डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ (शुल्क) लगाने की चेतावनी: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार कारण है भारत पर टैरिफ (शुल्क) लगाने को लेकर उनकी चेतावनी। ट्रंप ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि अगर वह दोबारा राष्ट्रपति बनते हैं, तो भारत समेत कई देशों पर भारी टैरिफ लगाएंगे क्योंकि “वे अमेरिका का फायदा उठा रहे हैं।” यह बयान न केवल अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा रहा है बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था और व्यापारिक संबंधों को लेकर भी चिंता बढ़ा रहा है।

ट्रंप ने क्या कहा?
डोनाल्ड ट्रंप ने ‘फॉक्स बिज़नेस’ चैनल पर दिए गए एक इंटरव्यू में कहा:
“भारत जैसे देश अमेरिका से बहुत कम टैक्स लेकर हमारे उत्पादों को एक्सपोर्ट करते हैं, लेकिन हम जब उनके उत्पाद लेते हैं तो हमें भारी शुल्क चुकाना पड़ता है। ये असंतुलन ठीक नहीं है।”
ट्रंप ने दोबारा राष्ट्रपति बनने की स्थिति में भारत, चीन, वियतनाम और मैक्सिको जैसे देशों से आयात पर भारी टैरिफ लगाने की बात कही।
क्यों है ये बयान महत्वपूर्ण?
भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ वर्षों में व्यापारिक संबंधों में काफी उतार-चढ़ाव आया है। ट्रंप जब 2017 से 2021 तक राष्ट्रपति रहे, तब उन्होंने पहले भी भारत पर टैरिफ लगाने की नीति अपनाई थी।
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2018 में ट्रंप ने भारत के स्टील और एल्यूमिनियम उत्पादों पर टैरिफ लगाया।
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2019 में अमेरिका ने भारत को ‘Generalized System of Preferences (GSP)’ से बाहर कर दिया, जिससे भारत को कई उत्पादों पर शुल्क-मुक्त निर्यात की छूट मिलती थी।
अब एक बार फिर ट्रंप के इस बयान से यह सवाल उठ रहा है कि क्या भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंध फिर से तनावपूर्ण हो जाएंगे?
भारत पर इसका संभावित असर:
अगर ट्रंप वाकई 2025 में राष्ट्रपति बनते हैं और भारत पर टैरिफ लगाते हैं, तो इसका असर कई स्तरों पर होगा:
1. निर्यात को झटका
भारत के टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग गुड्स, फार्मा और आईटी सेवाएं अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं। भारी टैरिफ से इन क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धा कम हो सकती है।
2. उद्योगों पर असर
छोटे और मध्यम उद्योग जो अमेरिका को निर्यात करते हैं, उन्हें खासा नुकसान हो सकता है। उनके लिए लागत बढ़ जाएगी और ऑर्डर घट सकते हैं।
3. रुपए पर दबाव
अमेरिका के साथ व्यापार में गिरावट से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार और रुपए पर असर पड़ सकता है।
4. राजनीतिक असर
ट्रंप के बयान भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव पैदा कर सकते हैं, जो पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुए हैं।
क्यों लगाते हैं ट्रंप टैरिफ?
डोनाल्ड ट्रंप की “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत उनका मानना है कि अमेरिका के व्यापार घाटे (Trade Deficit) को कम करने के लिए टैरिफ जरूरी हैं। वे अक्सर इस बात पर जोर देते हैं कि अमेरिका को अन्य देशों से अनुचित व्यवहार का सामना करना पड़ता है।
भारत जैसे विकासशील देश जो सस्ते उत्पाद बनाकर अमेरिका भेजते हैं, उन्हें ट्रंप “अनफेयर ट्रेड पार्टनर” मानते हैं। उनका दावा है कि टैरिफ लगाने से अमेरिका की मैन्युफैक्चरिंग वापस लौटेगी और नौकरियां बढ़ेंगी।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ (शुल्क) लगाने की चेतावनी पर भारत का पक्ष क्या है?
भारत सरकार का हमेशा से यह रुख रहा है कि वह एक “न्यायपूर्ण और संतुलित व्यापार” में विश्वास करती है। भारत की नीति रही है कि शुल्क उसी स्तर पर होनी चाहिए, जिससे घरेलू उद्योगों की रक्षा भी हो और वैश्विक व्यापार भी बना रहे।
भारत यह भी तर्क देता है कि वह एक विकासशील देश है और उसे अपने उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ छूट मिलनी चाहिए।
TOI (Times of India) में क्यों बना ये मुद्दा?
Times of India ने इस बयान को प्रमुखता से कवर किया क्योंकि:
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ट्रंप का यह बयान सीधे भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है।
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2024 अमेरिकी चुनावों के बाद ट्रंप के सत्ता में आने की संभावनाएं हैं, जिससे यह बयान और महत्वपूर्ण हो जाता है।
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भारत-अमेरिका के संबंध वर्तमान में रणनीतिक और तकनीकी दृष्टिकोण से मजबूत हो रहे हैं। ऐसे में यह बयान इन रिश्तों पर असर डाल सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर टैरिफ लगाने का बयान आने वाले समय में भारत-अमेरिका संबंधों को चुनौती दे सकता है। यह बयान व्यापारिक क्षेत्र के लिए गंभीर संकेत है। भारत को संतुलित कूटनीति और रणनीतिक साझेदारी के जरिये अपने हितों की रक्षा करनी होगी।
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