Bangladesh Plane Crash: तकनीकी खामी या लापरवाही? जांच जारी

Bangladesh Plane Crash: 21 जुलाई, सोमवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब बांग्लादेश एयरफोर्स का एक F-7 लड़ाकू ट्रेनिंग विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह हादसा ढाका के उत्तरा इलाके में स्थित माइलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज की इमारत पर हुआ, जिसमें कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई और 171 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

हादसे की भयावहता को देखकर पूरे देश में शोक की लहर है। सरकारी और सैन्य स्तर पर उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन कर दिया गया है ताकि दुर्घटना के असली कारणों की पड़ताल की जा सके।

कैसे हुआ हादसा: टेकऑफ के कुछ मिनटों बाद ही टूटा नियंत्रण

बांग्लादेश की सेना ने बयान जारी कर बताया कि यह F-7 BGI ट्रेनिंग जेट ढाका के एयरफोर्स बेस A.K. खोंडोकार (Kurmitola) से दोपहर 1:06 बजे उड़ा था। उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों के भीतर विमान में तकनीकी खराबी आ गई, जिससे पायलट का उस पर से नियंत्रण हट गया।

हालांकि पायलट ने विमान को घनी आबादी वाले इलाकों से दूर ले जाने की कोशिश की, लेकिन अंत में वह उत्तरा स्थित दो मंजिला स्कूल बिल्डिंग से टकरा गया, जिसके बाद विमान में भीषण आग लग गई।

माइलस्टोन स्कूल एंड कॉलेज बना मौत का मैदान

हादसा उस समय हुआ जब स्कूल में शिक्षक और छात्र उपस्थित थे। विमान सीधे स्कूल की इमारत पर गिरा, जिससे भवन में आग फैल गई और कई लोगों को बाहर निकलने का समय तक नहीं मिला।

अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में स्कूल के छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और स्थानीय निवासियों सहित कुल 27 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा 171 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है।

हादसे के बाद पूरे देश में शोक का माहौल

बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के प्रमुख सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने हादसे पर गहरा शोक जताया। उन्होंने एक आधिकारिक बयान में कहा:

“मैं माइलस्टोन स्कूल और कॉलेज परिसर में हुए वायुसेना विमान दुर्घटना में जानमाल की क्षति पर गहरा शोक और संवेदना प्रकट करता हूं। यह एक ऐसी त्रासदी है जिसका नुकसान अपूरणीय है। यह पूरे राष्ट्र के लिए गहन पीड़ा का क्षण है।”

राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर शुरू

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घटना के बाद फायर ब्रिगेड, सेना, पुलिस और आपातकालीन बचाव दलों ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

मलबे में अभी भी कुछ लोगों के दबे होने की आशंका को देखते हुए राहत कार्य पूरी सतर्कता से जारी है। कई बच्चों और शिक्षकों को आग की लपटों से बाहर निकाला गया।

विमान में क्या थी तकनीकी खराबी?

बांग्लादेश वायुसेना ने फिलहाल सिर्फ इतना कहा है कि विमान में ‘तकनीकी खराबी’ आई थी, जिसके चलते हादसा हुआ। इसके सही कारणों का पता लगाने के लिए वायुसेना की एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है।

इस समिति में वायुसेना के तकनीकी विशेषज्ञ और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं, जो विमान के ब्लैक बॉक्स और अन्य डाटा की जांच करेंगे।

अमेरिकी विदेश विभाग और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की संवेदनाएं

अमेरिका के विदेश विभाग ने भी इस दुखद हादसे पर गहरा दुख जताया है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है। इसके साथ ही कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और देशों ने भी इस त्रासदी पर शोक प्रकट किया है और मदद का आश्वासन दिया है।

इससे पहले 2008 में भी हुआ था F-7 विमान हादसा

यह पहला मौका नहीं है जब F-7 जेट ने हादसा किया हो। साल 2008 में भी एक F-7 ट्रेनिंग विमान ढाका के बाहरी इलाके में क्रैश हुआ था, जिसमें पायलट की मौत हो गई थी। तब भी तकनीकी खराबी का ही कारण बताया गया था, और पायलट ने आपातकालीन तौर पर बाहर निकलने की कोशिश की थी।

F-7 विमान दरअसल चीन में बने मिग-21 विमानों का एक संस्करण है, जिसे कई विकासशील देशों में ट्रेनिंग और सीमित मिशनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

क्या F-7 विमान अब उड़ान के लिए सुरक्षित हैं?

इस हादसे के बाद एक बड़ा सवाल उठ रहा है कि क्या F-7 जैसे पुराने लड़ाकू विमान आज के आधुनिक सुरक्षा मानकों पर खरे उतरते हैं? बांग्लादेश वायुसेना अब इस दिशा में भी विचार कर सकती है कि क्या इन विमानों का बेड़ा बदला जाए या इन्हें रिटायर किया जाए।

सुरक्षा विश्लेषकों के मुताबिक, आधुनिक एविएशन टेक्नोलॉजी के मुकाबले ये विमान अब पुरातन माने जाते हैं, और बार-बार की तकनीकी खराबियां खतरे का संकेत हो सकती हैं।

हादसे से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां

  • हादसा दोपहर 1:10 बजे के आसपास हुआ जब स्कूल में कक्षाएं चल रही थीं।

  • विमान में केवल एक ही पायलट था जो अंतिम क्षण तक विमान को आबादी से दूर ले जाने की कोशिश करता रहा।

  • स्कूल की इमारत आंशिक रूप से ध्वस्त हो गई है और उसे खाली करा लिया गया है।

  • घायलों में कई बच्चों की उम्र 10 से 17 वर्ष के बीच बताई जा रही है।

  • आसपास के कई मकानों में भी ध्वनि और कंपन के कारण दरारें आ गई हैं।

देश के लिए एक चेतावनी

यह दुर्घटना न केवल एक दुखद घटना है, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी भी है कि पुराने विमानों की नियमित जांच और अपग्रेड कितनी जरूरी है। साथ ही, एयरफोर्स के ट्रेनिंग मिशनों को आबादी वाले क्षेत्रों के पास से शिफ्ट करने की मांग भी अब उठ सकती है।

एक राष्ट्रीय शोक की घड़ी

बांग्लादेश इस समय दुख, शोक और आत्ममंथन के दौर से गुजर रहा है। इस तरह की दुर्घटनाएं सिर्फ आंकड़ों की कहानी नहीं होतीं, बल्कि हर मौत एक परिवार, एक सपना और एक भविष्य का अंत होती है।

सरकार और वायुसेना को अब न केवल हादसे की गहराई से जांच करनी होगी, बल्कि आगे के लिए सुरक्षा उपायों को और मजबूत बनाना होगा ताकि ऐसा हादसा फिर कभी न दोहराया जाए।

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