औरिया कद्दू: भारत के अलग-अलग राज्यों की रसोई में अपनी-अपनी परंपराओं और स्वाद का अनूठा संगम मिलता है। हिमाचल प्रदेश की रसोई भी कुछ ऐसी ही है, जहाँ दही, देसी मसाले और देसी घी का प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है। इसी परंपरा में एक बहुत ही लोकप्रिय डिश है “औरिया कद्दू”। यह व्यंजन खासतौर पर कद्दू (लौकी परिवार की सब्जी) से तैयार किया जाता है और इसका स्वाद खट्टा-मीठा और तीखा तीनों का बेहतरीन मेल होता है।

औरिया कद्दू का इतिहास
हिमाचल प्रदेश की पाक परंपराओं में दही और सरसों के बीज का उपयोग बहुत गहराई से जुड़ा हुआ है। यह डिश खासतौर पर कांगड़ा और मंडी क्षेत्रों में प्रचलित है। कहा जाता है कि पहले के समय में जब फसल कटने के बाद त्योहार और मेलों का आयोजन होता था, तब गांव की औरतें औरिया कद्दू को दाल-चावल या रोटियों के साथ बनाकर परोसती थीं। इसका स्वाद हल्का खट्टा और मसालेदार होने के कारण यह भारी खाने के साथ पाचन में भी सहायक होता था।
“औरिया” नाम की उत्पत्ति स्थानीय बोली से हुई है, जहाँ इसका अर्थ है – दही और सरसों के साथ बना व्यंजन। धीरे-धीरे यह रसोई का स्थायी हिस्सा बन गया और आज भी हिमाचली धाम थाली या खास मौकों पर इसका स्वाद लिया जाता है।
औरिया कद्दू बनाने के लिए सामग्री
मुख्य सामग्री:
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कद्दू (पीला/लाल कद्दू) – 500 ग्राम
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दही – 1 कप (अच्छी तरह फेंटा हुआ)
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सरसों का तेल – 2 बड़े चम्मच
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हरी मिर्च – 2 (बारीक कटी हुई)
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अदरक – 1 छोटा टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
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हल्दी पाउडर – ½ छोटा चम्मच
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धनिया पाउडर – 1 छोटा चम्मच
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लाल मिर्च पाउडर – ½ छोटा चम्मच
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गरम मसाला – ¼ छोटा चम्मच
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मेथी दाना – ½ छोटा चम्मच
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राई/सरसों के दाने – ½ छोटा चम्मच
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हींग – 1 चुटकी
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नमक – स्वादानुसार
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हरा धनिया – सजावट के लिए
बनाने की विधि
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कद्दू तैयार करना:
सबसे पहले कद्दू को अच्छे से धो लें। उसका छिलका उतारकर छोटे-छोटे टुकड़े काट लें। बीज अलग कर दें। -
कढ़ाई गरम करना:
कढ़ाई में सरसों का तेल डालें और उसे अच्छे से धुआं निकलने तक गरम करें। हिमाचल की रसोई में सरसों का तेल ज़रूरी माना जाता है, क्योंकि यह खाने में अलग स्वाद और सुगंध लाता है। -
तड़का लगाना:
गरम तेल में सबसे पहले मेथी दाना, राई और हींग डालें। जब यह चटकने लगे तो अदरक और हरी मिर्च डालकर हल्का सा भून लें। -
मसाले डालना:
अब हल्दी, धनिया पाउडर और लाल मिर्च पाउडर डालें और धीमी आंच पर भूनें। ध्यान रहे मसाले जलने न पाएं। -
कद्दू मिलाना:
अब इसमें कटे हुए कद्दू डालें और अच्छी तरह मसालों के साथ मिलाएं। हल्का सा पानी डालकर ढक दें और मध्यम आंच पर 7–8 मिनट पकने दें। -
दही डालना:
जब कद्दू आधा पक जाए तो उसमें फेंटा हुआ दही डालें। दही डालते समय आंच धीमी रखें और लगातार चलाते रहें ताकि दही फटे नहीं। -
अंतिम स्वाद:
नमक और गरम मसाला डालकर 5 मिनट और पकाएं। जब तक कद्दू नरम होकर मसाले और दही में अच्छी तरह से घुल न जाए। -
सजावट और परोसना:
हरा धनिया डालकर इसे चपाती, पूरी या फिर चावल के साथ गरमा-गरम परोसें।
औरिया कद्दू का स्वाद और महत्व
इस व्यंजन की सबसे बड़ी खूबी है इसका खट्टा और हल्का मसालेदार स्वाद। दही इसमें एक अलग खट्टापन लाता है, वहीं सरसों और मेथी का तड़का इसे अनोखी सुगंध देता है। यह व्यंजन केवल स्वादिष्ट ही नहीं बल्कि पचने में भी आसान है।
पहाड़ी इलाकों में जहाँ ठंड का मौसम अधिक रहता है, वहाँ दही और मसालों का उपयोग शरीर को संतुलित रखने के लिए किया जाता है। औरिया कद्दू खासतौर पर त्योहारों और शादियों की दावत में भी बनाया जाता है, क्योंकि यह भारी खाने को संतुलित करने में मदद करता है।
“औरिया कद्दू” हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक पाकशैली का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसमें स्थानीय स्वाद, संस्कृति और खानपान की झलक साफ दिखाई देती है। यह केवल एक सब्जी नहीं बल्कि हिमाचली रसोई की आत्मा है। जब भी आप हिमाचल की थाली का स्वाद लें तो इस व्यंजन को ज़रूर आज़माएँ, क्योंकि इसके बिना थाली अधूरी मानी जाती है।
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