पुरी की कहानी: इतिहास, परंपरा और स्वाद से भरपूर रेसिपी

पुरी भारतीय व्यंजनों का एक प्रमुख हिस्सा है, जिसे पूरे देश में विभिन्न अवसरों पर विशेष रूप से बनाया जाता है। यह एक पारंपरिक तली हुई रोटी है, जिसे गेहूं के आटे से तैयार किया जाता है। पुरी का इतिहास प्राचीन भारत से जुड़ा हुआ है और इसका उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथों और पुरानी रसोई विधियों में मिलता है।

पुरी
पुरी

पुरी को वैदिक काल से ही पूजा-पाठ, उत्सवों और भोजनों में स्थान प्राप्त रहा है। खासकर उत्तर भारत में, पुरी को कढ़ी, चने की सब्जी, आलू की सब्जी या हलवा के साथ परोसा जाता है। दक्षिण भारत में इसे “पूरी” के नाम से ही जाना जाता है और यह नाश्ते का हिस्सा होती है।

पुरी का धार्मिक महत्व भी है – विशेष रूप से मंदिरों में बनने वाला प्रसाद जैसे “पुरी-भाजी” या “पुरी-हलवा”। जगन्नाथ पुरी के मंदिरों में भी प्रसाद के रूप में इसे महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। इसके अलावा, भारत के हर क्षेत्र में पुरी की अपनी खास शैली पाई जाती है – कहीं यह खस्ता होती है, कहीं नरम और फूली हुई।

पुरी बनाने की विधि (Puri Recipe in Hindi)

आवश्यक सामग्री (Ingredients):

  • गेहूं का आटा – 2 कप

  • नमक – स्वादानुसार

  • तेल – 1 बड़ा चम्मच (मोयन के लिए)

  • पानी – आटा गूंथने के लिए

  • तेल – तलने के लिए

पुरी बनाने की विधि (Step-by-Step Method):

1. आटा गूंथना:
एक बड़े परात या बर्तन में गेहूं का आटा लें। उसमें नमक और एक बड़ा चम्मच तेल डालें। अब थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए सख्त आटा गूंथें। पुरी के लिए आटा जितना टाइट रहेगा, पुरी उतनी ही कुरकुरी और फूली हुई बनेगी।

2. आटे को सेट करना:
गूंथे हुए आटे को एक गीले कपड़े से ढककर 15-20 मिनट तक रख दें ताकि वह थोड़ा सेट हो जाए।

3. लोइयाँ बनाना:
अब आटे से छोटी-छोटी लोइयाँ बना लें। इन लोइयों को हाथ से थोड़ा बेलनुमा आकार देकर बेल लें। ध्यान रखें कि पुरी न बहुत पतली हो और न बहुत मोटी।

4. तेल गरम करना:
कढ़ाई में तेल गरम करें। तेल इतना गरम होना चाहिए कि जब आप पुरी डालें, तो वह तुरंत फूलने लगे। मध्यम आंच पर तेल गरम करें।

5. पुरी तलना:
अब एक-एक पुरी को गरम तेल में डालें। पुरी को कलछी से हल्का दबाएं ताकि वह अच्छे से फूले। दोनों तरफ से गोल्डन ब्राउन होने तक तलें। फिर किचन पेपर पर निकालें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए।

पुरी के साथ परोसे जाने वाले व्यंजन (Popular Pairings):

  • आलू की सब्जी: खासकर मसालेदार आलू की टमाटर वाली सब्जी या सूखी आलू भाजी पुरी के साथ खूब पसंद की जाती है।

  • काले चने: “छठ पूजा” या किसी विशेष पर्व में पुरी को काले चने के साथ परोसा जाता है।

  • सूजी का हलवा: पुरी और हलवा का कॉम्बिनेशन खासतौर पर त्योहारों में उपयोग किया जाता है।

  • कढ़ी: गुजरात और राजस्थान में पुरी को खट्टी कढ़ी के साथ परोसा जाता है।

पुरी के प्रकार (Types of Puri):

  1. बेदमी पुरी: उरद दाल और मसाले मिलाकर बनाई जाती है, खासतौर पर उत्तर प्रदेश में।

  2. मसाला पुरी: आटे में ही हल्दी, लाल मिर्च, अजवाइन आदि मिलाकर बनाई जाती है।

  3. लुचि: बंगाल की लोकप्रिय सफेद मैदे से बनी पुरी।

  4. पालक पुरी: आटे में पालक की प्यूरी मिलाकर हरी रंग की पौष्टिक पुरी।

पुरी न केवल एक स्वादिष्ट तली हुई रोटी है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और पूजा-पाठ का भी अभिन्न हिस्सा है। इसका इतिहास प्राचीन काल से जुड़ा है और आज भी यह हर त्योहार और खास मौके पर भोजन की शान बनती है। सरल सामग्री और विधि के बावजूद, इसका स्वाद हर बार दिल जीत लेता है।

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