इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग: बार-बार क्यों हो रही हैं ऐसी घटनाएं?

इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग: हाल ही में एक बार फिर से इंडिगो एयरलाइंस की एक फ्लाइट ने तकनीकी खराबी के चलते इमरजेंसी लैंडिंग की। यह घटना सिर्फ एक अलग मामला नहीं है, बल्कि पिछले कुछ वर्षों में ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। सवाल यह है कि क्या भारत की अग्रणी एयरलाइनों में शामिल इंडिगो की उड़ानों में तकनीकी समस्याएं आम हो गई हैं, या इसके पीछे कोई और बड़ा कारण है?

इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग
           इंडिगो फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग

ताज़ा मामला: क्या हुआ?

21 जून 2025 को दिल्ली से चेन्नई जा रही इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6E-2137 को टेकऑफ़ के कुछ समय बाद ही तकनीकी खराबी के चलते इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। विमान को तुरंत दिल्ली एयरपोर्ट पर लौटाया गया और सुरक्षित उतारा गया।

हालांकि सभी 178 यात्री सुरक्षित रहे, लेकिन विमान में अचानक तेज आवाजें और कंपन महसूस होने के बाद यात्री घबरा गए। पायलट की सतर्कता और एयर ट्रैफिक कंट्रोल की तत्परता से एक बड़ा हादसा टल गया।

पिछले कुछ महीने में ऐसी घटनाएं:

यह पहली बार नहीं है जब इंडिगो की फ्लाइट को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी हो। कुछ प्रमुख हालिया घटनाएं:

  1. मार्च 2025 – बेंगलुरु से मुंबई जा रही फ्लाइट में इंजन फेल होने पर नागपुर में आपात लैंडिंग।

  2. जनवरी 2025 – जयपुर से हैदराबाद जा रही फ्लाइट को टेक्निकल ग्लिच के कारण वापस लौटना पड़ा।

  3. दिसंबर 2024 – कोलकाता एयरपोर्ट पर लैंडिंग से पहले अचानक हाइड्रॉलिक सिस्टम फेल हो गया।

ऐसे हादसे क्यों बढ़ रहे हैं?

1. तेज़ी से बढ़ता एयर ट्रैफिक:

भारत में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इंडिगो सबसे ज़्यादा उड़ानें संचालित करती है, और इस बढ़े हुए ट्रैफिक को संभालने के लिए हर रोज़ कई उड़ानों का दबाव होता है। इससे विमानों के रखरखाव में चूक हो सकती है।

2. पुराने हो रहे विमान:

इंडिगो के कई एयरबस A320 विमान 8-10 साल पुराने हो चुके हैं। जैसे-जैसे विमान की उम्र बढ़ती है, तकनीकी समस्याओं का खतरा भी बढ़ता है।

3. ग्राउंड मेंटेनेंस की चुनौती:

रिपोर्ट्स के अनुसार कई बार इंडिगो पर यह आरोप भी लगे हैं कि वह फास्ट टर्नअराउंड टाइम के दबाव में जरूरी चेकअप नहीं करवाती। इससे छोटे-मोटे मुद्दे बढ़कर बड़े हादसे बन सकते हैं।

4. पायलट्स पर वर्कलोड:

पायलट्स की कमी और लगातार उड़ानों के कारण थकान व मानसिक दबाव बढ़ता है, जिससे मानवीय भूलें भी संभावित होती हैं। हालांकि इस मामले में पायलट ने सतर्कता दिखाई।

DGCA और सरकार की भूमिका:

भारत की विमानन नियामक संस्था DGCA (Directorate General of Civil Aviation) समय-समय पर इन घटनाओं की जांच करती है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या केवल जांच और चेतावनी से समाधान निकलेगा?
सरकार को चाहिए कि वो:

  • इंडिगो और अन्य निजी एयरलाइनों के विमानों की नियमित ऑडिट कराए।

  • यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए कड़े दंडात्मक नियम लागू करे।

  • एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस को हल्के में लेने वाली कंपनियों पर लाइसेंस सस्पेंड करने का अधिकार अधिक इस्तेमाल करे।

यात्रियों की चिंता और भरोसा:

हर बार जब कोई फ्लाइट बीच में लौटती है, यात्रियों में डर बैठ जाता है। कई यात्री अब घरेलू यात्रा के लिए ट्रेन या सड़क मार्ग को प्राथमिकता देने लगे हैं।
यात्रियों का विश्वास बनाए रखने के लिए इंडिगो को चाहिए कि:

  • सभी उड़ानों से पहले 100% तकनीकी जांच हो।

  • ट्रांसपेरेंसी के साथ यात्रियों को कारण बताए जाएं।

  • पायलट्स और ग्राउंड स्टाफ को पर्याप्त ब्रेक और मानसिक स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएं।

इंडिगो भारत की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन है, लेकिन बार-बार होने वाली इमरजेंसी लैंडिंग की घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं। यदि समय रहते इन पर लगाम नहीं लगाई गई, तो यह यात्रियों की जान के साथ बड़ा खिलवाड़ होगा।
सुरक्षित यात्रा का भरोसा बनाए रखने के लिए इंडिगो और DGCA दोनों को मिलकर नीतिगत और तकनीकी सुधार करने की जरूरत है।

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