Indian defence attache in Indonesia: भारत और इंडोनेशिया के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और समुद्री रिश्ते सदियों पुराने हैं। हाल ही में भारत सरकार ने इंडोनेशिया में अपने नए डिफेंस अटैशे (Defence Attache) की नियुक्ति की है, जो दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और भी मजबूती देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह नियुक्ति न केवल सामरिक दृष्टिकोण से अहम है, बल्कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की सक्रिय भूमिका को भी दर्शाती है।

कौन हैं नये इंडियन डिफेंस अटैशे इंडोनेशिया में(Indian defence attache in Indonesia)?
भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी, ब्रिगेडियर संदीप कुमार सिंह (काल्पनिक नाम) को हाल ही में इंडोनेशिया स्थित भारतीय दूतावास में डिफेंस अटैशे के रूप में नियुक्त किया गया है। वे इससे पहले पूर्वोत्तर भारत में एक महत्वपूर्ण सैन्य पोस्टिंग पर कार्यरत थे और उन्हें दक्षिण एशिया और समुद्री रणनीति का गहरा अनुभव है।
उनकी नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत और इंडोनेशिया के बीच साझा नौसेना अभ्यास (Naval Exercises), रक्षा निर्यात (Defence Exports) और आतंकवाद विरोधी रणनीतियों पर सहयोग तेजी से बढ़ रहा है।
डिफेंस अटैशे का कार्य क्या होता है?
डिफेंस अटैशे एक देश का सैन्य प्रतिनिधि होता है जो दूसरे देश में स्थित दूतावास में कार्यरत रहता है। इसका मुख्य कार्य होता है:
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दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ाना
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रक्षा समझौते और संयुक्त अभ्यास को लागू करवाना
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सामरिक जानकारी साझा करना
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रक्षा उपकरणों के निर्यात/आयात में सहयोग
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आपदा प्रबंधन और समुद्री सुरक्षा पर साझा रणनीति बनाना
भारत-इंडोनेशिया रक्षा संबंधों की पृष्ठभूमि
भारत और इंडोनेशिया दोनों ही हिंद महासागर क्षेत्र में प्रमुख देश हैं। दोनों देश ASEAN और भारत-प्रशांत रणनीति के अहम साझेदार हैं। भारत और इंडोनेशिया के बीच कई रक्षा समझौते हुए हैं:
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2001 में रक्षा सहयोग समझौता
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2018 में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जोको विडोडो की मुलाकात के दौरान रक्षा एवं समुद्री सहयोग पर गहन चर्चा
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GARUDA SHAKTI नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास
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Coordinated Patrols (CORPAT) – भारतीय और इंडोनेशियाई नौसेनाओं के बीच नियमित गश्त
इंडोनेशिया की सामरिक स्थिति क्यों महत्वपूर्ण है?
इंडोनेशिया की भौगोलिक स्थिति मलक्का जलडमरूमध्य (Strait of Malacca) के पास है, जो भारत-प्रशांत क्षेत्र का सबसे व्यस्त समुद्री मार्ग है। यह भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी (Act East Policy) का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
भारत के लिए यह क्षेत्र:
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ऊर्जा आपूर्ति के लिए अत्यंत संवेदनशील
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चीन की बढ़ती मौजूदगी के विरुद्ध रणनीतिक संतुलन का केंद्र
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समुद्री सुरक्षा, पाइरेसी रोकथाम, और ट्रेड प्रोटेक्शन के लिहाज से अहम
इस नियुक्ति का प्रभाव और संभावनाएं:
ब्रिगेडियर संदीप कुमार सिंह की नियुक्ति से संभावित लाभ:
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रक्षा तकनीक और प्रशिक्षण में साझा कार्यक्रम
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स्वदेशी रक्षा उत्पादों को इंडोनेशिया में प्रमोट करने का मौका
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मिलिट्री टु मिलिट्री इंगेजमेंट में नई ऊर्जा
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साइबर सुरक्षा, डिजिटल वारफेयर, और AI आधारित रक्षा में सहयोग
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डिफेंस कॉरिडोर और इंडोनेशियाई रक्षा उद्योग के साथ संभावित निवेश
भारत की डिफेंस डिप्लोमेसी और इंडोनेशिया की भूमिका:
भारत पिछले कुछ वर्षों में डिफेंस डिप्लोमेसी पर विशेष बल दे रहा है। इंडोनेशिया में डिफेंस अटैशे की सक्रिय भूमिका इस दिशा में एक अहम कदम है। भारत ने वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस और थाईलैंड जैसे देशों के साथ भी रक्षा संबंधों को मजबूती दी है।
इंडोनेशिया इस कड़ी का एक अहम हिस्सा है जो भारत के रक्षा कूटनीति को व्यापक वैश्विक पहचान देने में सहायक सिद्ध होगा।
सामरिक सहयोग की नई ऊँचाइयों की ओर:
इंडोनेशिया में नये भारतीय डिफेंस अटैशे की नियुक्ति, भारत-इंडोनेशिया संबंधों को एक नये युग में ले जा सकती है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों के बीच यह एक सकारात्मक कदम है। भारत और इंडोनेशिया मिलकर समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष और रक्षा क्षेत्र में नवाचार के लिए एक मज़बूत साझेदारी कायम कर सकते हैं।
इस नियुक्ति से यह स्पष्ट है कि भारत अब केवल आर्थिक और सांस्कृतिक मोर्चों पर ही नहीं, बल्कि सामरिक और रक्षा कूटनीति में भी पूरी गंभीरता से सक्रिय है।
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