए मरम्मत में मदद करता है NMN (Nicotinamide Mononucleotide) और NR (Nicotinamide Riboside) NAD+ की मात्रा बढ़ाने वाले सप्लीमेंट्स हैं। उम्र बढ़ने के साथ NAD+ का स्तर गिरता है, जिससे ऊर्जा कम होती है और डीएनए की मरम्मत धीमी पड़ जाती है। इन सप्लीमेंट्स से NAD+ बढ़कर कोशिकाएं ज्यादा सक्रिय और स्वस्थ रह सकती हैं।

Senolytics (जैसे Fisetin, Quercetin):

ये दवाएं और पौधों से प्राप्त प्राकृतिक यौगिक होते हैं जो सेनेसेंट (बुढ़ी और निष्क्रिय) कोशिकाओं को खत्म करते हैं। Senolytics इन खराब कोशिकाओं को हटाकर शरीर को स्वस्थ बनाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं। Fisetin आमतौर पर स्ट्रॉबेरी में पाया जाता है। Quercetin सेब, प्याज, और कई फल- सब्जियों में पाया जाता है। यह त्वचा व शरीर पर Anti-aging प्रभाव डाल सकता है।

नोट:

  • ये दवाएं और सप्लीमेंट्स अभी भी शोध के दौर में हैं।
  • इन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।
  • हर व्यक्ति के लिए इनके प्रभाव अलग हो सकते हैं।

आज की तारीख तक किसी भी वैज्ञानिक या चिकित्सीय विधि से इंसानों में बुढ़ापे को पूरी तरह से उलटना (Reverse aging) संभव नहीं हुआ है। वैज्ञानिक प्रगति के आधार पर यह कहा जा सकता है कि हम उम्र बढ़ने की प्राकृतिक प्रक्रिया को पूरी तरह नहीं रोक सकते, लेकिन हम इसे धीमा जरूर कर सकते हैं, और उससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि हम अपना स्वस्थ जीवनकाल (Healthspan) बढ़ा सकते हैं। Anti-Aging का असली रहस्य दीर्घायु नहीं, बल्कि गुणवत्ता से भरपूर जीवन है — जो व्यायाम, पोषण और वैज्ञानिक समझ से संभव है।

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