ढाबा स्टाइल अरहर दाल रेसिपी: भारतीय भोजन में दालों का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर क्षेत्र, हर राज्य में दाल की अपनी खास शैली है, लेकिन “ढाबा स्टाइल दाल” की बात ही कुछ और है। यह दाल ना केवल स्वाद में लाजवाब होती है, बल्कि इसकी खुशबू, मसाले और तड़के का अंदाज़ इसे खास बना देता है। खासकर अरहर दाल (जिसे तूअर या तुवर दाल भी कहते हैं), ढाबों पर जिस तरीके से बनाई जाती है, वह घर की दाल से कुछ अलग और ज़्यादा स्वादिष्ट लगती है।

इतिहास: ढाबा संस्कृति और दाल का मेल:
“ढाबा” शब्द पंजाबी शब्दकोष से आया है, जो पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में सड़कों के किनारे बने देसी भोजनालयों के लिए उपयोग होता है। ये ढाबे शुरू में ट्रक ड्राइवरों और राहगीरों के लिए भोजन का सस्ता और स्वादिष्ट विकल्प हुआ करते थे। धीरे-धीरे इनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि अब शहरों में भी “ढाबा स्टाइल” खाने की मांग होने लगी।
ढाबा स्टाइल अरहर दाल की खासियत यह है कि इसमें देसी घी या मक्खन का भरपूर उपयोग होता है, मसाले ताज़े भुने जाते हैं, और ऊपर से किया गया लहसुन व हींग का तड़का इसे महकदार बना देता है। यह दाल न केवल भूख बढ़ाती है, बल्कि पेट को भी संतुष्ट करती है।
सामग्री (4 लोगों के लिए):
मुख्य सामग्री:
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अरहर दाल (तुवर दाल) – 1 कप
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पानी – 3 कप
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हल्दी पाउडर – ½ छोटा चम्मच
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नमक – स्वादानुसार
तड़के की सामग्री:
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देसी घी – 2 टेबल स्पून (घी ही असली स्वाद लाता है)
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प्याज़ – 1 बारीक कटा हुआ
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टमाटर – 2 मध्यम आकार के (कद्दूकस किए हुए या बारीक कटे)
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लहसुन – 5-6 कलियां (कुटी या बारीक कटी हुई)
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हरी मिर्च – 2 बारीक कटी हुई
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अदरक – 1 इंच (कद्दूकस की हुई)
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हींग – 1 चुटकी
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जीरा – 1 छोटा चम्मच
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लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटा चम्मच
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धनिया पाउडर – 1 छोटा चम्मच
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गरम मसाला – ½ छोटा चम्मच
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कसूरी मेथी – 1 छोटा चम्मच (हथेलियों में मसलकर डालें)
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हरा धनिया – सजावट के लिए

बनाने की विधि:
चरण 1: दाल उबालना
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सबसे पहले अरहर दाल को अच्छे से धोकर 15-20 मिनट पानी में भिगो दें।
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प्रेशर कुकर में भीगी हुई दाल, 3 कप पानी, हल्दी और स्वादानुसार नमक डालें।
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मध्यम आंच पर 3-4 सीटी आने तक पकाएं।
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प्रेशर अपने आप निकलने दें। उसके बाद दाल को अच्छे से मसल लें ताकि वह क्रीमी और गाढ़ी हो जाए।
चरण 2: तड़का बनाना
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एक कढ़ाई में देसी घी गरम करें।
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उसमें जीरा डालें। जब जीरा चटकने लगे तो हींग और लहसुन डालें।
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लहसुन को हल्का सुनहरा होने तक भूनें। अब अदरक और हरी मिर्च डालें और एक मिनट भूनें।
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अब कटे हुए प्याज़ डालें और सुनहरा भूरा होने तक भूनें।
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फिर इसमें कद्दूकस किया हुआ टमाटर डालें।
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टमाटर को तब तक पकाएं जब तक उसका तेल न छोड़ दे।
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अब इसमें लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, गरम मसाला और कसूरी मेथी डालें।
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मसालों को धीमी आंच पर अच्छे से भूनें ताकि उनका कच्चापन निकल जाए।
चरण 3: दाल को तड़के में मिलाना
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उबली हुई दाल को इस मसाले वाले तड़के में डालें और अच्छे से मिलाएं।
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ज़रूरत अनुसार पानी डालें ताकि दाल बहुत गाढ़ी न रहे और बहावदार हो जाए।
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अब इस मिश्रण को 5-7 मिनट तक धीमी आंच पर उबालें ताकि सभी स्वाद अच्छे से मिल जाएं।
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आंच बंद कर दें और ऊपर से बारीक कटा हरा धनिया डाल दें।
वैकल्पिक तड़का (सर्व करते समय):
अगर आप चाहते हैं कि ढाबा जैसा असली स्वाद आए, तो परोसते समय एक अतिरिक्त तड़का बनाएं।
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एक छोटा तड़का पैन लें, उसमें 1 टेबल स्पून घी गरम करें।
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उसमें 2-3 लहसुन की कटी हुई कलियां और 1 छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर डालें।
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यह तड़का दाल के ऊपर डालकर तुरंत परोसें।
परोसने का तरीका:
इस लजीज़ ढाबा स्टाइल अरहर दाल को गरमा-गरम फुलके, तंदूरी रोटी, जीरा राइस या सादा चावल के साथ परोसें। इसके साथ प्याज़, नींबू और हरी मिर्च का सलाद जरूर रखें।
कुछ खास सुझाव:
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दाल में देसी घी का प्रयोग ही असली स्वाद का राज है।
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अगर आप इसे और भी समृद्ध बनाना चाहते हैं, तो ऊपर से थोड़ा सा मक्खन डालें।
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हींग और लहसुन की महक दाल को विशिष्ट ढाबा टच देती है – इन्हें हल्के में न लें।
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टमाटर अच्छे से पके होने चाहिए, वरना दाल में खटास और कच्चा स्वाद आ सकता है।
ढाबा स्टाइल अरहर दाल ना केवल एक व्यंजन है, बल्कि उत्तर भारत की सड़क संस्कृति और स्वाद का प्रतिनिधित्व करती है। इसका इतिहास ढाबों की मिट्टी से जुड़ा है, और इसका स्वाद आपके दिल को छू जाएगा। एक बार आप इसे अपने घर में बनाएंगे, तो यकीन मानिए – घर में भी ढाबे जैसी महक और स्वाद का आनंद मिलेगा।
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