Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज उत्तर भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे विशेष रूप से विवाहित महिलाएं हरियाली, श्रृंगार और सौभाग्य की कामना के साथ बड़े ही हर्षोल्लास से मनाती हैं। यह पर्व सावन महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है, और इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, सोलह श्रृंगार करती हैं और पारंपरिक गीतों पर झूला झूलती हैं। लेकिन व्रत खोलने के बाद जो चीज़ सबका मन मोह लेती है, वो होती है – हरियाली तीज की विशेष थाली, जिसमें ढेर सारे स्वादिष्ट शाकाहारी व्यंजन शामिल होते हैं।
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Toggleक्यों खास होती है हरियाली तीज की थाली?
हरियाली तीज की थाली केवल स्वाद का संगम नहीं होती, बल्कि यह त्योहार की परंपरा, मौसम की ताजगी और संस्कृति की झलक का प्रतीक होती है। सावन के महीने में हरी सब्ज़ियां, देसी मसाले, पारंपरिक मिठाइयाँ और ताज़े पकवान इस थाली का हिस्सा बनते हैं। यह थाली ना सिर्फ पेट को संतुष्टि देती है, बल्कि दिल को भी त्योहार के रंगों से भर देती है।
हरियाली तीज स्पेशल थाली में क्या-क्या हो सकता है?
हरियाली तीज की थाली कई प्रकार के व्यंजनों से सजाई जाती है। इसमें मुख्य रूप से पूड़ी, सब्ज़ी, दाल, चावल, रायता, मिठाई और कुछ स्नैक्स शामिल किए जाते हैं। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे एक संपूर्ण हरियाली तीज स्पेशल वेज थाली की रेसिपी – बिल्कुल घर जैसा स्वाद, आसान भाषा में।
बेसन की मसालेदार कढ़ी
कढ़ी उत्तर भारत की सबसे प्रिय पारंपरिक डिश में से एक है। हरियाली तीज के अवसर पर गरमा-गरम बेसन की कढ़ी में तड़का लगाकर सर्व की जाती है।
बेसन और दही से बनी यह हल्की खट्टी कढ़ी शरीर को ठंडक देती है। ऊपर से डाले गए ज़ीरे, हींग और लाल मिर्च के तड़के से इसकी खुशबू पूरे घर में फैल जाती है। इसे चावल या पूड़ी के साथ खाया जाता है।
देसी घी वाला जीरा राइस
कढ़ी हो और जीरा राइस ना हो, ऐसा कैसे हो सकता है। देसी घी में भुना हुआ जीरा, हल्का-सा लौंग और दालचीनी का तड़का जब बासमती चावल पर चढ़ता है तो खुशबू से ही भूख बढ़ जाती है।
हरियाली तीज की थाली में जीरा राइस एक संतुलित स्वाद और सुगंध का हिस्सा बनते हैं। इन्हें आप रायते या दाल के साथ भी खा सकते हैं।
हरियाली मिक्स वेज – ताज़गी से भरपूर
सावन की हरियाली को थाली में दर्शाने के लिए हरियाली मिक्स वेज एक परफेक्ट डिश होती है। इसमें पालक, मैथी, हरी मटर, शिमला मिर्च, और बीन्स जैसी हरी सब्ज़ियों को हल्के मसालों के साथ पकाया जाता है।
इस सब्ज़ी की खासियत है इसका प्राकृतिक रंग और सेहतमंद स्वाद। इसे पराठे, पूड़ी या जीरा राइस किसी के भी साथ खाया जा सकता है।
फूली-फूली पूड़ियाँ
हरियाली तीज की थाली पूड़ी के बिना अधूरी है। गेहूं के आटे से बनी, गर्म घी में तली गई फूली हुई पूड़ियाँ हर किसी का मन मोह लेती हैं।
कढ़ी, मिक्स वेज या अचार – किसी के भी साथ इनका स्वाद दोगुना हो जाता है। बच्चे से लेकर बड़े तक, पूड़ी सभी की पसंद होती है।
खीरे का बूंदी रायता
तेज गर्मी या उमस में शरीर को ठंडक देने के लिए रायता सबसे ज़रूरी हिस्सा होता है। खीरे और बूंदी का मेल स्वाद और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद होता है।
दही को अच्छे से फेंटकर उसमें खीरे का बारीक घिसा हुआ मिश्रण और भीगी हुई बूंदी मिलाने से यह रायता तैयार होता है। ऊपर से हल्का भुना ज़ीरा और काला नमक डालना ना भूलें।
घेवर – हरियाली तीज की शान
घेवर के बिना हरियाली तीज अधूरी मानी जाती है। यह एक पारंपरिक राजस्थानी मिठाई है जो विशेष रूप से सावन में बनाई जाती है।
घेवर मैदे से बनता है और फिर इसे चाशनी में डुबोकर ऊपर से रबड़ी या ड्राई फ्रूट्स से सजाया जाता है। बाजार में घेवर कई तरह के मिलते हैं – प्लेन, मलाई घेवर, केसर घेवर आदि। लेकिन घर में बनाया गया सिंपल घेवर सबसे स्वादिष्ट और पवित्र माना जाता है।
सूजी का हलवा – मीठे का पारंपरिक विकल्प
घेवर के अलावा आप हरियाली तीज की थाली में सूजी का हलवा भी शामिल कर सकते हैं। देसी घी में भुनी हुई सूजी, दूध और चीनी के साथ जब पकती है, तो उसकी खुशबू ही बता देती है कि कोई त्योहार है।
इसमें आप ड्राई फ्रूट्स, केसर या नारियल बुरादा भी डाल सकते हैं। यह मिठाई हर उम्र के लोगों के लिए परफेक्ट होती है।
आम का मीठा अचार – स्वाद का तीखा ट्विस्ट
हरियाली तीज की थाली में अगर कुछ चटपटा और मीठा एक साथ मिले तो स्वाद दोगुना हो जाता है। आम का मीठा अचार (गुड़ वाला) इसी स्वाद का प्रतीक होता है। हल्की तीखापन और मीठास का मेल थाली को बैलेंस करता है।
ठंडा गुलाब जल या आम पन्ना
हरियाली तीज की थाली को ठंडे और स्वादिष्ट पेय से पूरा किया जाता है। आप चाहे तो घर पर बना आम पन्ना या गुलाब जल पी सकते हैं। ये ड्रिंक न केवल स्वाद बढ़ाते हैं बल्कि शरीर को ठंडक भी देते हैं।
हरियाली तीज की थाली में जुड़ा होता है धार्मिक भाव
हरियाली तीज केवल स्वाद या पकवानों का पर्व नहीं है। यह व्रत महिलाओं के पति की लंबी उम्र और सुख-शांति की कामना के साथ रखा जाता है। पूजा-पाठ के बाद जब महिलाएं इस थाली से व्रत खोलती हैं, तो यह केवल भोजन नहीं बल्कि एक संकल्प होता है – घर के सुख, समृद्धि और सौभाग्य का।
त्योहार की तैयारी – खाना ही नहीं, सजावट भी जरूरी
हरियाली तीज की थाली को सजाते समय आप केले के पत्ते, मिट्टी की छोटी थाली, रंगोली और फूलों से सजा सकते हैं। हरे रंग की थीम रखें – क्योंकि यह पर्व हरियाली, जीवन और ताजगी का प्रतीक है।
स्वाद, परंपरा और संस्कृति का अनोखा संगम
हरियाली तीज की थाली केवल एक खाने की थाली नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, प्रकृति और रिश्तों का उत्सव है। इसमें घर की महिलाओं की मेहनत, परंपराओं की मिठास और मौसम की ताजगी बसती है।
इस बार जब आप हरियाली तीज मनाएं, तो इन व्यंजनों के साथ थाली सजाएं और अपने पूरे परिवार को पारंपरिक स्वाद और प्यार से भर दें।
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