Operation Mahadev: 29 जुलाई 2025, श्रीनगर — जम्मू-कश्मीर की वादियों में एक बार फिर आतंक के खिलाफ भारतीय सेना की ज़बरदस्त कार्रवाई ने सबको हैरान कर दिया। इस बार मामला था अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले का, जिसमें 26 बेगुनाह पर्यटकों की जान चली गई थी। इस हमले का मास्टरमाइंड था सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा, जिसे सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत ढूंढ कर मार गिराया।
हरवान के जंगलों में हुआ आखिरी मुकाबला
इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया श्रीनगर के हरवान इलाके में, जो कि डाचीगाम नेशनल पार्क के पास है। सेना को यहां तीन आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। इसके बाद वहां सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ। दो राउंड गोलीबारी होते ही सेना ने ऑपरेशन तेज कर दिया और कुछ ही घंटों में तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया। इन तीनों में सबसे बड़ा नाम था सुलेमान शाह का, जो पाकिस्तान सेना का पूर्व कमांडो भी रह चुका था।
पहलगाम हमला: एक दिल दहला देने वाली घटना
22 अप्रैल 2025 को बेसरन मीडो, पहलगाम में 26 निर्दोष पर्यटकों को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया था क्योंकि वे आतंकियों के कहे अनुसार “कलमा” नहीं पढ़ पाए। आतंकियों ने उन्हें लाइन में खड़ा किया और जो कलमा नहीं पढ़ पाया, उसे गोली मार दी गई। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।
पाकिस्तान की साज़िश और SSG कमांडो का कनेक्शन
इस हमले को लेकर भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया था कि ये हमला आम आतंकियों ने नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना के SSG (स्पेशल सर्विस ग्रुप) कमांडोज़ ने किया था, जो आतंकियों के भेष में आए थे। जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एस.पी. वैद ने भी कहा कि यह पूरी तरह से पाकिस्तान की सेना द्वारा रची गई साज़िश थी।
ऑपरेशन महादेव की तैयारी: तकनीकी निगरानी और मानव खुफिया का कमाल
सेना और खुफिया एजेंसियों ने इस ऑपरेशन की योजना महीनों पहले बनानी शुरू कर दी थी। एक अत्यंत एन्क्रिप्टेड संचार यंत्र “Ultra Set” की लोकेशन ट्रैक की जा रही थी, जो कि पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किया जाता है और चीन में बना होता है। इस डिवाइस से आने वाले सैटेलाइट सिग्नल्स ने एजेंसियों को यह जानकारी दी कि आतंकी हरवान इलाके में छिपे हुए हैं।
इसके बाद वहां मानव खुफिया (Human Intelligence) एजेंट्स को तैनात किया गया। कई हफ्तों की निगरानी के बाद जब सटीक लोकेशन पक्की हुई, तब जाकर ऑपरेशन शुरू किया गया।
कौन था सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा?
सुलेमान शाह पाकिस्तान की सेना में स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) में रह चुका था और बाद में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ गया। इसके नाम पर अक्टूबर 2024 में एक प्राइवेट कंपनी के 7 कर्मचारियों की हत्या का भी आरोप है। कहा जा रहा है कि उसने ही पहलगाम हमले की योजना बनाई और अपने पुराने सैन्य अनुभव का इस्तेमाल कर उसे अंजाम दिया।
बाकी दो आतंकियों की पहचान
इस ऑपरेशन में दो और आतंकियों को भी मारा गया। इनमें से एक था जिब्रान, जो सोनमर्ग टनल हमले में शामिल था और दूसरा था हमज़ा अफगानी, जो अफगान मूल का बताया जा रहा है। इन दोनों के पास से भी भारी मात्रा में हथियार और उपकरण बरामद हुए।
आतंकियों का जंगल में ठिकाना: तस्वीरों में उजागर हुई असलियत
ऑपरेशन के बाद एक तस्वीर सामने आई, जिसमें तीनों आतंकियों के शव जंगल में बिखरे पड़े थे। वहां पर एक हरे रंग की तिरपाल, बंदूकें, खाने-पीने का सामान, कंबल, कपड़े और बर्तन मिले। इससे पता चला कि वे लंबे समय से वहां छिपे हुए थे और अगली बड़ी वारदात की तैयारी कर रहे थे।
क्यों पड़ा ‘ऑपरेशन महादेव’ नाम?
ऑपरेशन महादेव’ — यह नाम भगवान शिव से प्रेरित है, जो न केवल कश्मीर की अमरनाथ यात्रा के केंद्रबिंदु हैं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक विरासत और सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक हैं। इस अभियान का नाम आतंकवाद के विरुद्ध भारतीय सुरक्षा बलों के अडिग संकल्प और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस ऑपरेशन के दौरान दो आतंकवादियों को मार गिराया गया, जिनमें से कम से कम एक की पहचान मूसा नामक आतंकी के रूप में हुई है। मूसा पर पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड होने का संदेह है। हालांकि, सेना की ओर से फिलहाल आधिकारिक पहचान की पुष्टि नहीं की गई है।इस अभियान में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ड्रोन की मदद से आतंकियों के शव बरामद किए गए। साथ ही, स्थानीय स्तर पर आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने वाले कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ जारी है।
‘ऑपरेशन महादेव’ को घाटी में आतंक के सफाए की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है, जो यह संदेश देता है कि आतंक को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह किसी भी रूप में हो।
Ultra Set डिवाइस: पाकिस्तान-चीन की मिलीजुली चाल
Ultra Set एक खास संचार यंत्र है जो पूरी तरह एन्क्रिप्टेड होता है और इसे खासतौर पर पाकिस्तानी सेना के लिए चीनी कंपनियों द्वारा डिजाइन किया गया है। इसका इस्तेमाल कई आतंकवादी संगठनों ने हाल के वर्षों में किया है, ताकि उनकी बातचीत पकड़ी न जा सके। यही डिवाइस इस ऑपरेशन में सेना की सबसे बड़ी “लीड” बना।
भारत की जवाबी कार्रवाई: पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए:
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पाकिस्तान के साथ सभी वीज़ा सेवाएं रद्द कर दी गईं।
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अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया गया।
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सबसे बड़ा कदम था, इंडस वॉटर ट्रीटी को सस्पेंड करना, जिससे पाकिस्तान को मिलने वाला पानी रोका गया।
ऑपरेशन महादेव: एक संदेश आतंक के खिलाफ
इस ऑपरेशन से एक बात साफ हो गई है — भारत अब सिर्फ प्रतिक्रियात्मक नहीं, बल्कि सटीक और योजनाबद्ध हमले करता है। ऑपरेशन महादेव सिर्फ तीन आतंकियों का खात्मा नहीं, बल्कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की ओर उठाया गया एक निर्णायक कदम है।
ऑपरेशन महादेव भारतीय सेना की एक और बड़ी उपलब्धि बन गई है। पहलगाम जैसे भयावह हमले का जवाब जिस तरह से सेना ने दिया, वह आने वाले समय में आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को और सख्त बनाएगा। इस ऑपरेशन ने ना सिर्फ मास्टरमाइंड को सजा दी, बल्कि यह भी दिखा दिया कि अब आतंकियों के लिए कश्मीर में कोई जगह नहीं बची है।
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