Maargan Movie Review: विजय एंटनी की मर्डर मिस्ट्री ‘मार्गन’ कितनी असरदार है?

Maargan Movie Review: विजय एंटनी की नई फिल्म ‘मार्गन’ 27 जून 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई है। यह फिल्म एक क्राइम इन्वेस्टिगेशन थ्रिलर है जिसमें कई रहस्यमयी हत्याओं की गुत्थी सुलझाने की कोशिश की गई है। निर्देशन की कमान संभाली है लियो जॉन पॉल ने, जबकि निर्माता हैं फातिमा विजय एंटनी। फिल्म में विजय एंटनी के साथ-साथ अजय धीशान, समुथिरकानी, ब्रिगिडा, दीपशिखा, और महानती शंकर जैसे कलाकार नजर आते हैं।

यह फिल्म एक अनोखी कहानी के साथ आई है, लेकिन क्या यह अपने मकसद में कामयाब हो पाई है? आइए जानते हैं Maargan फिल्म की कहानी, अभिनय, निर्देशन और तकनीकी पहलुओं के आधार पर इसका पूरा रिव्यू।

कहानी: हत्याओं की गुत्थी और चौंकाने वाला सच

‘मार्गन’ की कहानी शुरू होती है हैदराबाद में हो रही एक के बाद एक रहस्यमयी हत्याओं से। ये घटनाएं पुलिस विभाग को हिला कर रख देती हैं। केस की गंभीरता को देखते हुए इसे एडीजीपी ध्रुव (विजय एंटनी) को सौंपा जाता है। ध्रुव की शक की सुई सबसे पहले अरविंद (अजय धीशान) की ओर जाती है। लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती है, कई चौंकाने वाले राज़ खुलते हैं जो दर्शकों को भी हैरान कर देते हैं।

फिल्म के दौरान दर्शक यह जानने को बेताब रहते हैं कि असली कातिल कौन है और उसका मकसद क्या है। यही सस्पेंस फिल्म की जान है। कहानी में कई भावनात्मक पहलू भी हैं जैसे पिता-बेटी और भाई-बहन का रिश्ता, जो फिल्म को एक संवेदनशील स्पर्श देते हैं।

विजय एंटनी का दमदार लेकिन अधूरा किरदार

विजय एंटनी ने एक पुलिस ऑफिसर के रूप में काफी सधा हुआ अभिनय किया है। उनका लुक और अंदाज़ खास है, और फिल्म के पहले हाफ में उनके लुक को लेकर दर्शकों के मन में जिज्ञासा बनी रहती है। जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, उनके किरदार की गहराई खुलती है।

हालांकि, उनके किरदार को जिस तरह से लिखा गया है, उसमें कुछ खामियां भी हैं। खासतौर पर फ्लैशबैक वाले हिस्सों में उनका रोल थोड़ा कमजोर लगता है। यह देखकर थोड़ा निराशा होती है कि इतने सशक्त एक्टर को पूरी तरह से उभार नहीं पाया गया।

Maargan Movie Review

अजय धीशान का सरप्राइज पैकेज

फिल्म में सबसे ज्यादा प्रभावशाली किरदार अजय धीशान का है। उनका कैरेक्टर शुरुआत में रहस्यमयी लगता है और यही उनकी भूमिका की सबसे बड़ी ताकत है। उनकी भूमिका को बड़ी समझदारी से लिखा गया है, और यही वजह है कि पहले हाफ में दर्शक उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं।

लेकिन जैसे ही फिल्म क्लाइमेक्स की ओर बढ़ती है, उनका किरदार कमजोर पड़ने लगता है। जिस तरह से उनकी कहानी खत्म की गई है, वह उम्मीद से काफी नीचे है और एक बेहतरीन शुरुआत के बाद निराश कर जाती है।

इमोशन्स और सस्पेंस का मेल

‘Maargan’ की खास बात यह है कि इसमें सिर्फ क्राइम या थ्रिल नहीं है, बल्कि इमोशनल एंगल भी है। पिता-बेटी और भाई-बहन के बीच की भावनाएं फिल्म में अच्छी तरह से दिखाई गई हैं। इससे दर्शक कहानी से जुड़ाव महसूस करते हैं।

इसके अलावा, इंटरवल पर आने वाला ट्विस्ट और क्लाइमेक्स में छुपा सच फिल्म को मजेदार बनाता है। फिल्म का दूसरा भाग पहले हाफ से बेहतर है और दर्शकों को ज्यादा बांधे रखता है।

कमजोरियां जो फिल्म को पीछे खींचती हैं

जहां एक तरफ Maargan फिल्म में कई मजबूत पक्ष हैं, वहीं कुछ कमियां भी हैं जो इसे एक बेहतरीन क्राइम थ्रिलर बनने से रोकती हैं। सबसे पहले बात करें स्क्रिप्ट की, तो फिल्म का पहला हाफ काफी धीमा है। कुछ हिस्से खिंचे हुए लगते हैं, खासकर लव ट्रैक और कुछ गैरजरूरी सीन्स जो कहानी की गति को बाधित करते हैं।

समुथिरकानी जैसे उम्दा अभिनेता को जिस तरह से एक मामूली किरदार में इस्तेमाल किया गया है, वह काफी निराशाजनक है। उनका रोल फिल्म में कोई खास असर नहीं छोड़ता।

क्लाइमेक्स में जो ट्विस्ट दिखाया गया है, वह चौंकाता जरूर है लेकिन जिस तरह से पूरी फिल्म खत्म होती है, वह एक अधूरी सी भावना छोड़ती है। कातिल का मकसद थोड़ा और मजबूती से लिखा जा सकता था, जिससे अंत में कहानी और प्रभावशाली बनती।

तकनीकी पक्ष: म्यूजिक, सिनेमैटोग्राफी और एडिटिंग

Maargan फिल्म के तकनीकी पहलू की बात करें तो म्यूजिक और बैकग्राउंड स्कोर दिया है खुद विजय एंटनी ने, जो कहानी के मूड के अनुसार अच्छा काम करता है। सिनेमैटोग्राफी यानि कैमरा वर्क किया है युवा एस ने, और यह फिल्म की बड़ी खासियत है। लोकेशंस और लाइटिंग के जरिए उन्होंने मिस्ट्री और थ्रिल को अच्छे से उभारा है।

हालांकि एडिटिंग थोड़ी कमजोर नजर आती है। लियो जॉन पॉल ने खुद ही फिल्म की एडिटिंग की है, लेकिन पहले हाफ में कटिंग की कमी नजर आती है जिससे कुछ दृश्य खिंचे हुए महसूस होते हैं।

निर्देशन में नयापन, लेकिन अधूरी प्रस्तुति

लियो जॉन पॉल का डायरेक्शन ठीक-ठाक कहा जा सकता है। उन्होंने एक अलग तरह की क्राइम स्टोरी को दिखाने की कोशिश की है, लेकिन उसे पूरी तरह से असरदार तरीके से पेश नहीं कर पाए। अजय धीशान के किरदार को अच्छे से डिजाइन करने के बावजूद उसका अंत कमजोर पड़ता है।

कहानी में मौलिकता है, लेकिन उसका ट्रीटमेंट यानी प्रस्तुतिकरण कुछ खास नहीं बन पाता। दर्शक एक बड़े थ्रिल की उम्मीद लेकर बैठते हैं, लेकिन उन्हें अंत में पूरी संतुष्टि नहीं मिलती।

निष्कर्ष: देखने लायक लेकिन यादगार नहीं

कुल मिलाकर कहा जाए तो ‘Maargan’ एक औसत दर्जे की क्राइम थ्रिलर फिल्म है। कहानी में नया पन है, लेकिन उसका स्क्रीन पर असर उतना नहीं दिखता। फिल्म का पहला हाफ धीमा है, जबकि दूसरा हाफ थोड़ा बेहतर है। विजय एंटनी का अभिनय अच्छा है, लेकिन उनके किरदार को बेहतर तरीके से लिखा जा सकता था।

जो दर्शक थ्रिलर फिल्मों के शौकीन हैं, उन्हें यह फिल्म एक बार जरूर देखनी चाहिए, लेकिन उनसे यह उम्मीद न रखें कि यह फिल्म लंबे समय तक उनके ज़ेहन में रहेगी।

Maargan - First 6 Minutes (Telugu) | Vijay Antony | Ajay Dhishan | Leo John Paul #MaarganFromJune27

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