COVID-19 cases rising: हाल ही में सिंगापुर में कोरोना मामलों में अचानक तेज़ बढ़ोतरी देखी गई है, जिसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह समय सतर्क रहने का है, क्योंकि एशिया के कई देशों — जैसे सिंगापुर और हांगकांग — में COVID-19 फिर से पैर पसार रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों का मानना है कि मामलों में इस उछाल की वजह यह हो सकती है कि लोगों में अब संक्रमण के खिलाफ पहले जैसी प्रतिरोधक क्षमता नहीं रही। इसके अलावा, बहुत से बुज़ुर्गों को अब तक बूस्टर डोज़ भी नहीं मिल पाई है।
सिर्फ सिंगापुर में ही, पिछले साल की तुलना में COVID-19 मामलों में 28% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 3 मई तक यहां करीब 14,200 नए मामले सामने आए हैं।
COVID-19 फिर से फैला रहा है पांव: एशिया के इन देशों में बढ़े मामले, बढ़ी चिंता
जब ऐसा लग रहा था कि COVID-19 का खतरा अब पीछे छूट चुका है, एशिया के देशों से फिर से संक्रमण बढ़ने की खबरें सामने आ रही हैं।
सिंगापुर:
- सिंगापुर में मई की शुरुआत में कोविड मामलों में 28% की बढ़त देखी गई। साप्ताहिक मामले 14,200 तक पहुंच गए, और दैनिक अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या 102 से बढ़कर 133 हो गई है।
- यहाँ फिलहाल दो प्रमुख वैरिएंट ‘LF.7’ और ‘NB.1.8’, जो ‘JN.1’ के वंशज हैं, प्रमुख रूप से फैल रहे हैं।
हालांकि ICU में भर्ती मरीजों की संख्या घटकर 2 रह गई है, लेकिन विशेषज्ञ सतर्कता की सलाह दे रहे हैं।
हांगकांग:
- हांगकांग में COVID-19 की नई लहर चल रही है। मार्च में श्वसन सैंपलों की पॉजिटिविटी दर 1.7% से बढ़कर 11.4% हो गई — जो अगस्त 2024 के पीक से भी ज़्यादा है।
- यहाँ अब तक 81 गंभीर मामले और 30 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें ज़्यादातर बुज़ुर्ग और पहले से बीमार लोग शामिल हैं।
चीन:
चीन में COVID-19 के मामले फिर बढ़ने लगे हैं। परीक्षणों में पॉजिटिविटी दर दोगुनी से भी ज़्यादा हो गई है — जो संकेत करता है कि संक्रमण तेजी से फैल रहा है और यह पिछली गर्मियों की लहर जितना गंभीर हो सकता है।
थाईलैंड:
थाईलैंड में अप्रैल के सोंगक्रान त्योहार के बाद मामलों में बढ़ोतरी हुई है। दो क्लस्टर आउटब्रेक की पुष्टि हुई है और अधिकारी स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं।
भारत में COVID-19 मामलों में हल्की बढ़त, टेस्टिंग में गिरावट के बावजूद सतर्क रहने की सलाह
भारत में भले ही अब बहुत से लोग COVID-19 के लिए टेस्ट नहीं करवा रहे हों, लेकिन ICMR (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) की प्रयोगशालाओं से मिले ताज़ा डेटा के मुताबिक संक्रमण के मामलों में एक बार फिर धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखी जा रही है। हालाँकि भारत में फिलहाल COVID-19 मामलों में कोई बड़ी उछाल नहीं देखी गई है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लापरवाही की जगह तैयारी ज़रूरी है। भारत की बड़ी आबादी और स्वास्थ्य सुविधाओं में असमानता को देखते हुए, हल्के वैरिएंट का भी बड़ा असर हो सकता है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
- भारत में 11 मई को खत्म हुए सप्ताह में COVID-19 पॉजिटिव नमूनों की संख्या 41 रही।
- इससे एक हफ्ते पहले यह संख्या 28 थी, और उससे पहले सिर्फ 12। यानी, लगातार तीसरे हफ्ते मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
भारत में कब-कब बढ़ते हैं श्वसन संक्रमण?
भारत में आमतौर पर श्वसन संक्रमण के दो प्रमुख सीज़नल पीक होते हैं: एक सर्दियों में और दूसरा मानसून के बाद
इसलिए, इन मौसमों के दौरान संक्रमणों का खतरा अधिक होता है — और इन्हीं समयों में कोविड जैसी बीमारियाँ भी वापस उभर सकती हैं।
COVID के नए वेरिएंट के लक्षण क्या हैं?
अब तक जो नए COVID उप-प्रकार सामने आए हैं, उनके लक्षण ज़्यादातर हल्के ही होते हैं, और ये पहले के ओमिक्रॉन वेरिएंट्स जैसे लगते हैं। आम लक्षण हैं:
- लगातार खांसी
- गले में खराश
- मतली और उल्टी जैसा महसूस होना
- आंखों में लालिमा या जलन (गुलाबी आँख)
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दिमाग में धुंधलापन या थोड़ी भ्रम की भावना
ज्यादातर लोग इन लक्षणों के साथ घर पर आराम करके ठीक हो जाते हैं। लेकिन सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने खासकर बुजुर्गों और कमजोर लोगों से कहा है कि अगर लक्षण बिगड़ें या लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
टीकाकरण क्यों ज़रूरी है?
अच्छी बात ये है कि मौजूदा COVID-19 टीके इन नए उप-प्रकारों से होने वाली गंभीर बीमारी से हमें बचा रहे हैं। विशेषकर ‘JN.1’ नामक स्ट्रेन के खिलाफ ये टीके अब भी असरदार हैं और सुरक्षा देते हैं। इसलिए, टीका लगवाना और बूस्टर डोज़ लेना अभी भी बहुत महत्वपूर्ण है।
🔑 क्या कदम उठाने चाहिए?
- निगरानी बढ़ाएं:
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों (खासकर सिंगापुर, हांगकांग, थाईलैंड से) की जीनोमिक निगरानी शुरू हो। - टेस्टिंग और ट्रेसिंग तेज़ करें:
मेट्रो शहरों में लक्षणों वाले लोगों की जांच और क्लस्टर का पता लगाना ज़रूरी। - टीकाकरण बढ़ाएं:
जिन लोगों को अभी तक बूस्टर डोज़ नहीं मिली है — खासकर बुज़ुर्ग, बीमार और फ्रंटलाइन वर्कर — उन्हें प्राथमिकता दें। - सीमा पर सख्ती:
हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग और रैंडम टेस्टिंग फिर से शुरू की जाए। - लोगों को जागरूक करें:
मास्क पहनना, हाथ धोना और बीमार होने पर घर रहना जैसे बेसिक कोविड व्यवहार दोबारा अपनाएं। -
हॉस्पिटल तैयारी रखें:
अस्पतालों में हल्के से मध्यम मामलों के इलाज की क्षमता और ICU तैयारियाँ सुनिश्चित की जाएँ।
क्या आपको उन देशों की यात्रा करनी चाहिए जहाँ COVID-19 के मामले बढ़ रहे हैं? जानिए क्या है सही फैसला
अगर आप किसी ऐसे देश की यात्रा की योजना बना रहे हैं जहाँ COVID-19 के मामले फिर से बढ़ रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है:
✈️ यात्रा से पहले ये बातें ज़रूर सोचें:
- प्रकोप कितना गंभीर है? क्या वहाँ अस्पतालों पर दबाव है?
- आपकी खुद की स्वास्थ्य स्थिति कैसी है? बुज़ुर्गों, गर्भवती महिलाओं और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
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क्या वहाँ कोई यात्रा प्रतिबंध या क्वारंटीन नियम लागू हैं?
अगर यात्रा अत्यावश्यक नहीं है, तो फिलहाल उसे स्थगित करना या किसी सुरक्षित गंतव्य पर जाने का विकल्प बेहतर हो सकता है।
COVID-19 वैक्सीन प्रमाणपत्र:
COVID-19 वैक्सीन प्रमाणपत्र एक आवश्यक दस्तावेज है जिसे आपको अपने साथ ले जाने की सलाह दी जाती है ताकि आपको यात्रा या होटल आदि में किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े । यदि आपने अभी तक अपने COVID वैक्सीन प्रमाणपत्र डाउनलोड नहीं किया है ,
तो इस Direct link पर जाकर आप अपना COVID वैक्सीन प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकते हैं: https://selfregistration.cowin.gov.in/
- अपने आधार कार्ड से जुड़ा पंजीकृत मोबाइल नंबर दर्ज करें और ‘OTP प्राप्त करें’।
- OTP दर्ज करें और ‘सत्यापित करें और आगे बढ़ें’ बटन पर क्लिक करें।
- अगले पेज पर आप अपने टीकाकरण की स्थिति से संबंधित सभी विवरण देख सकते हैं।
📌 निष्कर्ष:
COVID अभी गया नहीं है, हर नया वैरिएंट अपने साथ नई अनिश्चितताएं और जोखिम ला सकता है। भारत में स्थिति फिलहाल स्थिर है, लेकिन सिंगापुर में मामलों की अचानक बढ़ोतरी हमें याद दिलाती है कि समय रहते तैयारी करना जरूरी है।
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