सुवर्णरेखा नदी में आई बाढ़: खुले मानसूनी बादलों और जबरदस्त बारिश के चलते Subarnarekha नदी का जलस्तर हाल‑फिलहाल बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। झारखंड और पश्चिम बंगाल के उपरी क्षेत्रों में भारी वर्षा व जलाशयों से छोड़े गए अतिरिक्त पानी ने नदी को बाढ़ के मुहाने पर ला दिया है। इसके परिणामस्वरूप मध्य Odisha के विशेषकर Balasore तथा Mayurbhanj जिलों में हालात काफ़ी चिंताजनक बने हुए हैं।

बाढ़ की उत्पत्ति और प्रमुख कारण:
Galudih Barrage से पानी की अचानक रिहाई: झारखंड में स्थित Galudih barrage के गेट्स खोलने से अतिरिक्त पानी Odisha की ओर आया, जिससे Subarnarekha नदी तट से ऊपर बहने लगी और अचानक फ्लैश-फ्लड की स्थिति उत्पन्न हुई
उपजिला के क्षेत्र में भारी बारिश: कोल्हान क्षेत्र (Jharkhand) और उत्तरी Odisha (Mayurbhanj, Balasore) में लगातार भारी बारिश हुई, जिससे Subarnarekha, Jalaka और Budhabalanga नदियों ने खतरे के निशान को पार कर लिया है
प्रभावित क्षेत्र और जनजीवन की स्थिति:
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Balasore जिला: लगभग 61 गाँव (21 ग्राम पंचायतों) पर जलप्रलय का असर पड़ा, जिसमें Baliapal, Basta, Bhograi और Jaleswar ब्लॉक्स प्रमुख थे।
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संख्या प्रभावित: अनुमानतः 50,000 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आए, घरों से विस्थापित हुए, सड़कों व खेतों में पानी भर गया ।
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Jamshedpur एवं आसपास: East Singhbhum (Jharkhand) में Subarnarekha और Kharkai दोनों नदियाँ danger mark से ऊपर थीं, और जामशेदपुर की कई बस्तियाँ बाढ़-वा:टर में डूब गईं; करीब 159 घरों में पानी घुसा।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और राहत प्रयास:
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उच्च सतर्कता: Odisha सरकार ने red alert जारी कर Balasore और Mayurbhanj जिलों में स्कूल और आंगनवाड़ी बंद कर दी; 24×7 flood cell एक्टिव रखा गया।
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बचाव दल गस्त: ODRAF, NDRF व अग्निशमन बल सक्रिय किए गए; नाव से राहत अभियान चलाया गया और मुक्त रसोई, राशन वितरण एवं मरीज़ों एवं बच्चों के लिए भोजन उपलब्ध कराया गया।
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स्थानांतरण और विस्थापन: पंचायती इलाकों से 3,656 से अधिक लोगों को निकाला गया; 14 आश्रय केंद्र व रसोई बनाई गईं; राहत सामग्री लगभग 1,975 प्रभावित परिवारों तक पहुँची।
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अधिकारियों की उपस्थिति: जिला कलेक्टर व वरिष्ठ अभियंता प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करते रहे; सभी सरकारी छुट्टियाँ रद्द कर दी गई हैं।
बाढ़ के बाद की स्थिति:
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जलस्तर में थोड़ी कमी पर समस्या बनी हुई है: Rajghat में जलस्तर धीरे‑धीरे नीचे आकर खतरे के निशान से नीचे आ गया (लगभग 9.17 m) लेकिन 30 से अधिक गाँव अभी भी जलमग्न थे, विशेषकर Bhograi ब्लॉक में।
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सड़क मौजूदा स्थिति: Baliapal और Bhograi के कई प्रमुख मार्ग अब भी पानी में थे; लोग छोटी नावों पर आवागमन कर सकते थे—आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी उजागर हुई।
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राहत वितरण में कमी: प्रभावित ग्रामीणों ने लगाए आरोप कि राहत वितरण अपर्याप्त या देर से हुआ—500 ग्राम चूड़ा व छोटा राशन क्लेम कर उन्हें 3‑4 दिनों तक जीवित रहने की समस्या हुई।
मुख्य चुनौतियाँ और दीर्घकालिक असर:
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सुविधाओं की कमी: कुच्चा मकान व कमजोर ढांचों वाले क्षेत्र बाढ़ के लिए असुरक्षित निकले।
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कृषि व मकानों की हानि: फसलें पानी में नष्ट हुईं, खेतों को भरपूर नुकसान पहुँचा; कई घरो के समीप पेड़ प्रभावित हुए।
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जनस्वास्थ्य का खतरा: जलजनित रोग फैलने की आशंका बनी; ORS और हैलोोजन टैबलेट वितरित की गईं लेकिन ठोस स्वास्थ्य कवरेज की जरूरत बनी रही।
भविष्य के लिए सुझाव और तैयारी:
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जलाशयों में कुशल प्रबंधन: barrage/dam गेट्स खोलते समय पूर्व सूचना, सतर्कता अभियानों को प्रभावी बनाएं।
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अधोसंरचना सुधार: निचले इलाकों में बेहतर ड्रेनेज, मजबूत बाँध, मजबूत सड़कों और नाव घाटों की व्यवस्था हो।
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समुदाय आधारित तैयारी: ग्राम स्तर पर जागरूकता शिविर, बाढ़ चेतावनी प्रक्रिया, और नैतिक स्टॉकिंग करें (खाद्य, दवाई, पानी)।
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मौसम पूर्वानुमान सूचना प्रणाली: IMD और स्थानीय प्राधिकरणों के फ्लैश अलर्ट मोबाइल व सोशल मीडिया चैनलों के जरिए समय पर पहुँचाना।
Subarnarekha नदी की हाल‑फिलहाल की बढ़ती जलस्तर स्थिति और Galudih barrage से पानी की अचानक रिहाई ने Odisha के Balasore, Mayurbhanj जिलों और Jharkhand के Jamshedpur क्षेत्र में बाढ़ का संकट उत्पन्न कर दिया है। हजारों लोग प्रभावी बाढ़‑प्रभावों का शिकार हैं — घर, खेत, सड़कें जलमग्न हैं, राहत प्रयास जारी हैं पर अभी दर्दनाक स्थिति बनी हुई है।
सरकारी और लोकल राहत प्रयासों के बावजूद, लंबी अवधि में बेहतर ढांचा, सतर्कता और मानसून-पूर्व तैयारी प्रणाली की तीव्र आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव कम हो सके।
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