जिम जाने से क्या बीमारियाँ हो सकती हैं: स्वस्थ शरीर के लिए आजकल अधिकतर लोग जिम जाने लगे हैं। फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ी है, और लोग वजन घटाने, बॉडी बनाने या स्वास्थ्य सुधारने के लिए जिम का सहारा लेते हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि अगर जिम जाने में सावधानी न बरती जाए, तो इससे कुछ गंभीर बीमारियाँ या स्वास्थ्य समस्याएँ भी हो सकती हैं। यह लेख आपको बताएगा कि कैसे जिम जाने से बीमारियाँ हो सकती हैं, किन कारणों से होती हैं, और उनसे कैसे बचा जा सकता है।

संक्रमण (Infections):
जिम एक सार्वजनिक जगह होती है जहाँ कई लोग मशीनों, वज़न, योगा मैट आदि का उपयोग करते हैं। यदि सफाई का ध्यान न रखा जाए, तो यह बैक्टीरिया, वायरस और फंगल संक्रमण का घर बन सकता है।
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त्वचा संबंधी संक्रमण: जैसे रिंगवर्म, एथलीट्स फुट, फंगल इंफेक्शन
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वायरल संक्रमण: सर्दी, फ्लू या यहाँ तक कि COVID-19 जैसे वायरस
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कैसे होता है?
गंदे टॉवेल, बिना साफ किए गए उपकरण, पसीने से भीगी योगा मैट और वॉशरूम का गलत उपयोग इससे मुख्य कारण हैं।

मांसपेशियों या हड्डियों की चोट (Muscle or Bone Injury):
गलत तरीके से व्यायाम करने से चोट लग सकती है। खासकर जब व्यक्ति बिना ट्रेनर के गाइडेंस के भारी वजन उठाने लगता है।
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कॉमन इंजरी: पीठ दर्द, घुटनों में दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, हड्डियों में फ्रैक्चर
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कारण:
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बिना वार्मअप के एक्सरसाइज करना
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ओवरट्रेनिंग
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गलत मुद्रा (posture)
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अनुभवहीनता
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अत्यधिक व्यायाम से थकान और हार्मोन असंतुलन:
ज्यादा देर तक और रोज़ बिना आराम के व्यायाम करने से शरीर में थकावट और हार्मोनल समस्याएँ हो सकती हैं।
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लक्षण: थकान, चिड़चिड़ापन, अनिद्रा, भूख न लगना, मांसपेशियों में दर्द
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महिलाओं में: पीरियड्स में अनियमितता और एस्ट्रोजन लेवल कम होना
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पुरुषों में: टेस्टोस्टेरोन कम होना और सेक्सुअल हेल्थ पर असर

मानसिक दबाव (Mental Stress):
कुछ लोग जिम को केवल दिखावे के लिए करते हैं। बॉडी इमेज के दबाव में आकर वे खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से थका डालते हैं।
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Body Dysmorphia: एक मानसिक स्थिति जिसमें व्यक्ति को लगता है कि उसका शरीर सुंदर या फिट नहीं है
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तनाव और डिप्रेशन: जब अपेक्षित रिजल्ट न मिले तो आत्मविश्वास गिरता है
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सोशल मीडिया का प्रभाव: जिम सेल्फी और फिटनेस ट्रेंड का मानसिक दबाव
स्टेरॉइड या सप्लीमेंट्स का गलत उपयोग:
तेजी से बॉडी बनाने की चाह में कुछ लोग प्रोटीन पाउडर, फैट बर्नर या स्टेरॉइड का सेवन करने लगते हैं, जो शरीर को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
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नुकसान:
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लीवर और किडनी पर प्रभाव
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हॉर्मोनल असंतुलन
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बाल झड़ना, मुँहासे, गुस्सा आना
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खासकर युवाओं में: बिना डॉक्टर या डाइटिशियन से पूछे सप्लीमेंट लेना ख़तरनाक हो सकता है।
डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट की कमी:
ज्यादा पसीना बहाने के चक्कर में पानी की कमी हो सकती है। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स असंतुलित हो जाते हैं।
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लक्षण:
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सिरदर्द
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कमजोरी
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मांसपेशियों में ऐंठन
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बचाव: हर 15-20 मिनट में पानी पीना और इलेक्ट्रोलाइट्स लेना
एलर्जी और अस्थमा के अटैक:
कुछ लोगों को जिम में इस्तेमाल होने वाले परफ्यूम, डिओडोरेंट या डस्ट से एलर्जी हो सकती है। जिन लोगों को अस्थमा है, उन्हें वर्कआउट के दौरान साँस की तकलीफ हो सकती है।
बचाव के उपाय:
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स्वच्छता बनाए रखें: अपनी योगा मैट और टॉवेल खुद लाएँ, मशीन यूज़ करने से पहले सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
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सही गाइडेंस लें: ट्रेंड ट्रेनर की निगरानी में एक्सरसाइज करें।
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वार्म-अप और कूल डाउन ज़रूरी: चोटों से बचाव के लिए ज़रूरी है।
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आराम और नींद लें: मांसपेशियों को रिकवरी के लिए समय दें।
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सप्लीमेंट डॉक्टर की सलाह से ही लें।
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पानी और पोषण का ध्यान रखें।

जिम जाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, लेकिन अगर सावधानी न बरती जाए तो यह बीमारियों और चोटों का कारण भी बन सकता है। फिटनेस का मतलब केवल बॉडी बनाना नहीं, बल्कि संपूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करना है। इसलिए जिम जाएँ, लेकिन संतुलन और सतर्कता के साथ।
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