मोमोज़ की चटनी की रेसिपी: इतिहास, स्वाद और बनाने की विधि

जब बात स्ट्रीट फूड की आती है, तो मोमोज़ का नाम सबसे ऊपर आता है। लेकिन अगर मोमोज़ के साथ मसालेदार लाल चटनी न हो, तो स्वाद अधूरा लगता है। यही है मोमोज़ की चटनी, जो अपने तीखे स्वाद और गाढ़े रंग से हर खाने वाले के दिल में खास जगह बना लेती है।

मोमोज़ की चटनी
                    मोमोज़ की चटनी

इस लेख में हम जानेंगे मोमोज़ की चटनी की रेसिपी, इसका इतिहास और क्षेत्रीय विविधताएं।

मोमोज़ की चटनी का इतिहास:

मोमोज़ की चटनी का इतिहास सीधे हिमालयी क्षेत्रों से जुड़ा हुआ है, खासकर तिब्बत, नेपाल, और भूटान से। मोमोज़ तिब्बती मूल का व्यंजन है, जिसे भारत में उत्तर-पूर्वी राज्यों, विशेषकर सिक्किम, दार्जिलिंग, और अरुणाचल प्रदेश में लोकप्रियता मिली।

जैसे-जैसे मोमोज़ का चलन भारत में बढ़ा, वैसे-वैसे इसकी चटनी को स्थानीय स्वाद के अनुसार ढाला गया। नेपाल और तिब्बत में यह चटनी साधारण सी तीखी होती है, लेकिन भारत में इसमें टमाटर, लहसुन, लाल मिर्च, और कभी-कभी तिल भी डाले जाते हैं।

यानी मोमोज़ की चटनी केवल एक डिपिंग सॉस नहीं, बल्कि भारत और हिमालयी क्षेत्रों की सांस्कृतिक संगम का प्रतीक बन चुकी है।

मोमोज़ की चटनी बनाने की सामग्री (Ingredients):

यह रेसिपी 4-6 लोगों के लिए है।

  • पके हुए लाल टमाटर – 4 मध्यम आकार के

  • लहसुन की कलियाँ – 8-10

  • सूखी लाल मिर्च – 6-8 (भिगोई हुई)

  • नमक – स्वादानुसार

  • तिल (सफेद) – 1 बड़ा चम्मच (वैकल्पिक)

  • सिरका या नींबू का रस – 1 बड़ा चम्मच

  • पानी – आवश्यकतानुसार

  • तेल – 1 छोटा चम्मच (भूनने के लिए)

मोमोज़ की चटनी बनाने की विधि:

चरण 1: सामग्री को उबालें

सबसे पहले टमाटर, भिगोई हुई लाल मिर्च, और लहसुन को एक साथ पानी में डालकर 10 मिनट उबालें। इससे सामग्री नरम हो जाएगी और पीसने में आसान होगी।

चरण 2: तिल को भूनें

तिल को धीमी आंच पर हल्का सुनहरा होने तक भून लें। इससे चटनी को एक नट्स जैसा स्वाद मिलेगा।

चरण 3: पीसना

अब उबली हुई सामग्री को ठंडा होने दें। फिर इसे मिक्सर में डालें, साथ में भुना हुआ तिल, नमक, सिरका या नींबू का रस डालें और महीन पेस्ट बना लें। अगर जरूरत हो तो थोड़ा पानी मिलाएं।

चरण 4: चखें और परोसें

अब आपकी तीखी और स्वादिष्ट मोमोज़ की चटनी तैयार है। इसे मोमोज़ के साथ गर्मागर्म परोसें।

मोमोज़ की चटनी के क्षेत्रीय रूप:

  1. दार्जिलिंग स्टाइल – अधिक लहसुन और सूखी मिर्च आधारित तीखी चटनी

  2. भूटानी स्टाइल – इसमें भुनी हुई मिर्च और मक्खन डाला जाता है

  3. नेपाली स्टाइल – इसमें कभी-कभी मूली, तिल और टमाटर मिलाए जाते हैं

  4. दिल्ली स्टाइल – इसमें चाइनीज फ्लेवर मिलाने के लिए सोया सॉस या सिरका डाला जाता है

हर क्षेत्र में मोमोज़ की चटनी का स्वाद और तीखापन अलग-अलग होता है, लेकिन मकसद वही होता है — स्वाद को दुगुना करना।

मोमोज़ की चटनी के साथ क्या खाएं?

  • वेज और नॉन-वेज मोमोज़

  • स्प्रिंग रोल्स

  • फ्राइड राइस या थुक्पा के साथ

  • फ्राइड वॉनटन

  • हक्का नूडल्स के साथ भी बहुत अच्छा लगता है

स्वास्थ्य लाभ:

  1. पाचन में सहायक – लहसुन और लाल मिर्च पाचन शक्ति बढ़ाते हैं

  2. एंटी-बैक्टीरियल गुण – लहसुन और सिरका बैक्टीरिया से लड़ते हैं

  3. कम कैलोरी विकल्प – अगर बिना तेल और शुगर के बनाई जाए तो यह हेल्दी डिपिंग सॉस बन सकती है

  4. रक्त संचार बढ़ाए – मिर्च और लहसुन रक्त संचार को बढ़ावा देते हैं

ध्यान दें: अत्यधिक मात्रा में मोमोज़ की चटनी का सेवन पेट में जलन पैदा कर सकता है, इसलिए सीमित मात्रा में लें।

मोमोज़ की चटनी बनाने के टिप्स:

  • अधिक तीखा चाहिए तो कश्मीरी मिर्च की जगह देगी मिर्च डालें

  • स्मोकी स्वाद चाहिए तो टमाटर को पहले भून लें

  • लंबे समय तक स्टोर करना हो तो तेल डालकर और बिना पानी की चटनी बनाएं

  • एक दिन पहले बनाकर रखें तो स्वाद और भी गहरा हो जाता है

मोमोज़ की चटनी केवल एक सहायक व्यंजन नहीं, बल्कि मोमोज़ खाने के अनुभव को संपूर्ण बनाने वाला तत्त्व है। इसका तीखापन, खुशबू और रंग हर किसी को लुभा लेता है। इसकी जड़ें हिमालयी संस्कृति में हैं, लेकिन आज यह देशभर में हर स्ट्रीट फूड स्टॉल और घर की रसोई में जगह बना चुकी है।

यदि आपने अभी तक घर पर मोमोज़ की चटनी नहीं बनाई है, तो इस आसान रेसिपी को जरूर आज़माएं और अपने स्वाद अनुभव को अगले स्तर पर ले जाएं।

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