सन ऑफ सरदार 2 रिव्यू: अजय देवगन और रवि किशन की कॉमेडी से सजी पारिवारिक फिल्म

सन ऑफ सरदार 2 रिव्यू : ‘सन ऑफ सरदार 2’ (Sun of Sardaar 2) आपके सामने एक देसी कॉमेडी‑ड्रामा है, जिसमें अजय देवगन फिर से जस्सी रंधावा के रूप में खड़े हैं, इस बार अपनी पत्नी को मनाने और प्यार की वापसी के लिए यूनाइटेड किंगडम (स्कॉटलैंड/लंदन) की पृष्ठभूमि में भावुक यात्रा पर निकलते हैं

सन ऑफ सरदार 2 रिव्यू
            सन ऑफ सरदार 2 रिव्यू

कहानी का सारांश:

फ़िल्म की शुरुआत थोड़ी सुस्त होती है, लेकिन जैसे ही जस्सी को पता चलता है कि डिंपल (नीरू बाजवा) अब उससे न्यायप्रियता और प्रेम की अपेक्षा नहीं रखती, कहानी में मोड़ आता है।
इस बीच, जस्सी की मुलाकात राबिया (मृणाल ठाकुर) से होती है, जो एक पाकिस्तानी महिला है और शादी समारोहों में डांस ग्रुप चलाती है। जब राबिया की दोस्त की बेटी सबां और गोगी की शादी की राह में पारिवारिक रूढ़िवादी राजा संधू (रवि किशन) आता है, तब जस्सी बनते हैं सबा के लिए नकली भारतीय फौजी पिता और हलकापन व कॉमेडी शुरू हो जाती है।

अभिनय की समीक्षा:

अजय देवगन:

अजय देवगन अपने किरदार जस्सी में सहज, भावुक और देसी स्वैग के संग शानदार हैं। उन्होंने फिर साबित किया कि उनकी कॉमिक टाइमिंग और पैन्चलाइन डिलीवरी सधी हुई है, चाहे झूठ संभालना हो या 얼굴 पर सीधा एक्सप्रेशन देना हो 
लेकिन कुछ रिव्यू में उनकी मृणाल ठाकुर के साथ की जोड़ी में “forced chemistry” और अव्यवस्थित जोक्स की आलोचना भी नज़र आती है

मृणाल ठाकुर:

मृणाल नवोदित एक्ट्रेस के रूप में फ्रेश और आत्मविश्वासी दिखती हैं। उनकी एक्टिंग में सादगी है और अजय देवगन के साथ उनकी केमिस्ट्री ने पसंद भी आ रही है, हालांकि आलोचकों ने इसे “अप्राकृतिक” बताया है

रवि किशन & सपोर्टिंग कास्ट:

रवि किशन इस फिल्म का केंद्रबिंदु बनकर निकलते हैं — उनके देसी अंदाज, डायलॉग डिलीवरी और कॉमिक टाइमिंग के लिए सोशल मीडिया पर खूब तारीफ मिली है
दीपक डोबरियाल ‘गुल’ नाम के ट्रांसजेंडर किरदार में हास्य और गरिमा के संतुलन के साथ प्रदर्शन करते हैं, जबकि संजय मिश्रा, कुब्रा सैत, चंकी पांडे, विंदु दारा सिंह, नीरू बाजवा, रोशनी वालिया जैसे कलाकार कहानी को मजबूती देते हैं, लेकिन कुछ का ऑन‑स्क्रीन समय सीमित महसूस होता है।

निर्देशन, पटकथा और तकनीकी कॉमेडी:

निर्देशक विजय कुमार अरोड़ा ने बड़े कलाकारों और कई सबप्लॉट्स को संतुलित करने की ईमानदार कोशिश की है। शुरुआती 15–20 मिनट थोड़े भारी लगते हैं, लेकिन जैसे ही फिल्म में कॉमेडी‑डैश और पारिवारिक हलचल आते हैं, गति बेहतर हो जाती है।
हालाँकि, दूसरी हाफ में कुछ सीन खींचे हुए दिखाई देते हैं — समय पर एडिटिंग से फिल्म और चटपटी बन सकती थी

स्क्रीनप्ले में कुछ यादगार कॉमिक मोमेंट्स हैं—ज़्यादा पेंचीले पटकथान के बजाए, बॉलीवुड क्लासिक्स जैसे Sunny Deol की ‘Border’ सीन की कॉमिक रीक्रिएशन ने दर्शकों को खूब हंसाया है

म्यूज़िक और विज़ुअल्स:

स्कॉटलैंड और लंदन के खूबसूरत लोकेशन कैमरा में खिंचे गए हैं; विजुअल्स आँखों को सुकून देते हैं
गीत जैसे “Pehla Tu Duja Tu”, “Nachdi” और “The Po Po Song” कहानी से जुड़ी हुई ऊर्जा और मूड सेट करती हैं

सकारात्मक पक्ष:

  • देसी पंचलाइन और पारिवारिक-फ़्रेंडली कॉमेडी का अच्छा मिश्रण है।

  • रवि किशन और दीपक डोबरियाल जैसे कलाकार वास्तव में फिल्म का “हाइलाइट” हैं

  • गाने रंगीन और कहानी में फिट बैठते हैं; बैकग्राउंड म्यूज़िक भी मूड को बढ़ाता है

  • यह एक परिवार‑योग्य मनोरंजन है—हल्की‑फुल्की, हंसाने वाली और सरल मनोरंजन वाली फ़िल्म

नकारात्मक बातें:

  • कुछ आलोचकों ने इसे “cringe”, repetitive और stereotype‑based jokes वाला बताया है; जैसे sardars, Gujarati, South Indian स्टेरीओटाइप्स पर जूता जमाना

  • ट्रेलर देखकर ही कहानी समझी जा सकती थी, कई दर्शक निराश हुए कि स्क्रीनप्ले व कॉमिक टाइमिंग अधपकी महसूस हुई

  • कुछ रिव्यू लिखते हैं कि फिल्म सिर्फ रवि किशन की वजह से देखी जा सकती है, बाकी का काम “mindless” और “bogus” कहा गया है

  • अजय-मृणाल की जोड़ी को “forced chemistry” कहा गया और ज्यादा उम्र का जोड़, स्टाइल और जोक्स को आलोचना मिली है

कुल मिलाकर, सन ऑफ सरदार 2 एक फ़ॅमिली एंटरटेनर है जो ज़्यादा ब्रेनवर्क की अपेक्षा दिल से देखी जा सकती है
अगर आप हल्के‑फुल्के हंसी‑मज़ाक, देसी पंच, पंजाबी ह्यूमर और पारिवारिक रिश्तों वाली फ़िल्म पसंद करते हैं — तो यह आपके लिए ठीक रह सकती है।
लेकिन अगर आप तर्कपूर्ण कहानी, नवीनता या जिन्दादिल स्क्रिप्टिंग की तलाश में हैं, तो यह मूवी आपके लिए असंतोषजनक साबित हो सकती है।

⭐ रेटिंग — लगभग 3.0–3.5/5

(कई माध्यमों ने इसे इसी रेंज में रेटिंग दी है जैसे कि दैनिक भास्कर और नवभारतलाइव ने 3.5 स्टार्स दी है)

सुझाव:

  • देखें: अगर आप रवि किशन और दीपक डोबरियाल की एक्टिंग, देसी ह्यूमर, पंजाबी संस्कार और पारिवारिक ड्रामा चाह रहे हैं।

  • स्किप करें: अगर आपको क्रिस्प स्क्रीनप्ले, सूक्ष्म जोक्स, या गहरे भावनात्मक कहानी की अपेक्षा है।

अंत में, ‘सन ऑफ सरदार 2’ एक दिल से देखी जाने वाली मनोरंजक फिल्म है — कुछ जगहों पर खिंचाव, कुछ जोक्स अधपके, लेकिन कुल मिलाकर एक फ़ैमिली‑फ्रेंडली, देसी, रंगीन सवारी।

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