सोने के बाद उठने पर शरीर गर्म क्यों हो जाता है: मनुष्य का शरीर एक प्राकृतिक घड़ी की तरह काम करता है। जब हम सोते हैं और फिर उठते हैं, तो अक्सर हमें महसूस होता है कि शरीर सामान्य से ज्यादा गर्म हो गया है। यह अनुभव कई लोगों के मन में सवाल खड़ा करता है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? क्या यह किसी बीमारी का संकेत है या फिर यह सामान्य प्रक्रिया है? आइए विस्तार से जानते हैं।

नींद और शरीर का तापमान:
मानव शरीर में सर्केडियन रिद्म (Circadian Rhythm) नाम की एक जैविक प्रक्रिया होती है, जो नींद और जागने के चक्र को नियंत्रित करती है। यह रिद्म शरीर के तापमान को भी प्रभावित करती है।
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रात में जब हम सोने जाते हैं, तो हमारा शरीर धीरे-धीरे ठंडा होने लगता है।
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सुबह उठने से ठीक पहले और उठने के बाद शरीर का तापमान स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है।
इस तरह, नींद और शरीर के तापमान का आपस में गहरा संबंध है।
सोने के बाद शरीर गर्म होने के मुख्य कारण:
1. रक्त संचार में वृद्धि
सोने के बाद जब आप उठते हैं, तो शरीर एक सक्रिय अवस्था में आ जाता है। इस दौरान हृदय थोड़ा तेज़ी से पंप करना शुरू करता है और रक्त का प्रवाह तेज़ हो जाता है। बढ़ा हुआ रक्त संचार शरीर को गर्माहट का अनुभव कराता है।
2. मेटाबॉलिज्म का सक्रिय होना
नींद के दौरान मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है ताकि ऊर्जा की बचत हो सके। जैसे ही आप जागते हैं, शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है और मेटाबॉलिज्म तेजी से सक्रिय हो जाता है। इस प्रक्रिया में गर्मी उत्पन्न होती है, जिससे शरीर का तापमान बढ़ जाता है।
3. हार्मोनल बदलाव
नींद और जागने की प्रक्रिया के दौरान हार्मोन में भी बदलाव होते हैं। खासकर कॉर्टिसोल हार्मोन (Cortisol) सुबह के समय अधिक मात्रा में स्रावित होता है। यह हार्मोन शरीर को जगाने और सक्रिय करने का काम करता है, लेकिन इसके साथ ही शरीर में हल्की गर्माहट भी पैदा होती है।
4. मांसपेशियों की गतिविधि
नींद से उठने के बाद शरीर की मांसपेशियाँ धीरे-धीरे सक्रिय होती हैं। जैसे ही आप खिंचाव लेते हैं, हाथ-पैर हिलाते हैं या बिस्तर से उठते हैं, मांसपेशियों की गतिविधि से ऊष्मा (Heat) उत्पन्न होती है, जिससे शरीर गर्म महसूस होता है।
5. कंबल और कमरे का तापमान
अगर आप मोटे कंबल या बंद कमरे में सोते हैं, तो नींद के दौरान आपका शरीर गर्म वातावरण में रहता है। उठने के बाद यह गर्माहट और ज्यादा महसूस होती है।
6. शरीर की प्राकृतिक सफाई प्रक्रिया
नींद के दौरान शरीर कई मरम्मत और डिटॉक्स प्रक्रियाएँ करता है। कोशिकाओं की मरम्मत और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में ऊर्जा का उपयोग होता है, जिससे शरीर उठने पर अधिक गर्म लग सकता है।
कब चिंता करनी चाहिए?
हालाँकि, सोने के बाद उठने पर शरीर गर्म होना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन कुछ स्थितियों में यह समस्या का संकेत भी हो सकती है:
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लगातार तेज बुखार रहना
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अत्यधिक पसीना आना
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दिल की धड़कन का तेज होना
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थकान और कमजोरी महसूस होना
अगर ये लक्षण बार-बार होते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी है, क्योंकि यह थायरॉइड, संक्रमण, हार्मोनल असंतुलन या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा कर सकता है।

शरीर को ठंडा रखने के उपाय:
यदि आपको अक्सर उठने पर शरीर गर्म महसूस होता है, तो ये उपाय सहायक हो सकते हैं:
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हल्के कंबल का प्रयोग करें – मोटे रजाई या बंद कमरे में सोने से बचें।
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कमरे का तापमान नियंत्रित रखें – सोने का आदर्श तापमान 22-24 डिग्री सेल्सियस माना जाता है।
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सोने से पहले पानी पिएँ – शरीर को हाइड्रेटेड रखना तापमान नियंत्रित करने में मदद करता है।
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कैफीन और शराब से बचें – ये शरीर के तापमान को बढ़ा सकते हैं।
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हल्के कपड़े पहनकर सोएँ – तंग और मोटे कपड़े शरीर को ज्यादा गर्म कर सकते हैं।
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नियमित व्यायाम करें – यह मेटाबॉलिज्म को संतुलित करता है और नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है।
सोने के बाद उठने पर शरीर का गर्म होना अधिकतर मामलों में एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जो हमारे शरीर की आंतरिक घड़ी, हार्मोन और रक्त संचार से जुड़ी होती है। हालांकि, यदि यह समस्या बार-बार असामान्य लक्षणों के साथ होती है, तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। सही जीवनशैली और संतुलित आदतों से आप इस स्थिति को नियंत्रित कर सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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