Fairness क्रीम द्वारा किया गया ब्रेनवाश, गोरी त्वचा की चाह-एक मानसिक भ्रम

Fairness क्रीम द्वारा किया गया ब्रेनवाश: भारत जैसे विविधताओं वाले देश में जहाँ त्वचा का रंग सांवला, गेहुआ और गहरा अक्सर आम होता है, वहाँ “गोरापन” को सुंदरता का मानक मान लेना एक चिंताजनक मानसिकता बन चुकी है। इस मानसिकता के पीछे एक बड़ा कारण है — Fairness क्रीम द्वारा किया गया ब्रेनवाश। टेलीविज़न, सोशल मीडिया और फिल्मों ने सालों से लोगों के दिमाग में यह बैठा दिया है कि केवल गोरा रंग ही सुंदरता, सफलता और आत्मविश्वास की निशानी है।

Fairness क्रीम द्वारा किया गया ब्रेनवाश
  Fairness क्रीम द्वारा किया गया ब्रेनवाश

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उपनिवेशवाद की छाया:

इस मानसिकता की जड़ें कहीं ना कहीं ब्रिटिश उपनिवेशवाद में भी छुपी हैं। अंग्रेजों का शासन भारत पर लगभग 200 वर्षों तक रहा और इस दौरान ‘सफेद चमड़ी’ को श्रेष्ठता का प्रतीक बना दिया गया। लोगों के मन में यह बैठा दिया गया कि गोरे लोगों के पास सत्ता, संपत्ति और सभ्यता है, और काले या सांवले लोगों को नीचा समझा गया। यही सोच आज तक जारी है, और इसे Fairness क्रीम द्वारा किया गया ब्रेनवाश कर के और भी गहराई से फैलाया गया है।

मीडिया और विज्ञापनों की भूमिका:

मीडिया ने इस मानसिकता को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। टीवी पर दिखाए जाने वाले Fairness क्रीम जैसे विज्ञापनों में साफ कहा जाता है कि अगर तुम गोरे नहीं हो तो तुम्हें नौकरी नहीं मिलेगी, प्यार नहीं मिलेगा, या फिर तुम आकर्षक नहीं हो। एक सांवली लड़की को जब वह फेयरनेस क्रीम लगाती है और “गोरी” बनती है, तभी उसका जीवन “सुधरता” है — यह सन्देश हर घर तक पहुंचाया गया।

इन विज्ञापनों ने यह धारणा बना दी है कि गोरा मतलब सुंदर और सांवला मतलब शर्मिंदगी। यह Fairness क्रीम द्वारा किया गया ब्रेनवाश का सबसे खतरनाक रूप है, जो किशोरों और युवाओं के आत्म-सम्मान को धीरे-धीरे खत्म कर देता है।

सामाजिक दबाव और विवाह प्रणाली:

भारतीय विवाह प्रणाली में भी यह मानसिकता गहराई तक फैली है। “दुल्हन गोरी होनी चाहिए” जैसे वाक्य आमतौर पर सुनने को मिलते हैं। माता-पिता अपनी बेटियों को गोरा दिखाने के लिए बचपन से ही Fairness क्रीम देते हैं। समाज एक सांवली लड़की को सुंदर मानने को तैयार ही नहीं होता, चाहे वह कितनी ही गुणी क्यों न हो।

इससे लड़कियों में आत्मविश्वास की भारी कमी आती है और वे अपने असली स्वरूप को अपनाने के बजाय उसे छुपाने लगती हैं।

वैज्ञानिक तथ्य बनाम भ्रम:

त्वचा का रंग मेलानिन (melanin) नामक पदार्थ के कारण होता है, जो हमें सूरज की हानिकारक किरणों से बचाता है। ज्यादा मेलानिन यानी गहरे रंग की त्वचा, जो पर्यावरण के लिहाज से कहीं ज़्यादा सुरक्षित होती है। मगर Fairness क्रीम के चलते यह धारणा बना दी गई है कि ज्यादा मेलानिन होना कमजोरी है।

हकीकत यह है कि अधिकांश Fairness क्रीम वाले उत्पाद त्वचा की ऊपरी परत को नुकसान पहुँचाते हैं। इनमें हानिकारक केमिकल होते हैं जो स्किन की प्राकृतिक संरचना को बिगाड़ देते हैं और कई बार त्वचा रोगों का कारण भी बनते हैं।

Fairness क्रीम द्वारा किया गया ब्रेनवाश
      Fairness क्रीम द्वारा किया गया ब्रेनवाश

सेलिब्रिटीज़ और झूठे वादे:

बॉलीवुड और टीवी इंडस्ट्री के बड़े-बड़े नाम जब Fairness क्रीम के प्रचार में जुटते हैं, तो आम जनता को और भी गुमराह किया जाता है। लाखों लोग अपने पसंदीदा अभिनेता या अभिनेत्री की सलाह पर भरोसा करके इन क्रीम्स का उपयोग शुरू कर देते हैं, और यह चक्र लगातार चलता रहता है।

यह एक तरह से बाज़ारवाद और उपभोक्तावाद का ऐसा खेल है जिसमें लोगों की मानसिकता को नियंत्रित करके उनसे पैसा कमाया जाता है।

मानसिक और सामाजिक प्रभाव:

Fairness क्रीम द्वारा किया गया ब्रेनवाश सिर्फ शारीरिक नहीं, मानसिक स्तर पर भी असर करता है। लोग अपने रंग से शर्मिंदा होने लगते हैं, आत्मग्लानि में जीने लगते हैं और अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं से घिर जाते हैं। यह मानसिक दासता है — एक ऐसा मानसिक गुलामी का रूप जो आज़ादी के इतने सालों बाद भी भारतीय समाज को जकड़े हुए है।

समाधान की दिशा में:

  • शिक्षा: हमें बच्चों को शुरू से ही यह सिखाना चाहिए कि त्वचा का रंग सफलता या सुंदरता का पैमाना नहीं है।

  • मीडिया में सुधार: सरकार और समाज को मिलकर उन विज्ञापनों पर रोक लगानी चाहिए जो रंगभेद को बढ़ावा देते हैं।

  • सेलिब्रिटीज़ की ज़िम्मेदारी: लोकप्रिय चेहरे जब तक इस प्रचार में भाग लेंगे, बदलाव मुश्किल है। उन्हें इस गलत धारणा को तोड़ने के लिए आगे आना चाहिए।

  • प्राकृतिक सौंदर्य का सम्मान: हमें अपनी असली पहचान पर गर्व करना सीखना होगा, न कि बाज़ार की झूठी परिभाषाओं पर।

Fairness क्रीम द्वारा किया गया ब्रेनवाश हमारे समाज की एक कड़वी सच्चाई है, जो आत्म-सम्मान, सामाजिक समरसता और मानसिक स्वास्थ्य तीनों को ही नष्ट कर रही है। इस मानसिकता को जड़ से उखाड़ने के लिए ज़रूरी है कि हम गोरेपन को सुंदरता की परिभाषा से हटाएं और हर रंग की सुंदरता को पहचानें।

जब तक हम अपनी पहचान पर गर्व करना नहीं सीखेंगे, तब तक यह बाजार, मीडिया और समाज हमें अपने ही खिलाफ इस्तेमाल करता रहेगा।

Fairness क्रीम द्वारा किया गया ब्रेनवाश
     Fairness क्रीम द्वारा किया गया ब्रेनवाश

 

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