तुरई: भारतीय रसोई में ऐसी कई सब्ज़ियाँ हैं जो स्वाद और सेहत का बेहतरीन संगम पेश करती हैं। इन्हीं में एक है तुरई, जिसे अलग-अलग क्षेत्रों में “तोरी”, “तुरई”, “गिलकी” या “ridge gourd” के नाम से जाना जाता है। देखने में सीधी-सादी परन्तु पौष्टिकता और लाभ से भरपूर तुरई को अक्सर लोग कम महत्व देते हैं, जबकि यह एक बहुपयोगी सब्ज़ी है जो न केवल हल्की होती है बल्कि पाचन के लिए भी अत्यंत लाभकारी मानी जाती है।
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Toggleतुरई का इतिहास और परंपरा:
तुरई का उल्लेख कई आयुर्वेदिक ग्रंथों में मिलता है। प्राचीन भारत में इसे “त्रपुष” नाम से जाना जाता था और यह माना जाता है कि तुरई का उपयोग हजारों वर्षों से भारत, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया में भोजन और औषधीय प्रयोगों में होता आ रहा है। तुरई (Ridge Gourd या Sponge Gourd) एक गर्म और उष्णकटिबंधीय जलवायु में उगने वाली सब्ज़ी है। इसका मूल स्थान दक्षिण एशिया (विशेषकर भारत और चीन) माना जाता है। यह बेल वाली फसल है, जिसे भारत के लगभग हर राज्य में उगाया जाता है।
वास्तव में तुरई ककड़ी (cucumber) और लौकी की जाति की सब्ज़ी है, और भारत में यह खासकर गर्मियों में उगाई जाती है। यह बेल पर उगने वाली सब्ज़ी है और विशेष रूप से भारत के ग्रामीण हिस्सों में हर घर के पिछवाड़े में बेलों पर लटकी तुरई आम दृश्य होती है।
एक रोचक बात यह है कि प्राचीन भारत में ऋषि-मुनि उपवास के दिनों में तुरई का सेवन करते थे क्योंकि यह शरीर को शीतलता प्रदान करती है और पाचन को संतुलित रखती है।
पौष्टिकता के खजाने से भरी तुरई:
तुरई में प्रचुर मात्रा में फाइबर, विटामिन C, आयरन, जिंक और मैग्नीशियम पाया जाता है। यह शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक है, त्वचा को स्वस्थ बनाए रखती है, और वज़न घटाने में मदद करती है। इसका उपयोग मधुमेह के रोगियों के लिए भी लाभकारी होता है क्योंकि यह रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है।
तुरई की पारंपरिक रेसिपी (तुरई की मसालेदार सब्ज़ी)
सामग्री:
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तुरई – 500 ग्राम (छीलकर कटे हुए)
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प्याज – 1 (बारीक कटा)
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टमाटर – 1 (बारीक कटा)
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हरी मिर्च – 1-2
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लहसुन – 4-5 कलियां (कुटी हुई)
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हल्दी पाउडर – 1/2 चम्मच
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लाल मिर्च पाउडर – 1/2 चम्मच
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धनिया पाउडर – 1 चम्मच
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जीरा – 1/2 चम्मच
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हींग – एक चुटकी
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नमक – स्वादानुसार
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तेल – 1-2 चम्मच
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हरा धनिया – सजावट के लिए
विधि:
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एक कढ़ाई में तेल गर्म करें। उसमें जीरा और हींग डालें।
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फिर लहसुन और हरी मिर्च डालकर भूनें। इसके बाद प्याज़ डालें और सुनहरा होने तक पकाएं।
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अब टमाटर डालें और मसाले (हल्दी, मिर्च, धनिया पाउडर, नमक) डालकर अच्छे से पकाएं।
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जब मसाले भुन जाएँ, तब कटे हुए तुरई के टुकड़े डालें और ढककर मध्यम आंच पर पकाएं। तुरई से खुद पानी निकलेगा, जिससे वह अच्छे से पक जाएगी।
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जब तुरई गल जाए और मसाले अच्छी तरह से मिल जाएं, तो ऊपर से हरा धनिया डालें।
आपकी मसालेदार तुरई की सब्ज़ी तैयार है! इसे आप रोटी, पराठा या दाल-चावल के साथ परोस सकते हैं।
तुरई एक प्राचीन और पौष्टिक सब्ज़ी है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी। यह स्वास्थ्यवर्धक, पचने में आसान और औषधीय गुणों से भरपूर है। आज भी यह भारतीय रसोई की सादगी और सेहत का प्रतीक मानी जाती है।
तुरई एक ऐसी सब्ज़ी है जिसे अक्सर कम आंका गया है, परंतु इसके स्वाद, पोषण और बहुपयोगी रूपों को जानकर आप भी इसके दीवाने हो सकते हैं। चाहे हल्की सी दाल के साथ खाई जाए या मसालेदार रूप में परोसी जाए, तुरई हर रूप में लाजवाब होती है। अगर आपने अभी तक इसे नजरअंदाज किया है, तो अगली बार बाज़ार से तुरई जरूर लाइए – क्योंकि ये है “सब्ज़ियों की सादी लेकिन सच्ची रानी”।
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