Jammu and Kashmir Floods: जम्मू-कश्मीर में मानसून की बारिश ने विकराल रूप ले लिया है। 20 जुलाई से लगातार हो रही भारी बारिश ने कई ज़िलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। खासतौर पर राजौरी, पूंछ, श्रीनगर और अनंतनाग जैसे इलाकों में हालात गंभीर हो गए हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
20 जुलाई से हो रही मूसलधार बारिश ने मचाया हड़कंप
20 जुलाई से शुरू हुई भारी बारिश ने घाटी के कई हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया है। 21 जुलाई की सुबह जम्मू के मैदानी इलाकों में तेज़ बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के अनुसार, 22 जुलाई को भी पूरे क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इससे सामान्य जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है।
अचानक बाढ़ और भूस्खलन का बड़ा खतरा
लगातार होती बारिश से अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) और भूस्खलन (लैंडस्लाइड) का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने कई बार चेतावनी दी है कि पहाड़ी इलाकों, खासकर जम्मू-श्रीनगर हाईवे जैसे संवेदनशील रास्तों पर मलबा गिरने, मिट्टी खिसकने और पथरीले पत्थरों के गिरने (shooting stones) की घटनाएं हो सकती हैं।
इससे यातायात, आपातकालीन सेवाओं और राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
IMD का रेड और ऑरेंज अलर्ट: कौन-कौन से इलाके खतरे में
मौसम विभाग ने कई ज़िलों में भारी बारिश को देखते हुए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें शामिल हैं:
- जम्मू
- राजौरी
- कठुआ
- सांबा
- रियासी
- श्रीनगर
- अनंतनाग
इन ज़िलों में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है और निचले इलाकों में जलभराव की समस्या गहराती जा रही है।
श्रीनगर में झेलम नदी खतरे के निशान के पास
झेलम नदी, जो कश्मीर घाटी की जीवन रेखा मानी जाती है, अब खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है। श्रीनगर और संगम क्षेत्र में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की आशंका बन गई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर बारिश इसी तरह जारी रही, तो श्रीनगर के कई निचले इलाके जलमग्न हो सकते हैं। प्रशासन ने हालात पर करीबी नजर रखी हुई है।
राजौरी में बाढ़ जैसे हालात, स्कूलों को किया गया बंद
WATCH | J&K | Flood-like situation in #Rajouri after Dharhali and Saktoh rivers experience rising water levels following incessant rainfall in the area
Rajouri District Administration declares closure of all government and private schools in the district for today. pic.twitter.com/5bnvBR8uYY
— TIMES NOW (@TimesNow) July 22, 2025
राजौरी ज़िला इस समय सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। यहां की धरहाली और सकतोह नदियों का जलस्तर काफी बढ़ चुका है। लगातार बारिश के कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राजौरी जिला प्रशासन ने 22 जुलाई को सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है।
पूंछ में भूस्खलन: 1 छात्र की मौत, 23 घायल
बारिश से सबसे दर्दनाक खबर आई पूंछ ज़िले के बैंच कलसान (Bainch Kalsan) से, जहां सोमवार को एक भयानक भूस्खलन की घटना हुई। इस हादसे में एक छात्र की मौत हो गई, जबकि 23 लोग घायल हो गए, जिनमें एक शिक्षक भी शामिल हैं।
घायलों में से दो छात्रों की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें जिला अस्पताल पूंछ में भर्ती कराया गया है। प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य तेजी से चलाए जा रहे हैं।
सड़क मार्ग बाधित, यातायात पर असर
लगातार बारिश और भूस्खलन की वजह से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे और अन्य प्रमुख मार्गों पर यातायात ठप हो गया है। कई जगहों पर सड़कें धंस गई हैं या मलबे से बंद हो चुकी हैं।
इससे न केवल आम नागरिकों को परेशानी हो रही है, बल्कि आपात सेवाओं, एंबुलेंस और राहत टीमों को भी घटनास्थलों तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है।
प्रशासन की सतर्कता और राहत कार्य
जम्मू-कश्मीर प्रशासन और जिला अधिकारी लगातार हालात की निगरानी कर रहे हैं। हर ज़िले में आपदा प्रबंधन टीमें (SDRF, NDRF) अलर्ट पर हैं और प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
राजौरी, पूंछ, श्रीनगर और अनंतनाग में कंट्रोल रूम बनाए गए हैं, जहां से लोगों को मदद दी जा रही है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के पास न जाएं और अफवाहों से बचें।
मौसम का पूर्वानुमान: 24 जुलाई से हो सकता है सुधार
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, 23 जुलाई तक बारिश जारी रहने की संभावना है। इसके बाद 24 जुलाई से मौसम में थोड़ा सुधार हो सकता है, जब बारिश छिटपुट और कम तीव्रता वाली रह सकती है।
हालांकि, तब तक लोगों को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
जनता की सुरक्षा में लगी है सरकार
जम्मू-कश्मीर में इस समय हालात तनावपूर्ण हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन पूरी तरह तैयार हैं। NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। कहीं नावों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है, तो कहीं राशन और मेडिकल सहायता भेजी जा रही है।
प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय भी लगातार राज्य प्रशासन से संपर्क में हैं और सभी जरूरी मदद दी जा रही है।
अब सतर्क रहना ही है सबसे जरूरी
जम्मू-कश्मीर के लोग इस समय कठिन हालात का सामना कर रहे हैं। बारिश अभी जारी है और खतरा टला नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि लोग सावधानी बरतें, प्रशासन के आदेशों का पालन करें, और जरूरत पड़ने पर हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें।
प्रकृति के इस प्रकोप के आगे सबसे बड़ी ताकत जनजागरूकता और सतर्कता है।
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