मार्गन फिल्म: भारतीय सिनेमा में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों की कोई कमी नहीं है, लेकिन कुछ फिल्में ऐसी होती हैं जो समाज के भीतर छिपी सच्चाई को बेझिझक उजागर करती हैं। मार्गन ऐसी ही एक साहसी फिल्म है, जो अब ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो चुकी है और डिजिटल दर्शकों के बीच तेजी से चर्चा का विषय बन रही है।
इस फिल्म में सत्ता, भ्रष्टाचार और एक ईमानदार अफसर की जंग को केंद्र में रखा गया है। फिल्म समाज को एक आईना दिखाती है और उन सवालों को उठाती है जिनसे आमतौर पर लोग बचना चाहते हैं।

फिल्म की कहानी क्या है?
मार्गन का अर्थ है “मार्ग” यानी रास्ता। यह फिल्म एक ऐसे ईमानदार आईएएस अधिकारी की कहानी है जो एक बड़े भ्रष्टाचार घोटाले का पर्दाफाश करता है। इस घोटाले में राजनेता, पुलिस अधिकारी और बड़ी कंपनियां भी शामिल होती हैं। जैसे-जैसे वह अधिकारी इस जाल में गहराई तक जाता है, वैसे-वैसे उसकी ज़िंदगी खतरे में पड़ती जाती है।
फिल्म में दिखाया गया है कि सच्चाई के रास्ते पर चलना कितना कठिन होता है, खासकर तब जब पूरा सिस्टम ही सड़ चुका हो। यह कहानी काल्पनिक जरूर है, लेकिन इसमें हकीकत की झलक साफ नजर आती है।
कलाकारों की दमदार परफॉर्मेंस:
फिल्म में के. के. मेनन मुख्य भूमिका में हैं और उन्होंने एक ईमानदार लेकिन संघर्षरत अधिकारी का किरदार इतनी शिद्दत से निभाया है कि आप उनसे नज़र नहीं हटा पाते। उनकी आंखों में पीड़ा, संवादों में सच्चाई और हाव-भाव में दृढ़ता दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ देती है।
किरण कुमार, ज़रीना वहाब, और अनंग देसाई जैसे अनुभवी कलाकारों ने भी अपने-अपने किरदारों को बखूबी निभाया है। फिल्म की खास बात यह है कि सभी पात्र वास्तविक और ग्राउंडेड लगते हैं।
साथ ही, इस फिल्म में सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान भी एक सपोर्टिंग रोल में नजर आते हैं। यह उनकी शुरुआती फिल्मों में से एक है, लेकिन उनकी स्क्रीन प्रेजेंस काफी आशाजनक है और उन्होंने प्रभावशाली काम किया है।
निर्देशन और लेखन की तारीफ:
फिल्म का निर्देशन आंद्रे मौर्य ने किया है। उन्होंने फिल्म को बिना किसी ज़्यादा नाटकीयता के रियलिस्टिक तरीके से पेश किया है। कहानी में कहीं भी रफ्तार धीमी नहीं होती और हर मोड़ पर दर्शक जुड़ा हुआ महसूस करता है।
डायलॉग्स बेहद धारदार और विचारोत्तेजक हैं। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी भी कहानी के मूड को सपोर्ट करती है — लो-लाइटिंग, रॉ लोकेशंस और सादा रंगों का प्रयोग फिल्म की गंभीरता को उभारते हैं।

ओटीटी रिलीज़ क्यों है खास?
मार्गन जैसी फिल्में अक्सर थिएटर में उतनी भीड़ नहीं खींच पातीं, जितनी कमर्शियल फिल्मों को मिलती है। ऐसे में ओटीटी प्लेटफॉर्म इन फिल्मों को नई जान देते हैं और एक बड़ा दर्शक वर्ग तक पहुंचाते हैं।
अब जब फिल्म ओटीटी पर रिलीज़ हो चुकी है (फिलहाल यह [ओटीटी प्लेटफॉर्म का नाम डालें] पर उपलब्ध है), तो यह उन दर्शकों तक भी पहुंच रही है जो सिनेमा से सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि सोचने लायक सामग्री भी चाहते हैं।
फिल्म को मिली प्रतिक्रियाएं:
ओटीटी पर रिलीज़ के बाद मार्गन को आलोचकों और दर्शकों दोनों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। खासकर फिल्म की सच्चाई, दमदार अभिनय और सामाजिक संदेश को सराहा गया है।
कई दर्शकों ने इसे सत्याग्रह, आर्टिकल 15 या राजनीति जैसी फिल्मों की श्रेणी में रखा है, हालांकि मार्गन अपनी अलग पहचान बनाता है — यह ज्यादा यथार्थवादी और कम नाटकीय है।
क्या आपको यह फिल्म देखनी चाहिए?
अगर आप केवल मसाला फिल्मों के शौकीन हैं, तो मार्गन आपके लिए नहीं है। लेकिन अगर आप सिनेमा को एक सोच का माध्यम मानते हैं और सच्चाई से जुड़ी कहानियों को देखना पसंद करते हैं, तो मार्गन जरूर देखें।
यह फिल्म न सिर्फ एक सिस्टम की पोल खोलती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि बदलाव की राह मुश्किल तो है, लेकिन असंभव नहीं।
ईमानदारी बनाम सत्ता की लड़ाई:
मार्गन एक विचारोत्तेजक फिल्म है जो वर्तमान समाज में प्रासंगिक सवाल उठाती है। यह फिल्म आपको सोचने पर मजबूर कर देती है कि क्या हम एक ऐसे सिस्टम में रह रहे हैं जहाँ ईमानदारी एक अपराध बन चुकी है?
रेटिंग: ★★★★☆
मार्गन एक मजबूत संदेश और बेहतरीन परफॉर्मेंस से भरी फिल्म है। इसे ज़रूर देखें — मनोरंजन के साथ-साथ यह आपके सोचने का नजरिया भी बदल सकती है।
ऐसे और भी Entertainment टॉपिक के ऊपर लेखों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें! Khabari bandhu पर पढ़ें देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरें — बिज़नेस, एजुकेशन, मनोरंजन, धर्म, क्रिकेट, राशिफल और भी बहुत कुछ।