बरसात का स्वाद: मूंग दाल पकोड़े की रेसिपी और इतिहास

मूंग दाल पकोड़े: भारत में मानसून का मौसम आते ही गरम-गरम पकौड़ों की खुशबू हर गली-कूचे में फैल जाती है। बरसात की ठंडी-ठंडी हवाओं और चाय की प्याली के साथ कुरकुरे मूंग दाल पकोड़े खाने का मज़ा ही कुछ और होता है। यह सिर्फ एक स्नैक नहीं बल्कि भारतीय खान-पान की एक ऐसी परंपरा है, जिसमें स्वाद, सेहत और संस्कृति का मेल देखने को मिलता है।

मूंग दाल पकोड़े
                      मूंग दाल पकोड़े

मूंग दाल पकोड़े का इतिहास:

मूंग दाल पकोड़े की जड़ें भारतीय उपमहाद्वीप की प्राचीन पाक परंपराओं में गहराई से जुड़ी हुई हैं। दालों का उपयोग भारत में हजारों वर्षों से हो रहा है। वैदिक काल के ग्रंथों और आयुर्वेद में दाल को पोषक, पचने में आसान और ऊर्जा देने वाला आहार बताया गया है। मूंग दाल को ‘त्रिदोष नाशक’ माना गया है, यानी यह वात, पित्त और कफ – तीनों को संतुलित करती है।

ऐतिहासिक रूप से, उत्तर भारत में बरसात और सर्दियों के मौसम में दाल के पकोड़े बनाना आम था। मूंग दाल के पकोड़े विशेष रूप से गाँव-देहात में लोकप्रिय थे क्योंकि इन्हें बनाना आसान था, सामग्री स्थानीय रूप से उपलब्ध रहती थी, और तलने पर इनका स्वाद लंबे समय तक बना रहता था। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के गाँवों में तो शादी-ब्याह या किसी त्योहार पर मूंग दाल के पकोड़े एक जरूरी व्यंजन होते थे।

बंगाल और बिहार में भी मूंग दाल के पकोड़ों का एक अलग रूप देखने को मिलता है, जिसे ‘बड़े’ कहा जाता है। वहीं गुजरात और महाराष्ट्र में इन्हें हल्का मसालेदार बनाकर हरी चटनी के साथ परोसा जाता है। समय के साथ यह व्यंजन शहरों में भी खूब लोकप्रिय हुआ और अब यह भारत के हर कोने में, यहां तक कि भारतीय रेस्तरांओं के मेनू में भी शामिल है।

मूंग दाल पकोड़े की खासियत:

  • प्रोटीन से भरपूर – मूंग दाल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है, जो इसे सेहतमंद स्नैक बनाता है।

  • पचने में आसान – मूंग दाल हल्की होने के कारण ज्यादा तेल में तलने पर भी पेट पर भारी नहीं लगती।

  • मौसमी मेल – बारिश के मौसम में इसका गरमा-गरम कुरकुरापन और मसालेदार स्वाद चाय के साथ कमाल करता है।

मूंग दाल पकोड़ा बनाने की पारंपरिक विधि:

तैयारी का समय – 4-5 घंटे (दाल भिगोने के लिए)
पकाने का समय – 15-20 मिनट
कुल समय – लगभग 5 घंटे
परोसने की मात्रा – 4-5 लोग

सामग्री:

  • मूंग दाल – 1 कप (छिलका रहित पीली मूंग दाल)

  • अदरक – 1 इंच का टुकड़ा

  • हरी मिर्च – 2-3 (स्वादानुसार)

  • हरा धनिया – 2 बड़े चम्मच (बारीक कटा हुआ)

  • नमक – स्वादानुसार

  • हींग – 1-2 चुटकी

  • जीरा – ½ छोटा चम्मच

  • लाल मिर्च पाउडर – ½ छोटा चम्मच

  • हल्दी – ¼ छोटा चम्मच

  • बेकिंग सोडा – 1 चुटकी (वैकल्पिक, फूलेपन के लिए)

  • तेल – तलने के लिए

मूंग दाल पकोड़े
                       मूंग दाल पकोड़े

बनाने की विधि:

1. दाल भिगोना

सबसे पहले मूंग दाल को अच्छी तरह धो लें और 4-5 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। इससे दाल मुलायम हो जाएगी और पीसने में आसानी होगी।

2. दाल पीसना

दाल से पानी निकाल दें और मिक्सर में डालकर अदरक, हरी मिर्च और थोड़ा-सा पानी डालकर दरदरी पीस लें। पेस्ट बहुत ज्यादा पतला नहीं होना चाहिए।

3. मिश्रण तैयार करना

पिसी हुई दाल को एक बर्तन में निकाल लें। अब इसमें नमक, हींग, जीरा, लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, बारीक कटा हरा धनिया और बेकिंग सोडा डालें। अच्छी तरह फेंटें ताकि मिश्रण में हवा भर जाए और पकोड़े हल्के और फूले हुए बनें।

4. तेल गरम करना

कढ़ाई में तेल गरम करें। तेल का तापमान मध्यम-उच्च होना चाहिए, ताकि पकोड़े कुरकुरे बनें और ज्यादा तेल न सोखें।

5. पकोड़े तलना

एक चम्मच की मदद से मिश्रण के छोटे-छोटे गोले गरम तेल में डालें। इन्हें मध्यम आंच पर सुनहरा और कुरकुरा होने तक तलें। ध्यान रखें कि पकोड़े एकसमान सुनहरे हो जाएं।

6. परोसना

पकोड़ों को किचन पेपर पर निकालकर अतिरिक्त तेल सोख लें। गरमा-गरम पकोड़े हरी धनिया चटनी, इमली की मीठी चटनी या टमाटर सॉस के साथ परोसें।

खाने के तरीके और आधुनिक ट्विस्ट:

  • चाट के रूप में – मूंग दाल पकोड़ों पर दही, हरी चटनी, मीठी चटनी, सेव और मसाले डालकर चाट बनाई जाती है, जो उत्तर भारत में बहुत पसंद की जाती है।

  • स्ट्रीट फूड स्टाइल – गरम पकोड़ों को अख़बार में लपेटकर, ऊपर से चाट मसाला छिड़ककर परोसना स्ट्रीट फूड का मज़ा देता है।

  • हेल्दी वर्ज़न – आजकल लोग पकोड़े को एयर फ्रायर या ओवन में भी बनाते हैं ताकि तेल की मात्रा कम हो।

मूंग दाल पकोड़ा सिर्फ एक बरसाती स्नैक नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। यह मौसम, स्वाद और पारंपरिक पाक-कला का ऐसा संगम है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलता आया है। हल्की-फुल्की दाल, मसालों की खुशबू और गरमा-गरम कुरकुरेपन के साथ, यह व्यंजन हर बार बारिश के मौसम में दिल जीत लेता है। चाहे घर के आंगन में परिवार संग बैठकर खाया जाए या सड़क किनारे किसी ठेले से लिया जाए – मूंग दाल पकोड़ा हमेशा एक यादगार अनुभव देता है।

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