ITR Filing: आकलन वर्ष 2025–26 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यदि आपने वित्तीय वर्ष 2024–25 (1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025) के दौरान आय अर्जित की है, तो नियत तिथि से पहले अपना ITR दाखिल करना अनिवार्य है। समय पर रिटर्न भरने से आप जुर्माने, ब्याज और कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं, साथ ही टैक्स रिफंड का लाभ भी शीघ्रता से प्राप्त कर सकते हैं।
ITR Filing: किसे आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना जरूरी है?
अगर आपकी सालाना आय तय सीमा से ज़्यादा है, तो आपके लिए ITR फाइल करना अनिवार्य है।
✅ वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए छूट सीमाएँ: (नई कर व्यवस्था ITR Filing 2025 के तहत)
- सामान्य व्यक्ति: ₹3 लाख
- वरिष्ठ नागरिक (60-79 वर्ष): ₹3 लाख
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अति वरिष्ठ नागरिक (80 वर्ष और उससे अधिक): ₹5 लाख
ITR फॉर्म और ITR Filing प्रक्रिया में बड़े बदलाव (2025)
ITR फॉर्म्स में बदलाव: Changes in ITR Forms:
- सरल और एकीकृत फॉर्म:
CBDT ने कुछ फॉर्म्स को सरल और एकीकृत किया है ताकि टैक्सपेयर्स के लिए फाइलिंग आसान हो।
उदाहरण: ITR-1 और ITR-4 को चुनिंदा बदलावों के साथ पहले से ज्यादा आसान बनाया गया है। -
AI आधारित प्री-फिल्ड डाटा:
अब PAN, बैंक ब्यौरा, सैलरी डिटेल, TDS आदि की जानकारी स्वतः भरी हुई (pre-filled) मिलेगी।
नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) डिफॉल्ट
- अब से नई टैक्स व्यवस्था ‘डिफॉल्ट’ विकल्प है। यानी, अगर आप पुरानी व्यवस्था (Old Regime) चुनना चाहते हैं, तो ITR में स्पष्ट रूप से बताना होगा।
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नई व्यवस्था में ₹12 लाख तक की आय पर “शून्य टैक्स”(ZERO TAX) छूट मिल सकती है, लेकिन धारा 87A के तहत क्लेम करना अनिवार्य है।
ई-वेरिफिकेशन की समयसीमा घटाई गई
अब ITR दाखिल करने के बाद 30 दिन के भीतर ही ई-वेरिफिकेशन करना जरूरी है। पहले यह समय 120 दिन था।
AIS और TIS की अनिवार्यता बढ़ी
टैक्सपेयर्स को अब अपनी Annual Information Statement (AIS) और Taxpayer Information Summary (TIS) को ध्यान से चेक करना होगा, क्योंकि अब ITR में इनसे मेल न खाने पर नोटिस आने की संभावना बढ़ गई है।
क्रिप्टोकरेंसी, गिफ्ट और डिजिटल एसेट्स की रिपोर्टिंग
- वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (जैसे क्रिप्टो, NFT) से कमाई की रिपोर्टिंग के लिए अब अलग सेक्शन है।
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30% टैक्स और 1% TDS लागू है — इसे फॉर्म में सही-सही दिखाना जरूरी है।
फ्रीलांसर और छोटे कारोबारियों के लिए सरल प्रक्रिया
ITR-4 में Presumptive Taxation Scheme के तहत 50% इनकम मान्य मानी जाती है — जिससे फाइलिंग आसान हो गई है।
बिना टैक्स देनदारी वालों को भी ITR जरूरी
भले ही आपकी टैक्स देनदारी धारा 87A के तहत “0” हो, फिर भी ITR फाइल करना जरूरी है ताकि आप उस छूट का लाभ ले सकें।
✅ नया क्या ध्यान रखना है?
- सही ITR फॉर्म चुनें (ITR-1 से ITR-7 तक)
- AIS-TIS से डेटा मिलाएं
- ई-वेरिफिकेशन 30 दिन में करें
- 31 जुलाई 2025 (संभावित) अंतिम तारीख न भूलें
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छूट पाने के लिए ITR समय पर फाइल करें
📅 ITR Filing करने की अंतिम तिथियाँ – वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26)
करदाता की श्रेणी | अंतिम तारीख | विवरण |
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🧑💼 सामान्य करदाता (सैलरी, फ्रीलांसर, नॉन-ऑडिट केस) | 31 जुलाई, 2025 | इसमें वेतनभोगी व्यक्ति, फ्रीलांसर और वे पेशेवर शामिल हैं जिन्हें टैक्स ऑडिट की आवश्यकता नहीं है। |
🏢 टैक्स ऑडिट वाले व्यवसाय | 31 अक्टूबर, 2025 | जिनका टर्नओवर ₹1 करोड़ (या डिजिटल मामलों में ₹10 करोड़) से अधिक है – उनके लिए टैक्स ऑडिट अनिवार्य है। |
🌐 स्थानांतरण मूल्य निर्धारण (Transfer Pricing) केस | 30 नवंबर, 2025 | वे कंपनियां जो अंतरराष्ट्रीय या निर्दिष्ट घरेलू लेनदेन में शामिल हैं और जिन्हें फॉर्म 3CEB जमा करना होता है। |
🔁 विलंबित या संशोधित रिटर्न | 31 दिसंबर, 2025 | जिन लोगों ने समय पर ITR फाइल नहीं किया या उसमें कोई सुधार करना है, वे इस तारीख तक संशोधित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। |
आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करना क्यों है जरूरी? Why is ITR Filing necessory?
हर साल आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करना हर उस भारतीय के लिए जरूरी है जो टैक्स देने के दायरे में आता है।
लेकिन यह सिर्फ कानून का पालन करने के लिए नहीं है — इससे आपको कई फाइनेंशियल(Financial) फायदों का भी रास्ता खुलता है।
✅ ITR फाइल करने से क्या फायदे हैं? What are the benefits of ITR Filing(Income Tax Return)?
- लोन लेना आसान होता है (होम लोन, पर्सनल लोन आदि)
- वीज़ा अप्लाई करते समय जरूरी दस्तावेज़ होता है
- क्रेडिट कार्ड पाने में मदद मिलती है
-
यह आपकी फाइनेंशियल जिम्मेदारी को दिखाता है
ITR में आप बताते हैं कि आपने सालभर में कितनी कमाई की, कौन-कौन सी टैक्स कटौती ली, और कितना टैक्स सरकार को दिया।चाहे आप एक सैलरी पाने वाले कर्मचारी हों, कोई बिज़नेस चलाते हों, या एक फ्रीलांसर हों — आपके लिए समय पर ITR फाइल करना बहुत जरूरी है।
अगर आप अपना आयकर रिटर्न (ITR) समय पर फाइल करते हैं तो आप लेट फीस, ब्याज और टैक्स विभाग के नोटिस से बच जाते हैं। आयकर विभाग का ई-फाइलिंग पोर्टल इतना आसान हो गया है कि अब आप घर बैठे जल्दी और आराम से ITR फाइल कर सकते हैं।
ITR Filing: ITR दाखिल करने के लिए जरूरी दस्तावेज़
ITR फाइल करने से पहले ये चीजें अपने पास जरूर रखें:
- पैन कार्ड और आधार नंबर
- बैंक स्टेटमेंट (सालभर की पूरी बैंकिंग जानकारी)
- अगर आप नौकरी करते हैं, तो आपका फॉर्म 16 (Form 16)
- जो भी कर बचाने वाले निवेश किए हैं, उनका प्रमाण-पत्र (जैसे FD, LIC, PPF आदि)
-
आपका 26AS और AIS फॉर्म, जिसमें आपके टैक्स भुगतान और कटौतियां दिखती हैं
ITR Filing में देरी पर कितना जुर्माना लगेगा?
- 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल न करने पर: अगर आप 31 जुलाई तक ITR नहीं फाइल करते हैं, तो ₹1,000 तक का जुर्माना लग सकता है। यह जुर्माना आमतौर पर तब लगता है जब आपकी आय ₹5 लाख तक हो।
- 31 दिसंबर तक देरी से फाइल करने पर: अगर आप 31 दिसंबर तक भी ITR फाइल नहीं करते हैं, तो जुर्माना बढ़कर ₹5,000 तक हो सकता है।
- आय ₹5 लाख से ज्यादा होने पर: 31 जुलाई के बाद फाइल करने पर जुर्माना ₹5,000 तक हो सकता है, भले ही आप 31 दिसंबर से पहले फाइल करें।
क्या है ’12 लाख तक शून्य टैक्स’ का मतलब? What does Zero Tax mean?
2025-26 के केंद्रीय बजट में सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है। अब नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत अगर आपकी सालाना इनकम ₹12 लाख तक है, तो आप पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन ध्यान दीजिए — ये छूट अपने आप नहीं मिलती। इसका फायदा उठाने के लिए आपको ITR (इनकम टैक्स रिटर्न) फाइल करना जरूरी है।
ये छूट सेक्शन 87A के तहत मिलती है, और इसे तभी क्लेम किया जा सकता है जब आप अपना रिटर्न समय पर दाखिल करते हैं।सिंपल शब्दों में:
अगर आपकी सालाना कमाई ₹12 लाख या उससे कम है, तो आप टैक्स से बच सकते हैं — लेकिन ITR फाइल किए बिना ये छूट नहीं मिलेगी।
📋 ITR Filing: ITR 2025 के फॉर्म्स का विवरण
फॉर्म नंबर | किसके लिए है? | कब उपयोग करें? |
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ITR-1 (Sahaj) | वेतनभोगी, पेंशन पाने वाले, छोटे किसान | यदि आपकी आय ₹50 लाख से कम हो, और आय मुख्यतः वेतन, पेंशन, बैंक ब्याज से हो |
ITR-2 | वेतनभोगी जो अन्य स्रोत से आय रखते हैं | जब आपकी आय में पूंजीगत लाभ (स्टॉक, प्रॉपर्टी), या आय-कर बचाने वाले निवेश हों |
ITR-3 | व्यवसायी, फ्रीलांसर या प्रोफेशनल्स | यदि आप व्यवसाय या प्रोफेशन से आय कमाते हैं |
ITR-4 (साधारण व्यवसाय) | छोटे व्यवसायी और पेशेवर (Presumptive Tax) | जब आपकी आय ₹50 लाख से कम हो और आप प्रीसंप्टिव टैक्स योजना के तहत हों |
ITR-5 | LLP, AOP, BOI, Firms आदि | पार्टनरशिप फर्म, एलएलपी, क्लब, सोसाइटी के लिए |
ITR-6 | कंपनियां (Companies) | अगर कंपनी ने टैक्स छूट का दावा नहीं किया हो |
ITR-7 | ट्रस्ट, संस्थान, और धर्मार्थ संगठन | धर्मार्थ ट्रस्ट, सरकारी संगठन, राजनीतिक पार्टियां आदि के लिए |
सरल सुझाव:
- अगर आप सैलरी या पेंशन लेते हैं और कोई बिजनेस नहीं करते, तो ITR-1 या ITR-2 देखिए।
- अगर आप व्यवसायी, फ्रीलांसर या प्रोफेशनल हैं, तो ITR-3 या ITR-4 चुनें।
- कंपनियां और फर्में अपने-अपने फॉर्म चुनें जैसे ITR-5, ITR-6 आदि।
ITR-1 क्या है? What is ITR-1?
ITR-1, जिसे सहज फॉर्म भी कहा जाता है, एक आसान इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म है। यह उन लोगों के लिए है:
✅ जिनकी कुल सालाना आय ₹50 लाख तक है
✅ और जो मुख्य रूप से सैलरी, पेंशन, एक घर से रेंट, या ब्याज (interest) जैसी आमदनी से कमाई करते हैं।
💻 ITR-1 (Sahaj) ऑनलाइन कैसे फाइल करें? ✅ स्टेप-बाय-स्टेप गाइड:
1.वेबसाइट खोलें: incometax.gov.in पर जाएं
2. लॉग इन करें: PAN और पासवर्ड से लॉग इन करें (पहली बार हैं तो रजिस्टर करें)
3. ई-फाइलिंग शुरू करें:
- ई-फाइल > Income Tax Return > File Income Tax Return
- Assessment Year: 2025-26
- Mode: Online
4. नई फाइलिंग शुरू करें > Individual चुनें
5. Form Type: ITR-1 (Sahaj)
6. “Let’s Get Started” पर क्लिक करें
7. फॉर्म के 5 सेक्शन भरें:
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🔹 Personal Info: नाम, PAN, आधार, बैंक डिटेल्स
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🔹 Gross Total Income: सैलरी, ब्याज आदि से आय
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🔹 Deductions: जैसे 80C, 80D, 80TTA आदि
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🔹 Tax Paid: TDS, Advance Tax आदि
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🔹 Total Tax Liability: देय टैक्स या रिफंड
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8. सत्यापन करें: सब डिटेल्स चेक करें
9. E-Verification करें: OTP या आधार के ज़रिए
और अधिक जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट की सहायता ले सकते हैं: https://cleartax.in/s/itr1
फॉर्म 16 क्या है? What is Form 16 in ITR Filing?
फॉर्म 16 एक TDS सर्टिफिकेट है जो नियोक्ता (Employer) द्वारा जारी किया जाता है। इसमें बताया जाता है कि:
- आपने सालभर में कितनी सैलरी कमाई
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और उस पर कितना TDS (Tax Deducted at Source) काटा गया
⏰ यह फॉर्म आमतौर पर 15 जून तक जारी किया जाता है, पिछले वित्तीय वर्ष के लिए।
फॉर्म 16 क्यों जरूरी है?
फॉर्म 16 एक बहुत अहम दस्तावेज है, क्योंकि यह:
- TDS का प्रमाण होता है – यह दिखाता है कि आपके वेतन से जो टैक्स कटा, वह सरकार को जमा किया गया।
- ITR फाइल करने में मदद करता है – इसमें सारी सैलरी और टैक्स डिटेल्स होती हैं, जिससे इनकम टैक्स रिटर्न भरना आसान हो जाता है।
- सैलरी का प्रमाण होता है – यह आपकी सालभर की सैलरी की आधिकारिक डिटेल देता है।
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लोन लेने में काम आता है – बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स लोन या क्रेडिट कार्ड देने से पहले फॉर्म 16 मांगते हैं ताकि आपकी इनकम की पुष्टि की जा सके।
डिजिटल फॉर्म 16 से ITR फाइलिंग हुई और आसान!
आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए करदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए डिजिटल फॉर्म 16 लॉन्च किया है। अब जरूरी विवरण ऑटोमैटिकली भर जाते हैं, रिटर्न फाइल करना हुआ तेज़ और आसान, मैन्युअल एंट्री से होने वाली गलतियों से बचाव, ITR फॉर्म भरते समय डेटा पहले से ही उपलब्ध रहेगा।
अब नियोक्ता TRACES पोर्टल से सीधे नया डिजिटल फॉर्म 16 डाउनलोड कर सकते हैं।
ITR Filing: Form 16 कैसे डाउनलोड करें? 👣 स्टेप-बाय-स्टेप गाइड:
- 🔗 TRACES वेबसाइट पर जाएं
- 👉 User ID (PAN) और पासवर्ड से लॉग इन करें
- 🔽 Download टैब में जाकर “Form 16” चुनें
- 📅 फॉर्म का प्रकार और वित्तीय वर्ष चुनें
- 🔍 PAN, TDS रसीद नंबर और अन्य डिटेल्स भरें
- ✅ जानकारी चेक करें और Submit करें
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📂 फॉर्म तैयार होने पर, Download टैब में जाकर फाइल डाउनलोड करें
और अधिक जानकारी के लिए आप इस वेबसाइट की सहायता ले सकते हैं : https://cleartax.in/s/what-is-form-16
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