बरसात में न करें पौधों से लापरवाही! जानिए कैसे करें बारिश के मौसम में पौधों की देखभाल

बारिश के मौसम में पौधों की देखभाल: बरसात का मौसम वैसे तो हरियाली लेकर आता है, लेकिन यही मौसम पौधों के लिए कुछ परेशानियों का कारण भी बन सकता है। बारिश के दौरान अत्यधिक पानी, कीड़ों का हमला, मिट्टी की गुणवत्ता में बदलाव और धूप की कमी जैसी समस्याएं पौधों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। अगर इस समय पौधों की सही तरीके से देखभाल न की जाए, तो वे सूख भी सकते हैं या सड़ सकते हैं।

पानी ज़रूरी है, लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा नहीं

बारिश के मौसम में पौधों की देखभाल

बरसात में सबसे बड़ी समस्या होती है — ज्यादा पानी। ज़्यादा बारिश के कारण गमलों और बगीचों में पानी भर जाता है, जिससे पौधों की जड़ें गलने लगती हैं। इसलिए सबसे पहले ज़रूरी है यह देखना कि आपके गमलों या खेतों में पानी निकासी की व्यवस्था अच्छी हो।

यदि आप गमले में पौधे उगा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि गमले के नीचे छेद हो, जिससे अतिरिक्त पानी आसानी से निकल सके। बगीचों में उगाए पौधों के पास पानी के बहाव का रास्ता बनाएं ताकि पानी जमा न हो।

धूप भी उतनी ही है ज़रूरी

बारिश के मौसम में पौधों की देखभाल

बरसात के दौरान कई दिनों तक धूप नहीं निकलती। इससे पौधों को फोटोसिंथेसिस यानी सूर्य की रोशनी से खाना बनाने की प्रक्रिया में दिक्कत होती है। कोशिश करें कि जिन पौधों को ज्यादा रोशनी की ज़रूरत होती है, उन्हें ऐसी जगह रखें जहाँ थोड़ा बहुत सूरज निकलने पर भी धूप पहुंच सके।

छोटे पौधों या इनडोर प्लांट्स को आप घर की बालकनी, छत या खिड़की के पास रख सकते हैं जहाँ उन्हें थोड़ी रोशनी मिल जाए।

कीटों और फंगल इंफेक्शन से रखें सावधान

बारिश के मौसम में पौधों की देखभाल

बरसात के मौसम में वातावरण नम रहता है और यही नमी कीटों और फंगल बीमारियों को जन्म देती है। पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसा दिखना, तनों पर काले धब्बे या पत्तियों का पीला पड़ना – ये सभी लक्षण फंगल संक्रमण के हो सकते हैं।

ऐसे में नीम का तेल (Neem Oil) एक प्राकृतिक उपाय है। इसे पानी में मिलाकर स्प्रे करें। इससे पौधों को कीटों और फफूंद से काफी हद तक बचाया जा सकता है।

खाद और मिट्टी पर दें खास ध्यान

बरसात में पौधों की देखभाल

बारिश के दौरान मिट्टी का पोषण बहकर चला जाता है। इसलिए पौधों को समय-समय पर जैविक खाद देना ज़रूरी होता है। गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट या घर के किचन वेस्ट से बनी खाद का इस्तेमाल करें। इससे मिट्टी की उर्वरकता बनी रहती है।

इसके अलावा, मिट्टी का ज्यादा गीला रहना पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है। आप मिट्टी में बालू (रेत) या कोकोपीट मिलाकर उसकी ड्रेनेज क्षमता बढ़ा सकते हैं।

सूखी और पीली पत्तियों को करें साफ

बरसात में पौधों की देखभाल

बारिश के समय पौधों की पत्तियाँ जल्दी गल जाती हैं। इसलिए समय-समय पर मरे हुए या पीले पत्तों को हटाते रहें। इससे पौधे स्वस्थ दिखते हैं और नए पत्तों को जगह मिलती है बढ़ने की।

अगर पौधों पर गंदगी या कीचड़ जम जाए, तो हल्के पानी से धो दें। इससे उनका फोटोसिंथेसिस बेहतर होगा और पौधे ताजगी से भर जाएंगे।

हवा का भी हो अच्छा प्रवाह

बरसात में पौधों की देखभाल

बारिश में हवा में नमी ज्यादा होती है, इसलिए जरूरी है कि पौधे ऐसी जगह रखें जहाँ हवा का बहाव हो। इनडोर पौधों को आप कुछ समय के लिए बाहर रख सकते हैं ताकि उन्हें ताजा हवा मिल सके।

अच्छी हवा ना केवल पौधों को ताजगी देती है, बल्कि फंगल संक्रमण को भी कम करती है।

साफ-सफाई और आस-पास का वातावरण

बरसात में पौधों की देखभाल

पौधों के आस-पास की साफ-सफाई का भी ध्यान रखें। बारिश में कई बार कीचड़, गिरे पत्ते और पानी जमा हो जाता है जो कीड़ों का घर बन सकता है। इससे पौधों को नुकसान हो सकता है।

हर दो-तीन दिन में बगीचे या गमलों के आस-पास सफाई करें। खासकर मच्छरों और चींटियों से बचाव के लिए सतर्क रहें।

गमले वाले पौधों की खास देखभाल

बरसात में पौधों की देखभाल

अगर आपके पौधे गमलों में हैं तो थोड़ी ज़्यादा सावधानी की ज़रूरत होती है। गमलों को छांव में रखें ताकि ज़्यादा पानी सीधे पौधों पर न पड़े। प्लास्टिक के गमलों की बजाय मिट्टी के गमलों का उपयोग करें क्योंकि वे पानी को बेहतर तरीके से संतुलित रखते हैं।

बरसात के दिनों में हफ्ते में एक बार मिट्टी को थोड़ा ऊपर से खोद देना भी फायदेमंद होता है ताकि जड़ें सांस ले सकें।

कौन-कौन से पौधे हैं बरसात में अच्छे?

बरसात के मौसम में कुछ पौधे बेहद अच्छे से बढ़ते हैं। जैसे:

  • तुलसी
  • गेंदा
  • गुलाब
  • एलोवेरा
  • मनी प्लांट
  • हिबिस्कस (गुड़हल)

अगर आप नए पौधे लगाना चाह रहे हैं तो इन्हीं में से कोई चुन सकते हैं। ये कम देखभाल में भी अच्छे फलते-फूलते हैं।

समय-समय पर करें निरीक्षण

पौधों को सिर्फ पानी देना ही काफी नहीं होता। हर दो-तीन दिन में पौधों की पत्तियों, मिट्टी और तनों की स्थिति की जांच करें। अगर कोई बदलाव नजर आए, जैसे पत्तियाँ मुरझा रही हों, कीड़े लगे हों या पत्तियों का रंग बदल रहा हो – तो तुरंत इलाज करें।

अगर पौधों के आसपास मकोड़े दिखें, तो घरेलू उपायों जैसे हल्दी, नीम तेल या साबुन के घोल का इस्तेमाल करें।

घर की रसोई से बनाएं पौधों की टॉनिक

बरसात में पौधों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आप घर में ही कुछ देसी उपाय कर सकते हैं। चावल का मांड, दाल का पानी, नीम की पत्तियों का अर्क – ये सभी पौधों के लिए प्राकृतिक टॉनिक का काम करते हैं। सप्ताह में एक बार छिड़काव करें।

बारिश के बाद का सुनहरा मौका

बारिश के बाद जब मिट्टी नरम होती है, तब पौधे लगाने और पुराने पौधों को स्थानांतरित करने का सबसे अच्छा समय होता है। आप नए पौधे उगा सकते हैं, बगीचे का विस्तार कर सकते हैं और लोन को सुंदर बना सकते हैं।

प्यार से करें देखभाल, तो पौधे भी लौटाएंगे हरियाली

बरसात का मौसम पौधों के लिए जीवनदायक भी है और चुनौतीपूर्ण भी। अगर थोड़ी सी समझदारी और नियमित देखभाल की जाए, तो यही मौसम आपके गार्डन को हरा-भरा और जीवंत बना सकता है। पौधों की देखभाल करना कोई मुश्किल काम नहीं, बस उन्हें समय देना और थोड़ी सी मेहनत करना जरूरी है।

बारिश की हर बूँद को पौधे जब अपनी हरियाली में बदलते हैं, तो मन भी तरोताजा हो जाता है। तो इस बरसात अपने पौधों को दें वो देखभाल जिसकी उन्हें ज़रूरत है — और बदले में पाएं एक ताजा, खूबसूरत और स्वस्थ वातावरण।

ऐसी और भी Gardening सम्बन्धी टॉपिक के ऊपर जानकारियों और खबरों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें! Khabari bandhu पर पढ़ें देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरें — एजुकेशन, मनोरंजन, बिज़नेस, धर्म, क्रिकेट, राशिफल और भी बहुत कुछ।

पौधों को बीमारियों से कैसे बचाएं? जानिए असरदार घरेलू उपाय और पौधों की सही देखभाल का आसान तरीका

बागवानी से जुड़ी 10 आम गलतियाँ और उनसे बचने के आसान उपाय – जानिए कैसे बनाएं अपना गार्डन हरा-भरा और स्वस्थ

छत पर बागवानी कैसे करें? न ज़मीन चाहिए, न बड़ा खर्च! जानिए आसान टिप्स और ज़रूरी बातें

Leave a Comment

Exit mobile version