Diabetes Symptoms: भारत को ‘डायबिटीज की राजधानी’ कहा जाता है और यह बात डराने वाली है। लेकिन उससे भी ज्यादा खतरनाक है कि ज़्यादातर लोग इसके लक्षणों को समय पर पहचान ही नहीं पाते। डायबिटीज यानी मधुमेह, एक ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे शरीर को अंदर से खोखला कर देती है। कई बार शरीर हमें इसके संकेत देता रहता है, लेकिन हम उन्हें नजरअंदाज़ कर देते हैं, या सामान्य समझकर टाल देते हैं। नतीजा – जब तक समझ आता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
इस लेख में हम बेहद सरल भाषा में समझेंगे कि डायबिटीज के वो कौन-कौन से लक्षण हैं, जो शरीर बार-बार हमें दिखाता है, लेकिन हम अक्सर उन्हें हल्के में ले लेते हैं।
डायबिटीज क्या है?
डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है जिसमें शरीर इंसुलिन हॉर्मोन का सही उपयोग नहीं कर पाता या पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन बनाता ही नहीं। इंसुलिन वह हॉर्मोन है जो हमारे खून में मौजूद शुगर को ऊर्जा में बदलता है। जब यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है, तो खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है और यहीं से डायबिटीज की शुरुआत होती है।
डायबिटीज मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है — टाइप 1 और टाइप 2। भारत में सबसे ज़्यादा मामले टाइप 2 डायबिटीज के होते हैं, जो जीवनशैली से जुड़ी होती है और समय के साथ विकसित होती है।
डायबिटीज के लक्षण: शरीर क्या संकेत देता है? | Diabetes Symptoms
कई बार डायबिटीज के लक्षण इतने साधारण होते हैं कि लोग उन्हें नजरअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन शरीर धीरे-धीरे अपने संकेत भेजना शुरू कर देता है। अगर आप इन संकेतों को पहचान लें, तो समय पर इलाज संभव है और बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
1. बार-बार पेशाब आना
डायबिटीज का सबसे आम लक्षण है बार-बार पेशाब आना, खासकर रात में। जब शरीर में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ जाता है, तो किडनी उसे फिल्टर करने के लिए ज्यादा मेहनत करती है। परिणामस्वरूप, शरीर ज्यादा मात्रा में पेशाब बनाता है ताकि अतिरिक्त शुगर को बाहर निकाला जा सके।
अगर आपको लगता है कि आपको बार-बार पेशाब आता है, खासतौर पर रात में नींद से उठकर, तो यह चेतावनी हो सकती है।
2. बार-बार प्यास लगना
जब शरीर ज्यादा पेशाब बनाता है, तो पानी की कमी हो जाती है। इसी कारण से बार-बार प्यास लगने लगती है। कई लोग इसे गर्मी या थकान समझकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन अगर बिना किसी भारी काम के भी लगातार प्यास लग रही है, तो यह डायबिटीज का संकेत हो सकता है।
3. थकान और कमजोरी
डायबिटीज में शरीर के सेल्स को ऊर्जा ठीक से नहीं मिलती क्योंकि शुगर ब्लड में ही बना रहता है और ऊर्जा में नहीं बदल पाता। इसके कारण मरीज़ को हर वक्त थकावट और कमजोरी महसूस होती है। यह थकावट काम करने के तुरंत बाद नहीं बल्कि पूरे दिन बनी रहती है।
4. वजन कम होना, बिना को
शिश के
अगर आपका वजन अचानक घट रहा है और आपने कोई डाइटिंग या एक्सरसाइज़ नहीं की है, तो यह डायबिटीज का एक गंभीर लक्षण हो सकता है। शरीर ग्लूकोज को प्रोसेस नहीं कर पा रहा होता, जिससे वह मसल्स और फैट को एनर्जी के लिए तोड़ने लगता है। इससे वजन तेजी से घटता है।
5. धुंधली नज़र
ब्लड शुगर का स्तर अगर ज्यादा समय तक बढ़ा रहता है, तो इसका असर आंखों पर भी पड़ता है। आंखों की लेंस सूजने लगती है, जिससे धुंधला दिखने लगता है। अगर आपकी नज़र अचानक कमजोर हो रही है, या चीज़ें दो-दो दिख रही हैं, तो यह डायबिटीज के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
6. घावों का धीरे-धीरे भरना
डायबिटीज में शरीर की हीलिंग कैपेसिटी कम हो जाती है। चोट या घाव सामान्य से ज्यादा समय में भरते हैं, और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह खासतौर पर पैरों और तलवों में ज्यादा देखा जाता है। अगर आपके घाव जल्दी ठीक नहीं हो रहे, तो यह ब्लड शुगर का इशारा हो सकता है।
7. हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन
शरीर में ब्लड शुगर का स्तर लगातार बढ़ा रहने से नसों को नुकसान पहुंचता है। इससे हाथ-पैरों में झुनझुनी, जलन या सुन्नपन महसूस होता है। यह स्थिति डायबेटिक न्यूरोपैथी कहलाती है और समय के साथ गंभीर हो सकती है। अगर यह लक्षण लगातार बना रहे, तो तुरंत जांच करवाना जरूरी है।
8. बार-बार भूख लगना
जब शरीर शुगर को एनर्जी में नहीं बदल पाता, तो मस्तिष्क को लगता है कि शरीर को और भोजन चाहिए। इसके कारण भूख बार-बार लगती है, चाहे आपने अभी-अभी खाना खाया हो। यह डायबिटीज का एक अनदेखा लेकिन अहम लक्षण है।
9. त्वचा की समस्याएं
डायबिटीज का असर आपकी त्वचा पर भी दिखता है। त्वचा सूखी और खुजली वाली हो सकती है। कुछ मामलों में गर्दन, बगल या अंगुलियों के जोड़ जैसे हिस्सों में त्वचा काली और मोटी हो जाती है। यह संकेत इंसुलिन रेसिस्टेंस की ओर इशारा करता है।
10. बार-बार संक्रमण होना
डायबिटीज से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इसका मतलब यह है कि व्यक्ति जल्दी-जल्दी बीमार पड़ सकता है, खासकर यूरिन इंफेक्शन, स्किन इंफेक्शन और ओरल इंफेक्शन। अगर आपको बार-बार कोई संक्रमण हो रहा है, तो डायबिटीज की जांच जरूर कराएं।
क्यों नज़रअंदाज़ कर देते हैं लोग?
कई बार लोग सोचते हैं कि ये लक्षण तो किसी भी आम थकान या मौसम की वजह से हो सकते हैं। खासकर अगर उम्र 30 के आसपास है, तो लोग डायबिटीज की संभावना को गंभीरता से नहीं लेते। लेकिन आजकल खराब खानपान, तनाव और खराब जीवनशैली के कारण डायबिटीज युवा उम्र में भी बहुत आम हो गई है।
इसलिए ज़रूरी है कि शरीर की हर छोटी-बड़ी बात को गंभीरता से लिया जाए और समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच करवाई जाए।
डायबिटीज की पुष्टि कैसे करें?
अगर ऊपर बताए गए लक्षण लंबे समय से बने हुए हैं, तो नजदीकी डॉक्टर से मिलकर फास्टिंग और पोस्ट प्रांडियल शुगर टेस्ट या HbA1c टेस्ट करवाना चाहिए। यह टेस्ट यह बताता है कि पिछले 3 महीनों में आपके शुगर लेवल का क्या हाल रहा है।
जल्दी पहचान होने पर डायबिटीज को जीवनशैली में बदलाव और दवाइयों की मदद से नियंत्रित किया जा सकता है।
डायबिटीज से कैसे बचें?
डायबिटीज से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है — संतुलित जीवनशैली। इसमें शामिल है:
- रोज़ाना कम से कम 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी
- मीठे और प्रोसेस्ड फूड से परहेज
- तनाव को मैनेज करना
- समय पर खाना और नींद पूरी करना
- साल में एक बार ब्लड शुगर की जांच
डायबिटीज अनुवांशिक भी हो सकती है, लेकिन सही जीवनशैली अपनाकर इस पर काबू पाया जा सकता है।
लक्षणों को हल्के में न लें
डायबिटीज धीरे-धीरे असर करने वाली बीमारी है, लेकिन इसका परिणाम बहुत गंभीर हो सकता है। शरीर बार-बार संकेत देता है — जैसे थकावट, बार-बार पेशाब, धुंधली नजर या भूख लगना — लेकिन हम इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं। अगर आप या आपके परिवार में किसी को ये लक्षण दिखें, तो तुरंत जांच कराएं। जल्दी पहचानी गई बीमारी का इलाज आसान होता है और ज़िंदगी बेहतर तरीके से जी जा सकती है।
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