PM Fasal Bima Yojana: किसानों को आज बड़ी सौगात, 30 लाख किसानों के खाते में आएंगे 3,200 करोड़ रुपये, जानें किसे मिलेगा कितना

PM Fasal Bima Yojana: देश के किसानों के लिए अगस्त का महीना राहत और उम्मीद की सौगात लेकर आया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत हाल ही में किसानों को 2-2 हजार रुपये की किस्त दी गई थी, और अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत एक और बड़ी आर्थिक मदद मिलने जा रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है कि देश के 30 लाख किसानों को 3,200 करोड़ रुपये की फसल बीमा दावा राशि डिजिटल माध्यम से हस्तांतरित की जाएगी।

यह राशि उन किसानों को मिलेगी जिनकी फसलें मौसम की मार, बाढ़, सूखा या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हुई हैं। खास बात यह है कि अब दावा निपटान की प्रक्रिया को और आसान और तेज बना दिया गया है, जिससे किसानों को हफ्तों या महीनों तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

झुंझुनू से होगा डिजिटल ट्रांसफर का शुभारंभ | PM Fasal Bima Yojana

राजस्थान के झुंझुनू जिले में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों के खातों में 3,200 करोड़ रुपये डिजिटल रूप से ट्रांसफर करेंगे। इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी और राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी मौजूद रहेंगे।

इस तरह का डिजिटल ट्रांसफर न केवल पारदर्शिता सुनिश्चित करता है, बल्कि यह भ्रष्टाचार और बिचौलियों के हस्तक्षेप को भी खत्म करता है। किसान सीधे अपने बैंक खाते में यह पैसा प्राप्त करेंगे।

किस राज्य को कितना मिलेगा

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कुल 3,200 करोड़ रुपये की फसल बीमा राशि में सबसे अधिक हिस्सा मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसानों को मिलेगा।

  • मध्य प्रदेश के किसानों को 1,156 करोड़ रुपये

  • राजस्थान के किसानों को 1,121 करोड़ रुपये

  • छत्तीसगढ़ के किसानों को 150 करोड़ रुपये

  • अन्य राज्यों के किसानों को 773 करोड़ रुपये

यह वितरण राज्यवार नुकसान और बीमा दावा फाइलिंग के आधार पर तय किया गया है।

दावा निपटान प्रक्रिया में बड़े बदलाव

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने एक नई सरलीकृत दावा निपटान प्रणाली लागू की है। इसके तहत राज्य सरकार के प्रीमियम अंशदान का इंतजार किए बिना, केवल केंद्रीय सब्सिडी के आधार पर दावों का आनुपातिक भुगतान किया जा सकेगा।

इस बदलाव से किसानों को बीमा राशि मिलने में महीनों की देरी से मुक्ति मिलेगी। पहले अक्सर ऐसा होता था कि राज्य सरकार द्वारा अपनी हिस्सेदारी समय पर न जमा करने के कारण बीमा दावा अटक जाता था।

देरी करने वालों पर अब जुर्माना

नई व्यवस्था के अनुसार, खरीफ 2025 सत्र से अगर कोई राज्य सरकार अपने सब्सिडी अंशदान में देरी करती है, तो उस पर 12 प्रतिशत का ब्याज जुर्माना लगाया जाएगा। यही नियम बीमा कंपनियों पर भी लागू होगा। अगर कंपनियां किसानों को भुगतान में देरी करती हैं, तो उन्हें भी 12 प्रतिशत ब्याज देना होगा।

यह सख्ती इस योजना की पारदर्शिता और समयबद्धता को सुनिश्चित करेगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का अब तक का सफर

PM Fasal Bima Yojana की शुरुआत 2016 में हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, मौसम की मार और अन्य कारणों से फसल खराब होने पर आर्थिक सुरक्षा देना है।

अब तक के आंकड़ों पर नज़र डालें तो:

  • योजना शुरू होने से अब तक 1.83 लाख करोड़ रुपये के दावों का निपटान हो चुका है।

  • किसानों ने इसके बदले केवल 35,864 करोड़ रुपये का प्रीमियम चुकाया है।

इससे साफ है कि यह योजना किसानों के लिए एक बहुत बड़ी आर्थिक सुरक्षा कवच साबित हुई है।

कैसे काम करती है PM Fasal Bima Yojana

pm fasal bima yojana

इस योजना में किसान अपनी फसलों का बीमा मामूली प्रीमियम भरकर करा सकते हैं। उदाहरण के लिए, खरीफ फसलों के लिए 2% और रबी फसलों के लिए 1.5% प्रीमियम लिया जाता है।

अगर फसल को बारिश, ओलावृष्टि, बाढ़, सूखा, कीट या बीमारी से नुकसान होता है, तो सरकार और बीमा कंपनियां संयुक्त रूप से दावा राशि किसानों को देती हैं।

दावे की प्रक्रिया के तहत:

  1. नुकसान का सर्वे किया जाता है।
  2. रिपोर्ट तैयार होती है।
  3. बीमा कंपनी और सरकार तय राशि किसानों के खाते में भेज देती है।

क्यों ज़रूरी है यह योजना?

भारत में करीब 55% खेती मानसून पर निर्भर है। अनियमित बारिश, बाढ़, सूखा और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे से किसानों की आय पर सीधा असर पड़ता है। ऐसे में फसल बीमा योजना किसानों को मानसिक और आर्थिक दोनों तरह का सहारा देती है।

कई किसान बताते हैं कि पहले उन्हें नुकसान के बाद कर्ज चुकाने में कठिनाई होती थी, लेकिन अब फसल बीमा के पैसों से वे दोबारा खेती शुरू कर पाते हैं।

डिजिटल इंडिया से किसानों को बड़ा फायदा

इस बार फसल बीमा राशि का वितरण पूरी तरह डिजिटल मोड से होगा। किसान अपने बैंक खाते में सीधे यह पैसा पाएंगे। इससे न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि बिचौलियों और फर्जी दावों पर भी रोक लगेगी।

कृषि मंत्रालय का दावा है कि 2016 से अब तक डिजिटल पेमेंट सिस्टम की वजह से करोड़ों रुपये की बचत हुई है।

आगे की चुनौतियाँ और उम्मीदें

हालांकि योजना किसानों के लिए फायदेमंद है, फिर भी इसके सामने कुछ चुनौतियाँ हैं। कई बार नुकसान का सर्वे देर से होता है, बीमा कंपनियों की रिपोर्टिंग में पारदर्शिता की कमी रहती है, और कुछ किसानों को प्रीमियम दरों की जानकारी नहीं होती।

सरकार का कहना है कि अगले कुछ सालों में सैटेलाइट इमेजिंग और ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके फसल नुकसान का तुरंत आकलन किया जाएगा, जिससे दावा निपटान और भी तेज हो जाएगा।

किसानों के लिए 3,200 करोड़ रुपये की यह राशि एक बड़ी राहत है, खासकर ऐसे समय में जब जलवायु परिवर्तन और अनियमित मौसम की वजह से खेती दिन-ब-दिन चुनौतीपूर्ण हो रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लक्ष्य किसानों को सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाना है, और इस बार की घोषणा इस दिशा में एक और मजबूत कदम है।

                 अगर आप भी किसान हैं और अपनी फसल का बीमा कराना चाहते हैं, तो अपने नज़दीकी कृषि विभाग कार्यालय या CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) से संपर्क करें। समय पर प्रीमियम भरें और योजना का लाभ उठाएं, ताकि मुश्किल समय में आपको आर्थिक सुरक्षा मिल सके।

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