India US Trade Deal: अमेरिका के टैरिफ पर भारत का सख्त रुख: किसानों, डेयरी और कृषि क्षेत्र के हितों से कोई समझौता नहीं, सरकार का साफ संदेश

India US Trade Deal: अमेरिका द्वारा हाल ही में कुछ आयातित वस्तुओं पर लगाए गए 25% टैरिफ को लेकर भारत सरकार का रुख बिल्कुल साफ है — किसानों, डेयरी और कृषि से जुड़े हितों पर कोई समझौता नहीं होगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि भारत इस मामले में पूरी सतर्कता के साथ काम कर रहा है और राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा सर्वोपरि है।

अमेरिकी टैरिफ का भारत पर क्या असर पड़ेगा? India US Trade Deal Effect on India 

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ खास उत्पादों पर 25% इंपोर्ट टैरिफ लगाया है। इस फैसले के बाद भारत में कई क्षेत्रों में चिंता देखने को मिली, खासकर एक्सपोर्टर्स और किसानों के बीच। हालांकि, भारत सरकार के वरिष्ठ सूत्रों के अनुसार, इस फैसले का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोई बड़ा या चिंताजनक असर नहीं पड़ेगा।

सरकारी सूत्रों का कहना है कि ज्यादातर भारतीय उत्पाद जो अमेरिका को निर्यात किए जाते हैं, वे इस नए टैरिफ के दायरे में नहीं आते। हालांकि कुछ क्षेत्रों में मामूली गिरावट आ सकती है, लेकिन व्यापक स्तर पर व्यापार पर इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं होगा।

GDP पर कितना असर पड़ेगा?

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सरकार का मानना है कि अगर सबसे खराब स्थिति भी उत्पन्न होती है, तो भी भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पर असर 0.2% से भी कम होगा। यह एक मैनेजेबल स्थिति है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

सरकारी अधिकारी ने यह भी कहा कि सरकार हालात पर पैनी नजर रख रही है और यदि भविष्य में स्थिति बदलती है तो आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

किसानों के हित सबसे ऊपर: कोई समझौता नहीं

भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसानों के हित सर्वोच्च हैं और इस पर कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।

“जैव-संशोधित (Genetically Modified) फसलों के आयात की अनुमति नहीं दी जाएगी,” अधिकारी ने कहा। भारत की कृषि नीति सदैव से प्राकृतिक और परंपरागत खेती को प्राथमिकता देती आई है और यह रुख आगे भी जारी रहेगा।

इसके अलावा, भारत दूध और डेयरी उत्पादों के मामले में भी अपनी परंपराओं और धार्मिक भावनाओं का सम्मान करता है। ऐसे में गैर-शाकाहारी दूध (Non-Veg Milk) और बीफ (Beef) आधारित उत्पादों के आयात की अनुमति नहीं दी जाएगी।

धार्मिक भावनाओं पर भी सरकार का स्पष्ट रुख

भारत में खाद्य सुरक्षा और धार्मिक संवेदनाएं बेहद अहम मुद्दे हैं। यही कारण है कि बीफ, नॉन-वेज मिल्क और जीएम फसलों से संबंधित किसी भी समझौते की संभावना नहीं है। अधिकारी ने कहा, “इन मुद्दों पर भारत का रुख बहुत स्पष्ट है। कोई भी समझौता भारतीय समाज और परंपराओं के खिलाफ जाएगा, इसलिए यह अस्वीकार्य है।”

MSME और कृषि क्षेत्र को पूरी सुरक्षा

भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) सेक्टर के लिए सरकार ने हमेशा से समर्थन जताया है। टैरिफ के असर को लेकर अधिकारी ने कहा कि सरकार MSME और कृषि दोनों क्षेत्रों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

अधिकारी ने कहा, “भारत किसी भी दबाव में नहीं है। MSME और कृषि सेक्टर की रक्षा किसी भी कीमत पर की जाएगी। यह सरकार की पहली प्राथमिकता है।”

भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार बातचीत

भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement – BTA) को लेकर भी बातचीत जारी है। इस समझौते के ज़रिए दोनों देश टैरिफ स्ट्रक्चर और व्यापारिक बाधाओं को लेकर नए रास्ते खोल सकते हैं।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, “BTA को लेकर बातचीत सकारात्मक दिशा में जा रही है और दोनों देशों को उम्मीद है कि इससे आपसी व्यापार संबंध बेहतर होंगे।”

एक बार यह समझौता हो जाता है, तो भारत और अमेरिका मिलकर टैरिफ और व्यापार नियमों की समीक्षा कर सकेंगे, जिससे दोनों देशों के उद्योगों को लाभ मिलेगा।

एक्सपोर्ट पर असर कितना संभव है?

भारत से अमेरिका को होने वाला अधिकांश निर्यात इस नए टैरिफ स्लैब के तहत नहीं आता है। अधिकारी ने कहा कि “कुछ क्षेत्रों में थोड़ी गिरावट संभव है, लेकिन कुल मिलाकर ज्यादातर भारतीय उत्पादों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।”

टेक्सटाइल, आईटी सर्विसेज, फार्मा, जेम्स और ज्वेलरी जैसे क्षेत्रों को इस फैसले से राहत मिलने की संभावना है क्योंकि वे नए टैरिफ के दायरे में नहीं हैं।

सरकार की तैयारी पूरी, कोई डर नहीं

भारत सरकार ने साफ किया है कि वह हर परिस्थिति के लिए तैयार है। अधिकारी ने कहा, “अगर भविष्य में हालात बदलते हैं या टैरिफ का दायरा बढ़ता है, तो भारत उसके अनुसार रणनीति अपनाएगा।”

इसके साथ ही यह भी दोहराया गया कि भारत की रणनीति घबराहट में निर्णय लेने की नहीं है, बल्कि ठोस आंकड़ों और राष्ट्रीय हित को देखते हुए कदम उठाने की है।

आत्मनिर्भर भारत का स्पष्ट संकेत

इस पूरे घटनाक्रम में भारत का रुख एकदम स्पष्ट है — हम आत्मनिर्भर हैं, आत्मसम्मान के साथ निर्णय लेंगे और अपने नागरिकों, किसानों और कारोबारियों के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे।

कृषि, डेयरी, MSME और धार्मिक भावनाएं भारत की सामाजिक और आर्थिक संरचना के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। अमेरिका हो या कोई और देश, भारत अपने मूल सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं करेगा।

इसलिए भारतवासियों को घबराने की नहीं, सरकार की नीति पर भरोसा करने की जरूरत है। देशहित सर्वोपरि है और हर स्तर पर भारत अपने लोगों के साथ खड़ा है।

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