भारत को समय से पहले मिला आखिरी Airbus C-295 विमान, रक्षा ताकत में बड़ा इजाफा

भारत ने अपनी सैन्य क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। भारत को Airbus C-295 सैन्य परिवहन विमान का अंतिम बैच समय से दो महीने पहले ही प्राप्त हो गया है। यह ऐतिहासिक डिलीवरी स्पेन के सेविल स्थित एयरबस डिफेंस एंड स्पेस असेंबली लाइन पर हुई, जहां भारतीय राजदूत दिनेश के. पटनायक और भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

Airbus C-295 की समय से पहले डिलीवरी

Airbus C-295

स्पेन में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि एयरबस की असेंबली लाइन से अंतिम C-295 विमान दो महीने पहले ही भारत को सौंप दिया गया है। यह डिलीवरी न केवल तकनीकी और समय-प्रबंधन की दृष्टि से एक उपलब्धि है, बल्कि भारतीय रक्षा तंत्र को समय से पहले और बेहतर समर्थन देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

56 विमानों का सौदा, 40 होंगे भारत में निर्मित

भारत सरकार ने एयरबस के साथ USD 2.5 बिलियन की लागत वाला एक बड़ा अनुबंध किया है, जिसके तहत कुल 56 C-295 विमानों की आपूर्ति की जाएगी। इनमें से 16 विमान स्पेन में निर्मित किए जा चुके हैं और अब भारत को प्राप्त हो गए हैं, जबकि शेष 40 विमानों का निर्माण भारत के वडोदरा (गुजरात) स्थित टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) द्वारा किया जाएगा। यह रक्षा विमान क्षेत्र में भारत का पहला ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट है।

वडोदरा में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का शुभारंभ

अक्टूबर 2024 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ की उपस्थिति में वडोदरा में टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स की शुरुआत की गई। इस कॉम्प्लेक्स में 40 एयरबस C-295 विमानों का निर्माण किया जाएगा, जो पुराने हो चुके अन-32 और HAL के अवरो 748 विमानों की जगह लेंगे।

Airbus C-295 की खूबियां

Airbus C-295 एक बहुउद्देश्यीय सामरिक परिवहन विमान है, जो विभिन्न सैन्य और मानवीय मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी प्रमुख खूबियों में शामिल हैं:

  • ट्रूप और कार्गो ट्रांसपोर्ट
  • समुद्री गश्त और निगरानी
  • सिग्नल इंटेलिजेंस और मेडिकल इवैक्यूएशन
  • VIP ट्रांसपोर्ट और अग्निशमन

Airbus C-295 की क्षमता इसे एक ‘वर्कहॉर्स’ बनाती है, जो किसी भी परिस्थिति में अपनी भूमिका को मजबूती से निभाता है। यह विश्व का सबसे बहुउद्देश्यीय और कुशल सामरिक एयरलिफ्टर माना जाता है।

रक्षा साझेदारी को मिला नया मुकाम

भारत और स्पेन के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग तेज़ी से बढ़ा है। इस अनुबंध के साथ न केवल भारतीय वायुसेना को एक आधुनिक और भरोसेमंद एयरलिफ्ट क्षमता मिल रही है, बल्कि घरेलू निर्माण को बढ़ावा देकर भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। यह साझेदारी आने वाले समय में दोनों देशों के लिए रणनीतिक दृष्टि से और अधिक मजबूत साबित हो सकती है।

पहले विमान की डिलीवरी और वायुसेना की भूमिका

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने 13 सितंबर 2023 को सेविल में पहले C-295 विमान की आधिकारिक प्राप्ति में भाग लिया था। तब से लेकर अब तक डिलीवरी की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ी और अब सभी 16 विमान भारत को मिल चुके हैं।

भविष्य की रणनीति

40 अतिरिक्त विमानों का निर्माण वडोदरा में किया जाएगा और इनका उपयोग भारतीय वायुसेना की रणनीतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया न केवल टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और लोकल स्किल डेवेलपमेंट को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक वैश्विक हब बनाने की दिशा में भी सहयोग करेगी।

निष्कर्ष

Airbus C-295 विमानों की समय से पहले डिलीवरी भारत की रक्षा तैयारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाती है। यह पहल आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती प्रदान करती है, जिसमें विदेशी तकनीक के साथ-साथ देश के भीतर निर्माण और कौशल विकास पर जोर दिया जा रहा है। भारत के लिए यह सिर्फ एक रक्षा डील नहीं, बल्कि एक रणनीतिक निवेश है, जो दशकों तक देश की सैन्य क्षमताओं को नई ऊर्जा देगा।

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