रक्षा बंधन 2025: रक्षा बंधन, जिसे संक्षेप में राखी भी कहा जाता है, भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार है। यह दिन भाई-बहन के बीच प्रेम, स्नेह और सुरक्षा के वचन का प्रतीक है। हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं, जबकि भाई जीवन भर उनकी रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।

त्योहार कब मनाया जा रहा है?
इस वर्ष रक्षा बंधन शनिवार, 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। यह तारीख श्रावण मास की पूर्णिमातिथि से मेल खाती है, जो भाई-बहन के रिश्ते की पवित्रता का प्रतीक है
पूजा करने और राखी बांधने का शुभ समय
Drik Panchang और अन्य आधिकारिक कथन के अनुसार:
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शुभ मुहूर्त: प्रातः 05:47 बजे से दोपहर 13:24 बजे तक राखी बांधना अत्यंत शुभ माना गया है
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कुछ अन्य स्रोत बताते हैं कि यह मुहूर्त लगभग 05:46/05:47 से लेकर 13:26 बजे तक का है।
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इस दौरान भद्राकाल (Bhadra Kaal) नहीं है, जिससे पूरा दिन राखी समारोह करने के लिए अनुकूल है
विशेष ज्योतिषीय योग:
इस वर्ष रक्षा बंधन के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं:
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सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग, बुधादित्य योग जैसे उत्तम योग बन रहे हैं जो इस दिन के महत्व को बढ़ाते हैं
पूजन सामग्री (राखी थाली में क्या-क्या हो)
यहाँ कुछ जरूरी चीजें हैं जो आपके पूजा थाली में होनी चाहिए:
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राखी, दीया, रोली (कुमकुम), अक्षत (चावल), मिठाई, ताजे फूल
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जल (घड़ा), नारियल, प्रसाद, और भाई के लिए उपहार
ये पारंपरिक वस्तुएं स्नेह और शुभकामनाओं का प्रतीक हैं
रक्षा बंधन पूजन विधि (Puja Vidhi)
1. घर की सफाई और तैयारी
पूजा से पहले घर—विशेषकर पूजा स्थल—की पूर्णत: स्वच्छता की जाए।
2. पूजा थाली सजाएं
एक साफ थाली में राखी, रोली, अक्षत, दीपक, अगरबत्ती, मिठाई, जल, नारियल, फूल आदि रखें।
3. श्री गणेश व माता लक्ष्मी का आवाहन
पिछले दिन से कलश में जल रखें, फिर पूजा आरंभ करते समय देities का ध्यानपूर्वक आह्वान करें।
4. तिलक और आदिग्रहण
भाई को आसन पर बैठाएं (उत्तर या पूर्व दिशा की ओर), माथे पर रोली का तिलक और अक्षत चढ़ाएँ, तत्पश्चात आरती करें।
5. राखी बांधना
उक्त शुभ समय (05:47–13:24) के अंदर राखी बांधे और उसकी रक्षा व भाई की लंबी उम्र की कामना करें।
6. मिठाई और प्रसाद
राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलाएँ—यह रिश्तों में मिठास जोड़ने का प्रतीक है।
7. भाई का आशीर्वाद और उपहार
भाई अपनी बहन को आशीर्वाद, उपहार या नकद राशि प्रदान करते हैं।
रक्षा बंधन 2025 इस वर्ष 9 अगस्त को मनाया जा रहा है, और इसका शुभ मुहूर्त प्रातः 05:47 बजे से दोपहर 01:24 बजे तक का है—यह अवधि भद्राकाल से मुक्त होने तथा कई शुभ योगों के साथ आता है। इसलिए इस दिन यह बेहद उपयुक्त समय है भक्तिभाव और परंपरागत विधियों के साथ राखी समारोह हेतु।
राखी की थाली सावधानीपूर्वक तैयार करें, पूजा विधि अनुसार पालन करें, और भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के रिश्ते को और भी दृढ़, प्रेममय और मंगलमय बनाएं।
राखी पूजन की पारंपरिक विधि:
रक्षा बंधन के दिन पूजन करते समय पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करना शुभ माना जाता है। यहाँ राखी बांधने की सरल और सही विधि दी गई है:
1. पूजन की तैयारी
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पूजा के लिए साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
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एक थाली में रोली, चावल, दीपक, मिठाई, नारियल और राखी रखें।
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थाली को फूलों से सजाएँ।
2. भाई को आसन पर बैठाएँ
भाई को लकड़ी या कपड़े के आसन पर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर बैठाएँ।
3. आरती और तिलक
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सबसे पहले भाई के माथे पर रोली का तिलक लगाएँ।
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अक्षत (चावल) तिलक पर लगाएँ।
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दीपक जलाकर भाई की आरती करें।
4. राखी बांधना
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दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधें।
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बांधते समय भगवान से भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
5. मिठाई खिलाना
राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलाएँ। यह मिठास रिश्ते में प्रेम और अपनापन लाती है।
6. भाई का आशीर्वाद और उपहार
भाई, बहन को उपहार या नकद राशि देकर आशीर्वाद देता है और जीवनभर रक्षा का वचन देता है।
भद्राकाल में राखी न बांधें:
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भद्राकाल में शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। इस दौरान राखी बांधना वर्जित माना गया है, क्योंकि यह समय अशुभ होता है। इसलिए मुहूर्त के अनुसार राखी बांधना ही उचित है।

रक्षा बंधन का महत्व:
रक्षा बंधन केवल एक त्यौहार नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की विशेष पहचान है। यह भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम, विश्वास और त्याग का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्रौपदी ने भगवान कृष्ण की उंगली में चोट लगने पर अपने आंचल का टुकड़ा बांधा था, जिसे कृष्ण ने जीवनभर निभाया।
त्योहार को खास बनाने के टिप्स:
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राखी स्वयं खरीदें या घर पर बनाएं, इससे उसमें अपनापन बढ़ता है।
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भाइयों को मिठाई के साथ शुभकामना कार्ड दें।
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जरूरतमंद बहनों को भी राखी और उपहार देकर उनका दिन खास बनाएं।
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परिवार में सभी लोग एक साथ बैठकर इस दिन का आनंद लें।
रक्षा बंधन 2025 का यह पावन पर्व भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम, सुरक्षा और विश्वास को मजबूत करने का अवसर है। सही मुहूर्त और पारंपरिक विधि से राखी बांधने से न केवल रिश्तों में मजबूती आती है, बल्कि घर में सुख-शांति और समृद्धि का वातावरण भी बना रहता है। इस वर्ष इस शुभ दिन को पूरे उत्साह और अपनापन के साथ मनाएं।
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