देश के करोड़ों युवाओं के लिए नौकरी पाने का सुनहरा मौका आ गया है। भारत सरकार ने एक नई योजना की घोषणा की है, जिसका नाम है ELI स्कीम यानी Employment Linked Incentive Scheme। यह योजना न केवल पहली बार नौकरी करने वालों को आर्थिक सहायता देगी, बल्कि कंपनियों को भी प्रोत्साहन देगी कि वे ज्यादा से ज्यादा नए लोगों को नौकरी दें।
इस लेख में हम आसान भाषा में समझेंगे:
- ELI स्कीम क्या है?
- इसका उद्देश्य क्या है?
- इससे किसे फायदा मिलेगा?
- कब से शुरू होगी?
- किन कंपनियों को लाभ मिलेगा?
- स्कीम में पैसे कैसे मिलेंगे? और बहुत कुछ…
ELI स्कीम क्या है?
ELI स्कीम (Employment Linked Incentive Scheme) एक सरकारी योजना है, जिसका मकसद है रोजगार बढ़ाना। इस स्कीम में युवाओं को पहली बार नौकरी पाने पर ₹15,000 तक की आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही, कंपनियों को भी ₹3,000 प्रति कर्मचारी प्रति माह का इंसेंटिव मिलेगा, ताकि वे नए कर्मचारियों को नौकरी पर रखें।
सरकार का कहना है कि इस स्कीम से 3.5 करोड़ से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी और करीब 1.92 करोड़ युवा पहली बार नौकरी में कदम रख पाएंगे।
स्कीम की समयसीमा – कब से कब तक?
ELI स्कीम उन भर्तियों पर लागू होगी जो:
1 अगस्त 2025 से लेकर 31 जुलाई 2027 के बीच की जाएंगी।
इसका मतलब है कि कंपनियों और युवाओं दोनों के पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय है।
स्कीम का कुल बजट कितना है?
सरकार ने इस स्कीम के लिए कुल ₹99,446 करोड़ का बजट रखा है। यह बजट 2025 से 2029 तक 4 सालों में खर्च किया जाएगा।
इस स्कीम को प्रधानमंत्री रोजगार और स्किलिंग पैकेज का हिस्सा बताया गया है, जिसके लिए कुल ₹2 लाख करोड़ का भारी-भरकम बजट रखा गया है।
स्कीम को दो हिस्सों में बांटा गया है
1. युवाओं के लिए इंसेंटिव
अगर कोई युवा पहली बार नौकरी करता है और उसे EPFO (Employees Provident Fund Organisation) के साथ जोड़ा जाता है, तो उसे ₹15,000 तक की आर्थिक मदद दी जाएगी। यह पैसे दो किस्तों में मिलेंगे:
- पहली किस्त: जब वह 6 महीने नौकरी कर लेता है।
- दूसरी किस्त: जब वह 12 महीने नौकरी कर लेता है और साथ में फाइनेंशियल लिटरेसी प्रोग्राम भी पास करता है।
इसमें से कुछ रकम युवाओं के सेविंग अकाउंट में लॉक कर दी जाएगी, ताकि उन्हें बचत करने की आदत डाली जा सके।
2. कंपनियों को इंसेंटिव
जो कंपनियाँ नई भर्तियाँ करेंगी, उन्हें हर नए कर्मचारी पर ₹3,000 प्रति माह तक का इंसेंटिव मिलेगा। यह फायदा:
- 2 साल तक दिया जाएगा सभी सेक्टर्स के लिए।
- 4 साल तक मिलेगा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को।
लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें भी हैं:
-
कंपनी को नए कर्मचारी को कम से कम 6 महीने तक नौकरी में रखना होगा।
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अगर कंपनी में 50 से कम कर्मचारी हैं, तो उसे कम से कम 2 लोगों को हायर करना होगा।
-
अगर 50 से ज्यादा कर्मचारी हैं, तो उसे कम से कम 5 लोगों को हायर करना होगा।
पैसा कैसे मिलेगा? (DBT सिस्टम)
ELI स्कीम में पैसे सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। इसे DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए किया जाएगा।
-
युवाओं को पैसा मिलेगा उनके आधार-लिंक्ड बैंक अकाउंट में।
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कंपनियों को पैसा मिलेगा उनके PAN लिंक्ड अकाउंट में।
इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस स्कीम को शुरू करने का मकसद है:
-
युवाओं को नौकरी देना – खासकर उन लोगों को, जिन्होंने कभी पहले नौकरी नहीं की।
-
कंपनियों को नई भर्ती के लिए प्रोत्साहित करना।
-
EPFO के दायरे को बढ़ाना – ताकि ज्यादा लोग सोशल सिक्योरिटी से जुड़े।
-
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मज़बूत बनाना – क्योंकि वहाँ सबसे ज्यादा नौकरियां निकल सकती हैं।
किन युवाओं को मिलेगा फायदा?
इस स्कीम से वही युवा लाभ उठा सकते हैं:
- जिन्होंने पहले कभी नौकरी नहीं की (First-time job seekers)
- जिनका EPFO में कोई पुराना रजिस्ट्रेशन नहीं है
- जो 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच नौकरी जॉइन करते हैं
- जिनकी उम्र और योग्यता सरकारी नियमों के अनुसार है
किन सेक्टर्स को होगा सबसे ज्यादा फायदा?
ELI स्कीम का सबसे ज्यादा फायदा मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को होगा।
सरकार मानती है कि इस सेक्टर में:
-
स्थाई नौकरियों की संभावना ज्यादा होती है
-
काम के घंटे और सैलरी का एक ढांचा होता है
-
श्रमिकों को ट्रेनिंग देना आसान होता है
इसलिए मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को 4 साल तक इंसेंटिव मिलेगा, जबकि बाकी सेक्टरों को 2 साल तक।
क्या स्कीम पूरे भारत में लागू होगी?
हाँ, यह योजना संपूर्ण भारत में लागू की जाएगी – चाहे वह कोई शहर हो, गांव हो या दूरदराज का इलाका। सरकार का उद्देश्य है कि हर कोने में रोजगार के अवसर पहुंचें।
स्कीम से जुड़ी अन्य खास बातें
✅ इस स्कीम से EPFO रजिस्टर्ड कर्मचारियों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि होगी।
✅ युवाओं को नौकरी के साथ-साथ फाइनेंशियल शिक्षा भी मिलेगी।
✅ कंपनियों को नई भर्तियों पर टैक्स या खर्च का बोझ कम होगा।
✅ स्कीम से देश की GDP और प्रोडक्टिविटी में बढ़ोतरी होगी।
✅ छोटे और मझोले उद्योगों को विकास का मौका मिलेगा।
क्या है फाइनेंशियल लिटरेसी प्रोग्राम?
फाइनेंशियल लिटरेसी प्रोग्राम यानी वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम। इसको पूरा करना युवाओं के लिए ज़रूरी है ताकि वे:
- पैसे की बचत करना सीखें
- बैंकिंग, बीमा और निवेश की जानकारी लें
- ऑनलाइन फ्रॉड से बच सकें
- अपनी तनख्वाह को सही तरीके से मैनेज करें
जब युवा 12 महीने की नौकरी पूरी करके यह प्रोग्राम पास कर लेते हैं, तभी उन्हें दूसरी किस्त मिलती है।
क्या पहले भी ऐसी कोई स्कीम आई थी?
हाँ, इससे पहले भी सरकार ने PMRPY (प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना) चलाई थी, जिसमें कंपनियों को EPF योगदान पर सब्सिडी दी जाती थी। लेकिन ELI स्कीम उससे कई मामलों में बड़ी और व्यापक है।
ELI स्कीम से क्या होगा भारत को?
- रोजगार दर बढ़ेगी
- युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा
- औद्योगिक विकास को रफ्तार मिलेगी
- गरीबी और बेरोजगारी में कमी आएगी
निष्कर्ष
ELI स्कीम भारत सरकार की एक ऐतिहासिक पहल है जो देश के युवाओं और कंपनियों दोनों को सशक्त बनाएगी। यह योजना रोजगार के नए रास्ते खोलेगी और आर्थिक मजबूती की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।
अगर आप एक युवा हैं जो नौकरी की तलाश में है या एक कंपनी चला रहे हैं और नई भर्ती करना चाहते हैं, तो ELI स्कीम आपके लिए सुनहरा मौका है।
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