International Men’s Day 2025: पुरुषों और बेटों का उत्सव, जानें तारीख, इतिहास और महत्व

International Men’s Day 2025: इंटरनेशनल मेन्स डे हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर में पुरुषों के योगदान, उनकी चुनौतियों और समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मान देने के लिए समर्पित है। वर्ष 2025 में भी यह दिन दुनिया भर में उत्साह और जागरूकता के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर का मुख्य उद्देश्य पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य, कल्याण और सामाजिक जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करना है।

इस बार इंटरनेशनल मेन्स डे 2025 की थीम है “Celebrating Men and Boys”, जिसका हिंदी अर्थ है “पुरुषों और लड़कों का जश्न”। यह थीम पुरुषों और लड़कों की प्रेरणादायक कहानियों को उजागर करने और उनके जीवन से जुड़ी चुनौतियों को समझने का अवसर देती है।

आइए इस खास दिन के इतिहास, महत्व और इसके वैश्विक संदेश को सरल और मानवीय भाषा में विस्तार से समझते हैं।

International Men’s Day 2025: कब और क्यों मनाया जाता है

इंटरनेशनल मेन्स डे हर वर्ष 19 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1999 में हुई, जब डॉ. जेरोम टीलक्सिंग—जो कि ट्रिनिडाड एंड टोबैगो के एक डॉक्टर और इतिहासकार थे—ने इसे वैश्विक स्तर पर मनाने की पहल की।

उन्होंने नवंबर में यह दिन इसलिए चुना क्योंकि इसी दिन उनके पिता का जन्मदिन था, जिन्हें वे एक आदर्श पुरुष मानते थे। इसके अलावा, इसी महीने कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाएँ भी जुड़ी थीं जो पुरुषों की भूमिका और सामाजिक जिम्मेदारियों को दर्शाती हैं।

हालाँकि पुरुषों के लिए एक खास दिन मनाने का विचार 1960 के दशक से मौजूद था, लेकिन 1999 के बाद इसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली और कई देशों ने इसे आधिकारिक रूप से मनाना शुरू किया।

International Men’s Day 2025 की थीम: “Celebrating Men and Boys”

International Men's Day 2025

हर साल इंटरनेशनल मेन्स डे एक खास थीम के साथ मनाया जाता है। वर्ष 2025 की थीम है — “Celebrating Men and Boys”। यह थीम उत्सव, सम्मान और जागरूकता का संदेश देती है।

इस थीम के तहत पुरुषों और लड़कों की प्रेरक कहानियाँ साझा की जाएँगी, चाहे वे परिवार की ज़िम्मेदारियों को निभाने वाले हों, समाज में योगदान देने वाले हों या अपनी व्यक्तिगत चुनौतियों का सामना करके आगे बढ़ने वाले हों।

यह थीम पुरुषों के स्वास्थ्य, मानसिक तनाव, सामाजिक दबाव और वर्क-लाइफ बैलेंस जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करती है। इसका उद्देश्य यह भी है कि समाज में पुरुषों की सकारात्मक छवि को बढ़ावा मिले और उनके द्वारा किए गए कार्यों को उचित मान्यता मिले।

इंटरनेशनल मेन्स डे का इतिहास

पुरुषों के लिए विशेष दिन मनाने की सोच नई नहीं है। 1960 के दशक में कई लोग मानते थे कि जैसे महिलाओं के सम्मान में 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, वैसे ही पुरुषों की चुनौतियों और योगदान को दर्शाने के लिए भी एक वैश्विक दिन होना चाहिए।

हालाँकि इस विचार पर लंबे समय तक वैश्विक सहमति नहीं बन सकी। फिर 1999 में डॉ. जेरोम टीलक्सिंग ने इसे संगठित रूप से शुरू किया। उन्होंने पुरुषों को प्रेरित करने, परिवार और समाज में उनकी भूमिकाओं को सम्मान देने और पुरुषों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार के लिए यह दिन मनाने का सुझाव दिया।

धीरे-धीरे 80 से अधिक देशों ने इंटरनेशनल मेन्स डे को आधिकारिक मान्यता दी। आज यह दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक जागरूकता अभियानों में से एक माना जाता है।

बच्चों से जुड़ाव: इंटरनेशनल चिल्ड्रेन डे का महत्व

इंटरनेशनल मेन्स डे की एक विशेष बात यह भी है कि इसके ठीक अगले दिन यानी 20 नवंबर को इंटरनेशनल चिल्ड्रेन डे मनाया जाता है।

इसका संदेश है कि पुरुष और बच्चे समाज का भविष्य हैं। पुरुष अपने बच्चों के मार्गदर्शक, संरक्षक और प्रेरणास्रोत होते हैं।

इसलिए इन दोनों दिनों को साथ-साथ मनाने का उद्देश्य पुरुषों और बच्चों के बीच की महत्वपूर्ण और भावनात्मक बॉन्डिंग को सम्मान देना है। यह संकेत देता है कि एक स्वस्थ परिवार और सुरक्षित समाज के निर्माण में पुरुषों और बच्चों दोनों की भूमिका समान रूप से महत्वपूर्ण है।

इंटरनेशनल मेन्स डे क्यों मनाया जाता है

इंटरनेशनल मेन्स डे का मकसद पुरुषों की तुलना महिलाओं से करना नहीं है और न ही यह दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का विकल्प है।

इस दिन को मनाने का उद्देश्य है—

  • पुरुषों की जीवन यात्रा, संघर्ष और उपलब्धियों को पहचान देना

  • समाज में उनके योगदान को सम्मान देना

  • पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य को गंभीरता से लेना

  • मानसिक स्वास्थ्य, अवसाद और आत्महत्या जैसे संवेदनशील मुद्दों को उजागर करना

  • लैंगिक समानता को संतुलित और सकारात्मक तरीके से बढ़ावा देना

पुरुष अक्सर सामाजिक दबाव के कारण अपनी भावनाएँ व्यक्त नहीं कर पाते। यह दिन उन्हें खुलकर सोचने, बोलने और अपनी चुनौतियों को स्वीकार करने का मौका देता है।

पुरुषों और लड़कों के स्वास्थ्य पर फोकस

दुनिया में पुरुषों की औसत आयु महिलाओं से कम होती है। इसके कई कारणों में शामिल है:

  • तनाव

  • कार्यस्थल का दबाव

  • सामाजिक जिम्मेदारियाँ

  • भावनाओं को दबाकर रखना

  • स्वास्थ्य की अनदेखी

International Men’s Day पुरुषों को यह संदेश देता है कि उनकी सेहत और मानसिक संतुलन भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना किसी और का।

पुरुषों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ तेज़ी से बढ़ रही हैं। कई पुरुष डिप्रेशन और तनाव का सामना करते हुए अपने मन की बात किसी से साझा नहीं कर पाते। इस दिन आयोजित होने वाले कार्यक्रम और कैम्पेन उन्हें खुलकर बात करने और मदद लेने के लिए प्रेरित करते हैं।

समाज में पुरुषों की भूमिका और जिम्मेदारियाँ

परिवार, समाज और कार्यस्थल—पुरुष इन सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

परिवार में:
पुरुष पिता, भाई, पति या बेटे के रूप में जिम्मेदार भूमिकाएँ निभाते हैं।

समाज में:
वे सुरक्षा, नेतृत्व और विकास में अपनी क्षमता से योगदान देते हैं।

कार्यस्थल पर:
कई पुरुष परिवारों की आर्थिक रीढ़ होते हैं और कठिन परिस्थितियों में भी डटकर खड़े रहते हैं।

इंटरनेशनल मेन्स डे इन सभी पहलुओं को महत्व देता है और समाज को यह याद दिलाता है कि पुरुष भी प्रशंसा के पात्र हैं।

लैंगिक समानता का संतुलित दृष्टिकोण

इंटरनेशनल मेन्स डे यह संदेश देता है कि लैंगिक समानता का मतलब महिलाओं और पुरुषों दोनों को समान अवसर और सम्मान देना है।

इस दिन का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों को कम करना नहीं है।
बल्कि यह बताना है कि पुरुषों की भी अपनी चुनौतियाँ हैं, जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है।

महिलाओं की तरह पुरुष भी भेदभाव, भावनात्मक संघर्ष और सामाजिक दबाव का सामना करते हैं।
इसलिए दोनों की समस्याओं और अधिकारों पर समान रूप से काम करना ही वास्तविक समानता का रास्ता है।

कैसे मनाया जाता है इंटरनेशनल मेन्स डे

दुनिया भर में इस दिन को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। कई देशों में सेमिनार, चर्चाएँ और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को लैंगिक समानता, सम्मान और पारिवारिक मूल्यों के बारे में बताया जाता है।

कई लोग सोशल मीडिया पर अपने पिता, भाई, दोस्त और जीवन में महत्वपूर्ण पुरुषों के प्रति धन्यवाद व्यक्त करते हैं।

इंटरनेशनल मेन्स डे 2025 से क्या उम्मीद की जा सकती है

इस वर्ष की थीम — “Celebrating Men and Boys” — इसे और भी खास बनाती है।

2025 में दुनिया भर में पुरुषों और लड़कों की उपलब्धियों की कहानियाँ सामने आएँगी।
सोशल मीडिया पर कैंपेन चलेंगे जो सकारात्मक संदेश फैलाएँगे।

इस दिन से उम्मीद है कि:

  • पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान दिया जाएगा

  • सामाजिक जागरूकता बढ़ेगी

  • परिवारों में भावनात्मक संवाद बेहतर होगा

  • पुरुषों और लड़कों के जीवन स्तर सुधारने के लिए नीतियाँ और कार्यक्रम बढ़ेंगे

इंटरनेशनल मेन्स डे 2025 सिर्फ एक दिन नहीं बल्कि एक भावनात्मक अभियान है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि पुरुष भी भावनाएँ रखते हैं, संघर्ष करते हैं, त्याग करते हैं और समाज के बेहतर भविष्य के लिए प्रयासरत रहते हैं। यह दिन पुरुषों और लड़कों के जीवन में सकारात्मकता, सम्मान और जागरूकता लाने का अवसर है।

2025 की थीम “Celebrating Men and Boys” इस विचार को और मजबूत करती है कि हमें पुरुषों को भी उतना ही सम्मान और समर्थन देना चाहिए जितना हर इंसान को मिलना चाहिए।

यदि आप अपने जीवन में किसी पुरुष की सराहना करना चाहते हैं – यह दिन ऐसा करने का सबसे सुंदर अवसर है।

ऐसे और भी Explainer लेखों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें! Khabari bandhu पर पढ़ें देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरें — बिज़नेस, एजुकेशन, मनोरंजन, धर्म, क्रिकेट, राशिफल और भी बहुत कुछ।

Children’s Day Wishes 2025: 20 Heartfelt Children’s Day Wishes That Will Make Every Child Smile

MP Ladli Behna Yojana: लाडली बहना योजना की 30वीं किस्त में हर बहन को मिले ₹1500, जानिए कैसे करें चेक!

Uttarakhand Sthapana Diwas 2025: देवभूमि के 25 साल– जानिए कैसे बनी नई पहचान और क्यों खास है यह दिन

Leave a Comment

Exit mobile version