मेट्रो इन दिनों रिव्यू: 2024 में रिलीज़ हुई फिल्म “मेट्रो… इन दिनों” (Metro… In Dino) एक बार फिर से अनुराग बसु के निर्देशन में बनकर सामने आई है, जो प्रेम कहानियों को एक अनोखे और संवेदनशील अंदाज़ में पेश करने के लिए जाने जाते हैं। यह फिल्म 2007 में आई उनकी ही फिल्म “लाइफ इन अ मेट्रो” की आध्यात्मिक अगली कड़ी मानी जा सकती है, जिसमें फिर से महानगर की जिंदगी, रिश्तों की पेचीदगियों और भावनाओं की सच्चाई को दर्शाया गया है।

यह ब्लॉग “मेट्रो इन दिनों रिव्यू” पर आधारित है जिसमें फिल्म की कहानी, निर्देशन, अभिनय, संगीत और इसकी समग्र प्रस्तुति पर विस्तार से चर्चा की गई है।
कहानी की झलक:
“मेट्रो इन दिनों” की कहानी आज के शहरी जीवन में जी रहे कुछ अलग-अलग किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है। इन किरदारों की कहानियाँ एक-दूसरे से जुड़ती भी हैं और अलग भी रहती हैं। हर कहानी में प्यार, अकेलापन, समझदारी और उम्मीद की झलक दिखाई देती है। यह फिल्म दिखाती है कि कैसे व्यस्त महानगरीय जीवन में भी भावनाएं, संवेदनाएं और जुड़ाव की चाह खत्म नहीं होती।
मेट्रो इन दिनों रिव्यू में यह स्पष्ट होता है कि फिल्म कई लोगों की ज़िंदगियों को छूती है – किसी को पुरानी मोहब्बत की याद दिलाती है तो किसी को आज के रिश्तों की सच्चाई से रूबरू कराती है।
निर्देशन:
अनुराग बसु ने हमेशा की तरह इस बार भी अपनी सिनेमैटिक समझ का परिचय दिया है। वह जटिल भावनाओं को सहजता से परदे पर उतारते हैं। फिल्म की पटकथा बहुस्तरीय है और हर कहानी का अपना एक विशिष्ट स्वाद है। “मेट्रो इन दिनों रिव्यू” के लिहाज़ से देखा जाए तो यह फिल्म उनके करियर की एक और मजबूत कड़ी है।
फिल्म में दृश्य-चित्रण (visual storytelling) बहुत ही सुंदर है – हर फ्रेम में दिल्ली-मुंबई की असल झलक मिलती है। मेट्रो स्टेशन, चाय की दुकान, ऑफिस की खिड़कियाँ – सब कुछ दिल से जुड़ता है।

अभिनय:
फिल्म में अद्वितीय कलाकारों की टोली है। मुख्य भूमिकाओं में हैं:
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आदित्य रॉय कपूर
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सारा अली खान
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अनुपम खेर
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नीना गुप्ता
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अली फज़ल
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फातिमा सना शेख
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कुणाल खेमू
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पंकज त्रिपाठी
हर अभिनेता ने अपने किरदार को ईमानदारी से जिया है। मेट्रो इन दिनों रिव्यू को मजबूत बनाता है इन कलाकारों का प्रभावशाली अभिनय। अनुपम खेर और नीना गुप्ता की जोड़ी दर्शकों को मुस्कुराने और सोचने पर मजबूर करती है। वहीं, आदित्य और सारा की केमिस्ट्री नई पीढ़ी की जटिलताओं को दर्शाती है।
संगीत:
फिल्म का संगीत प्रितम ने तैयार किया है और यह फिल्म की आत्मा बन चुका है। टाइटल ट्रैक “इन दिनों” को अरिजीत सिंह ने गाया है, जो हर दिल की आवाज़ बन जाता है।
गाने फिल्म के भावनात्मक उतार-चढ़ाव को सुंदरता से चित्रित करते हैं। गीत-संगीत न केवल कहानी को आगे बढ़ाता है बल्कि दर्शकों की भावनाओं को भी गहराई से छूता है।
सकारात्मक पहलू:
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निर्देशन में नयापन और परिपक्वता
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संवादों में गहराई और यथार्थता
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संगीत का मनमोहक उपयोग
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अभिनय का बेहतरीन स्तर
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भावनात्मक कहानियाँ जो दर्शकों से जुड़ती हैं
नकारात्मक पहलू:
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कुछ कहानियाँ थोड़ी खिंची हुई लगती हैं
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धीमी गति वाले दृश्य कुछ दर्शकों को कम पसंद आ सकते हैं
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सभी कहानियाँ समान स्तर पर असर नहीं छोड़तीं
फिल्म का संदेश:
“मेट्रो इन दिनों” हमें यह याद दिलाती है कि चाहे ज़िंदगी कितनी भी तेज़ हो जाए, इंसानी जज़्बात और जुड़ाव की अहमियत कभी खत्म नहीं होती। रिश्तों की गर्माहट, अकेलेपन की कसक और प्यार की मिठास हर दौर में बनी रहती है।
“मेट्रो इन दिनों रिव्यू” के अनुसार यह फिल्म उन सभी के लिए है जो दिल से जुड़ी कहानियाँ पसंद करते हैं। यह फिल्म न केवल प्रेम के विभिन्न रंग दिखाती है बल्कि यह भी बताती है कि आज के समय में सच्चा रिश्ता पाना कितना मुश्किल और कीमती है।
अगर आप ऐसी फिल्में पसंद करते हैं जो सोचने पर मजबूर करें, दिल को छू जाएँ और शहर की भीड़ में भी इंसानियत की झलक दिखाएं, तो “मेट्रो इन दिनों” आपके लिए जरूर देखने लायक है।
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