How national anthems are chosen: हर देश की एक पहचान होती है — उसका झंडा, उसका संविधान, उसकी संस्कृति, और उसका राष्ट्रगान (National Anthem)। जब किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर कोई देश अपने राष्ट्रगान को बजाता है, तो वह सिर्फ एक धुन नहीं होती, बल्कि उस देश की आत्मा, भावनाएं और इतिहास का प्रतीक होती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि राष्ट्रगान चुना कैसे जाता है? कौन तय करता है कि यही गाना हमारे देश की आवाज़ होगा? चलिए, इसे आसान भाषा में विस्तार से समझते हैं।
राष्ट्रगान क्या होता है?
राष्ट्रगान एक ऐसा गीत होता है जो किसी देश की पहचान, गौरव और भावनाओं को शब्दों और धुनों के माध्यम से दर्शाता है। यह गीत आमतौर पर आधिकारिक (official) रूप से स्वीकृत होता है और इसे खास मौकों पर बजाया जाता है — जैसे स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं, या फिर किसी राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत में।
राष्ट्रगान सिर्फ संगीत नहीं होता, यह लोगों को एक सूत्र में बाँधने वाला भावनात्मक धागा होता है। यह देशवासियों को गर्व, एकता और समर्पण का अनुभव कराता है।
राष्ट्रगान कैसे चुना जाता है? How National Anthems Are Chosen
राष्ट्रगान का चुनाव एक सामान्य प्रक्रिया नहीं होती। इसमें कई ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक पहलुओं को ध्यान में रखा जाता है।
किसी भी देश के राष्ट्रगान को चुनने की प्रक्रिया में सबसे पहले यह देखा जाता है कि गीत देश की आत्मा को किस हद तक दर्शाता है। इसके बोल में वह ताकत होनी चाहिए जो हर नागरिक के दिल को छू सके। इसके साथ ही संगीत भी ऐसा होना चाहिए जो सम्मान और गर्व का अहसास कराए।
अक्सर जब कोई देश आज़ाद होता है, तब वहां के नेता, लेखक, संगीतकार और जनता मिलकर ऐसे गीतों की तलाश करते हैं या नया गीत बनाते हैं जो राष्ट्र की पहचान बन सके।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जुड़ा होता है राष्ट्रगान
अक्सर राष्ट्रगान किसी ऐतिहासिक घटना या संघर्ष से जुड़ा होता है। जैसे भारत में “जन गण मन” को 1950 में आधिकारिक राष्ट्रगान घोषित किया गया था, लेकिन इसे रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1911 में लिखा था।
इसी तरह, अमेरिका का राष्ट्रगान “The Star-Spangled Banner” एक युद्ध के समय लिखा गया था। फ्रांस का “La Marseillaise” फ्रांसीसी क्रांति के दौरान बना।
इसका मतलब यह है कि राष्ट्रगान सिर्फ कविता या संगीत नहीं होता, वह इतिहास का दस्तावेज़ होता है — जिसे सुनते ही लोगों के अंदर देशभक्ति की भावना जाग जाती है।
क्या हर देश में चुनाव की प्रक्रिया एक जैसी होती है?
नहीं, हर देश राष्ट्रगान चुनने की अपनी अलग प्रक्रिया अपनाता है। कुछ देशों में यह एक सरकारी समिति तय करती है। कुछ जगहों पर जनता से सुझाव मांगे जाते हैं। कई बार पहले से प्रसिद्ध देशभक्ति गीत को ही अधिकारिक मान्यता दे दी जाती है।
उदाहरण के तौर पर, दक्षिण अफ्रीका ने अपने पुराने राष्ट्रगान को बदलकर नया राष्ट्रगान चुना जो उनके विविध समुदायों को दर्शाता है। वहीं, जापान में एक पारंपरिक कविता को संगीतबद्ध करके राष्ट्रगान बनाया गया।
किन बातों का ध्यान रखा जाता है?
राष्ट्रगान को चुनते वक्त कुछ जरूरी बातों का खास ध्यान रखा जाता है:
गीत के बोल – क्या ये देश की विविधता, एकता और गौरव को दर्शाते हैं?
संगीत – क्या धुन सरल है और हर नागरिक के दिल को छू सकती है?
लंबाई – अधिकतर राष्ट्रगान 30 से 60 सेकंड के होते हैं ताकि उन्हें कार्यक्रमों में आसानी से बजाया जा सके।
भाषा – क्या भाषा ऐसी है जिसे अधिकतर लोग समझ सकें या भावनात्मक रूप से जुड़ सकें?
इन सबका मूल्यांकन करने के बाद ही किसी गीत को राष्ट्रगान घोषित किया जाता है।
क्या कभी बदले हैं राष्ट्रगान?
जी हां, इतिहास में कई देश अपने राष्ट्रगान को बदल चुके हैं। जब राजनीतिक बदलाव होते हैं, जैसे नई सरकार बनना, तानाशाही खत्म होना, या किसी देश का नया गठन, तब अक्सर नया राष्ट्रगान चुना जाता है।
जैसे रूस में सोवियत संघ के समय एक अलग राष्ट्रगान था, लेकिन बाद में उसे बदल दिया गया। जर्मनी ने भी नाज़ी शासन के बाद अपना राष्ट्रगान बदला।
इससे यह साबित होता है कि राष्ट्रगान समय के साथ बदल सकता है, लेकिन इसका मूल उद्देश्य हमेशा देश की आत्मा को दर्शाना ही होता है।
भारत का राष्ट्रगान कैसे चुना गया?
भारत का राष्ट्रगान “जन गण मन” रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा गया था। इसे पहली बार 1911 में कांग्रेस अधिवेशन में गाया गया था। स्वतंत्रता के बाद कई गीतों पर चर्चा हुई, लेकिन “जन गण मन” को उसकी गरिमा, भाषा, और संगीत के कारण चुना गया।
1950 में इसे भारत का आधिकारिक राष्ट्रगान घोषित किया गया। इसकी धुन रोमीनी रोय द्वारा बनाई गई थी और इसे बजाने की अवधि लगभग 52 सेकंड होती है।
यह गीत न केवल भारत की विविधता को दर्शाता है, बल्कि एकता और अखंडता की भावना भी पैदा करता है।
क्या हर देश का राष्ट्रगान अलग होता है?
हां, हर देश का राष्ट्रगान उसकी संस्कृति, इतिहास और भावनाओं का अलग रंग लिए होता है। कुछ देशों का राष्ट्रगान बहुत शांत और मधुर होता है, जैसे जापान का “Kimigayo”, वहीं कुछ का बहुत जोशीला, जैसे फ्रांस का “La Marseillaise”।
कुछ देश ऐसे भी हैं जिनके राष्ट्रगान में उनका नाम तक नहीं आता, लेकिन फिर भी वे देश की भावना को पूर्ण रूप से दर्शाते हैं।
राष्ट्रगान – केवल गीत नहीं, पहचान है
राष्ट्रगान सिर्फ एक गाना नहीं होता। यह एक भावना, एक गौरव, और एक प्रतीक होता है जो देश के हर नागरिक को एक साथ जोड़ता है। इसका चुनाव एक बहुत सोच-समझकर किया गया निर्णय होता है, जिसमें देश की आत्मा बसती है।
जब हम राष्ट्रगान के लिए खड़े होते हैं, तो हम सिर्फ धुन नहीं सुनते — हम उस इतिहास, संघर्ष और बलिदान को महसूस करते हैं जो इस गीत में बसा होता है।
इसलिए अगली बार जब आप कोई राष्ट्रगान सुनें, तो सिर्फ कानों से नहीं, दिल से सुनिए — क्योंकि वह एक पूरा देश बोल रहा होता है।
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