Rakesh Roshan: बॉलीवुड के जाने-माने निर्देशक और अभिनेता राकेश रोशन ने हाल ही में एंजियोप्लास्टी करवाई है। यह जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के ज़रिए साझा की, जिसमें उन्होंने न सिर्फ अपने स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में बताया, बल्कि एक अहम संदेश भी दिया — “45 की उम्र के बाद दिल और दिमाग की नियमित जांच कराना ज़रूरी है।”
राकेश रोशन हमेशा से अपनी फिटनेस और एक्टिव लाइफस्टाइल के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इस बार उनकी एक सामान्य हेल्थ चेक-अप ने उन्हें एक गंभीर खतरे से समय रहते आगाह कर दिया। उनकी इस कहानी से हमें भी यह सीखने को मिलता है कि बीमार न लगना, बीमार न होना नहीं होता। यानी बिना लक्षण के भी कई बार शरीर के अंदर बड़ी समस्या छिपी होती है।
क्या हुआ राकेश रोशन को? जानिए पूरी कहानी
राकेश रोशन ने बताया कि वो एक नियमित फुल बॉडी हेल्थ चेकअप करवा रहे थे। उस दौरान, डॉक्टर ने उनके दिल की सोनोग्राफी करते हुए सलाह दी कि “गर्दन (neck) की सोनोग्राफी भी करवा लें।”
यह सिर्फ एक सजग सुझाव था, लेकिन उसी में सामने आया कि उनकी दोनों कैरोटिड आर्टरी (carotid arteries) — जो दिमाग तक खून पहुंचाती हैं — 75% से ज़्यादा ब्लॉक हो चुकी थीं।
चौंकाने वाली बात यह थी कि उनके शरीर में इसका कोई लक्षण नहीं था। अगर इसे नजरअंदाज किया जाता, तो यह जानलेवा हो सकता था।
राकेश रोशन ने क्या कहा अपनी पोस्ट में?
अपनी इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने लिखा:
“इस हफ्ते मेरी आंखें खुल गईं। एक सामान्य हेल्थ चेकअप के दौरान, जब हार्ट की सोनोग्राफी हो रही थी, डॉक्टर ने नेक की भी जांच करने को कहा। संयोग से पता चला कि मेरी दोनों कैरोटिड आर्टरीज़ 75% से ज्यादा ब्लॉक थीं। अगर इसे अनदेखा किया जाता, तो यह जानलेवा हो सकता था।”
इसके बाद उन्होंने तुरंत अस्पताल में भर्ती होकर एंजियोप्लास्टी करवाई और अब पूरी तरह स्वस्थ होकर घर वापस लौट आए हैं। उन्होंने ये भी लिखा:
“मैं उम्मीद करता हूं कि मेरा यह अनुभव दूसरों को दिल और दिमाग की जांच समय पर करवाने के लिए प्रेरित करेगा। 45-50 साल की उम्र के बाद दिल की CT और कैरोटिड आर्टरी की सोनोग्राफी ज़रूरी हो जाती है।”
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क्या है एंजियोप्लास्टी? जो Rakesh Roshan ने कराई
एंजियोप्लास्टी एक मेडिकल प्रक्रिया है जिसमें ब्लॉक हुई धमनियों को खोला जाता है, ताकि खून का प्रवाह सामान्य हो सके।
राकेश रोशन की कैरोटिड आर्टरीज़ — जो गर्दन से होकर मस्तिष्क तक जाती हैं — 75% से अधिक ब्लॉक थीं। अगर उन्हें समय रहते इलाज न मिलता, तो यह ब्रेन स्ट्रोक या दिमाग को खून की कमी जैसी गंभीर स्थिति बन सकती थी।
इस प्रक्रिया में डॉक्टर एक पतली ट्यूब (कैथेटर) के जरिए आर्टरी में एक बैलून डालते हैं। यह बैलून ब्लॉक हिस्से को फैलाता है और ज़रूरत पड़ने पर वहां एक स्टेंट भी डाला जाता है, ताकि वह हिस्सा दोबारा सिकुड़े नहीं।
इस प्रक्रिया के बाद रक्त का प्रवाह बेहतर हो जाता है और मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषण मिलना शुरू हो जाता है।
कैसे पता चले कि हमें भी जांच की जरूरत है?
सबसे बड़ा भ्रम यह होता है कि अगर कोई लक्षण नहीं है, तो समस्या भी नहीं होगी। लेकिन राकेश रोशन की कहानी इस सोच को तोड़ती है।
कैरोटिड आर्टरी ब्लॉकेज के लक्षण बहुत देर से सामने आते हैं, और तब तक नुकसान हो चुका होता है। यही वजह है कि “प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप” आज की ज़रूरत बन चुकी है।
अगर आप:
- 45 साल से ऊपर हैं
- हाई ब्लड प्रेशर या शुगर की समस्या है
- धूम्रपान या शराब का सेवन करते हैं
- परिवार में हार्ट डिज़ीज़ या स्ट्रोक का इतिहास है
तो आपको साल में एक बार दिल और दिमाग की जांच ज़रूर करवानी चाहिए।
दिल और दिमाग: दोनों की सेहत जरूरी क्यों है?
अक्सर लोग सिर्फ दिल की जांच करवाते हैं, लेकिन मस्तिष्क की धमनियों की स्थिति को नजरअंदाज कर देते हैं। हकीकत यह है कि कैरोटिड आर्टरीज़ में ब्लॉकेज होने पर दिमाग को पर्याप्त खून नहीं मिल पाता, जिससे ब्रेन स्ट्रोक, याददाश्त की कमी, या यहां तक कि लकवा भी हो सकता है।
राकेश रोशन का अनुभव इस बात का सबूत है कि अगर समय रहते जांच हो जाए, तो गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है।
कैरोटिड आर्टरी ब्लॉकेज के कारण और जोखिम
यह ब्लॉकेज मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, स्मोकिंग और अनहेल्दी डाइट के कारण होता है। धीरे-धीरे ये फैटी डिपॉज़िट आर्टरी की दीवारों पर जमा होते हैं और रक्त के प्रवाह को बाधित करते हैं।
जो लोग व्यायाम नहीं करते, नींद कम लेते हैं और तनाव में रहते हैं, उन्हें भी ये समस्या जल्दी हो सकती है — और अक्सर बिना किसी चेतावनी के।
राकेश रोशन अब कैसा महसूस कर रहे हैं?
अपनी पोस्ट में उन्होंने बताया कि वे पूरी तरह स्वस्थ हैं और जल्द ही वर्कआउट फिर से शुरू करेंगे। उन्होंने अस्पताल से एक तस्वीर भी शेयर की जिसमें वह मुस्कराते हुए नर्स और मेडिकल टीम के साथ नजर आ रहे हैं।
उनकी बहू और अभिनेता ऋतिक रोशन की पूर्व पत्नी सुसैन खान ने उनके पोस्ट पर ❤️ और 🙏 इमोजी से प्रतिक्रिया दी, वहीं अभिनेता सुनील शेट्टी, टाइगर श्रॉफ और अनिल कपूर ने भी उनकी हिम्मत की सराहना की।
संदेश जो सबके लिए है: प्रिवेंशन इज़ बेटर दैन क्योर
Rakesh Roshan ने अपने अनुभव से जो बात कही, वह हर किसी के लिए एक चेतावनी है। उन्होंने लिखा:
“A heart CT and a carotid brain artery sonography is a must for everyone above 45–50 years old. Prevention is always better than cure.”
यह सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि एक जीवन बचाने वाला मंत्र है।
अब क्या करें? कैसे रखें दिल और दिमाग को हेल्दी
अगर आप 45 के पार हैं, तो यह आपके लिए सही समय है अपनी लाइफस्टाइल को दोबारा देखने का।
- हर साल फुल बॉडी हेल्थ चेकअप करवाएं
- दिल और दिमाग दोनों की जांच कराएं
- धूम्रपान और तला-भुना खाना छोड़ें
- हफ्ते में कम से कम 5 दिन, 30 मिनट वॉक या एक्सरसाइज करें
- तनाव कम करें और भरपूर नींद लें
- अगर कोई लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें
राकेश रोशन की कहानी से सीखें, अपनी सेहत को न टालें
Rakesh Roshan जैसे फिट इंसान को अगर यह समस्या हो सकती है, तो हमें भी सजग रहना होगा।
बीमारियों को पकड़ने से पहले स्वस्थ आदतें अपनाना और समय-समय पर जांच कराना ही असली समझदारी है।
आज ही एक वादा करें — अपने दिल और दिमाग की सेहत को प्राथमिकता देंगे।
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