OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि वे ChatGPT का इस्तेमाल अपनी निजी ज़िंदगी में भी कर रहे हैं, खासकर पेरेंटिंग के लिए। सैम ऑल्टमैन, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया के सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं, ने अपने पहले बच्चे के जन्म के बाद ChatGPT से सलाह लेना शुरू किया। उन्होंने बताया कि AI, खासकर ChatGPT, उनकी पेरेंटिंग यात्रा में बेहद मददगार साबित हुआ।
यह बात उन्होंने OpenAI के ऑफिशियल पॉडकास्ट में एण्ड्रयू मेन (Andrew Mayne) के साथ बातचीत के दौरान साझा की। उन्होंने कहा कि भले ही सदियों से लोग बिना AI के बच्चों की देखभाल करते आए हैं, लेकिन ChatGPT के होने से उनका अनुभव काफी आसान और अधिक सूचित हो गया है।
AI और पेरेंटिंग: एक नया युग
Sam Altman ने बताया कि जब उनका बच्चा पैदा हुआ, तब से उन्होंने ChatGPT का “लगातार” उपयोग किया। शुरुआती महीनों में उन्हें नवजात शिशु की देखभाल, दूध पिलाने, सोने के समय, और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को समझने जैसे सवालों में ChatGPT से मदद मिली।
उन्होंने कहा, “अब मैं ज़्यादातर ChatGPT से विकासात्मक चरणों के बारे में सवाल पूछता हूं क्योंकि बुनियादी बातें अब मैं जान चुका हूं।”
AI अब सिर्फ ऑफिस के काम या तकनीकी समस्याओं का समाधान नहीं है, यह अब हमारे व्यक्तिगत जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है। चाहे वो हेल्थ टिप्स हों, रेसिपीज़, ट्रैवल प्लानिंग या अब पेरेंटिंग — ChatGPT जैसी AI टूल्स लोगों के लिए असिस्टेंट से ज़्यादा बनती जा रही हैं।
“मेरे बच्चे कभी AI से ज़्यादा होशियार नहीं होंगे”- सैम ऑल्टमैन
Sam Altman ने बड़ी स्पष्टता से कहा कि उनके बच्चे, और भविष्य की पीढ़ियाँ, कभी भी AI से अधिक होशियार नहीं होंगी। लेकिन उनका मानना है कि यही AI उन्हें ऐसी क्षमताएं देगा जो हमारे समय में अकल्पनीय थीं। उन्होंने कहा, “मेरे बच्चे AI से ज़्यादा स्मार्ट नहीं होंगे, लेकिन वे उन चीजों में सक्षम होंगे जो आज हम सोच भी नहीं सकते।”
यह कथन सिर्फ AI की शक्ति को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि आने वाली पीढ़ियाँ AI के साथ कैसे विकसित होंगी। जिस तरह आज की पीढ़ी स्मार्टफोन को सामान्य जीवन का हिस्सा मानती है, उसी तरह अगली पीढ़ी AI को एक आवश्यक साथी की तरह मानेगी।
openai started a podcast too! https://t.co/bKLCdozWl3
— Sam Altman (@sama) June 18, 2025
AI और समाज: संभावनाएँ और खतरे
Sam Altman ने इस तकनीकी विकास को लेकर अपनी चिंता भी ज़ाहिर की। उन्होंने स्वीकार किया कि AI के ज़रिए समाज में “पैरा-सोशल रिलेशनशिप्स” यानी एकतरफा भावनात्मक जुड़ाव जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। उन्होंने कहा, “यह सब अच्छा नहीं होगा। कुछ चीजें बेहद समस्याग्रस्त हो सकती हैं और समाज को इसके लिए नए दिशा-निर्देश तय करने होंगे।”
लेकिन साथ ही, उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि समाज ऐसी चुनौतियों का समाधान खोजने में सक्षम है। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे लोगों ने गूगल के आने के बाद उसके संभावित नुकसान के बावजूद उसे समझदारी से अपनाया।
भविष्य का ChatGPT और AI का विकास
Sam Altman ने यह भी कहा कि आने वाले पाँच वर्षों में ChatGPT एक पूरी तरह से अलग तकनीक बन जाएगा। उन्होंने संकेत दिया कि इसका नाम भले ही बना रहे, लेकिन इसकी क्षमताएं कहीं अधिक विकसित और प्रभावशाली होंगी।
उन्होंने कहा, “अगर हमारे पास ऐसा कोई सिस्टम हो जो वैज्ञानिक खोजों को तेज़ कर सके, या खुद ही नए खोज कर सके, तो यह बेहद रोमांचक होगा।”
इस दिशा में पहले ही AI आधारित टूल्स वैज्ञानिक शोध, मेडिकल डायग्नोसिस, दवाइयों की खोज, जलवायु मॉडलिंग, और अन्य क्षेत्रों में मदद कर रहे हैं। Microsoft, Google, और Meta जैसी कंपनियाँ भी इस क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश कर रही हैं।
भारत और दुनिया में AI की स्वीकार्यता
भारत में भी AI का इस्तेमाल अब आम बात होती जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर शिक्षा, कृषि और सरकारी सेवाओं तक AI को अपनाया जा रहा है। ChatGPT को भी लाखों लोग रोज़ाना अपने निजी और पेशेवर जीवन में इस्तेमाल कर रहे हैं।
विशेषकर महामारी के बाद, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की रफ्तार और तेज़ हुई है और AI आधारित टूल्स को अपनाने में भारत जैसी उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
ChatGPT: एक असिस्टेंट से ज़्यादा
ChatGPT सिर्फ एक चैटबॉट नहीं है; यह अब एक सहयोगी, सलाहकार, और व्यक्तिगत कोच की तरह काम कर रहा है। बच्चे की नींद से जुड़ी समस्याएं, स्कूल प्रोजेक्ट्स, करियर गाइडेंस, हेल्थ क्वेरीज — ChatGPT लगभग हर क्षेत्र में उपयोग किया जा रहा है।
Sam Altman का खुद इसका उपयोग करना इस बात का प्रमाण है कि यह तकनीक अब सिर्फ प्रयोगशाला की चीज़ नहीं रही, बल्कि घरों तक पहुँच चुकी है।
क्या पेरेंटिंग में AI सबसे अच्छा साथी बन सकता है?
जहाँ AI को लेकर कई तरह की आशंकाएं मौजूद हैं, वहीं इसके उपयोग में संभावनाओं का भंडार भी है। Sam Altman जैसे तकनीकी विशेषज्ञ का ChatGPT को पेरेंटिंग में इस्तेमाल करना इस बदलाव का बड़ा उदाहरण है।
AI अगर सही गाइडलाइंस और मानवीय बुद्धि के साथ प्रयोग किया जाए, तो यह जीवन को सरल, बेहतर और सुरक्षित बना सकता है। और जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जा रही है, हमें भी उसके साथ ज़िम्मेदारी से आगे बढ़ना होगा।
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