इडली भारत का एक ऐसा व्यंजन है जिसे न केवल दक्षिण भारत में, बल्कि देश के हर कोने में बड़े चाव से खाया जाता है। यह नाश्ते, दोपहर के खाने या हल्के डिनर के लिए एक हेल्दी और स्वादिष्ट विकल्प है। इडली चावल और उड़द दाल के मिश्रण से बनाई जाती है, जिसे खमीर उठाकर भाप में पकाया जाता है। आइए जानें इसकी रेसिपी, इतिहास और इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।
🕰️ इतिहास और कहानी:
इडली का इतिहास हजारों साल पुराना बताया जाता है। सबसे पहले 7वीं से 10वीं सदी के बीच, इडली जैसे भाप में पके हुए व्यंजन का उल्लेख तमिल साहित्य ‘मणिमेगलाई’ में मिलता है। उस समय इसे “इड्डलिगे” कहा जाता था। इतिहासकारों का मानना है कि यह व्यंजन संभवतः इंडोनेशिया से भारत आया, जब दक्षिण भारत के राजा वहां व्यापार और प्रशासनिक कार्यों के लिए जाते थे। वहां भी उड़द और चावल के फर्मेन्टेड मिश्रण को भाप में पकाने की विधि प्रचलित थी।
एक कहानी यह भी है कि कर्नाटक के होयसाल राजवंश के रसोइयों ने इसका प्रारंभिक रूप तैयार किया था, जो बाद में तमिलनाडु और फिर पूरे भारत में फैल गया। धीरे-धीरे यह व्यंजन आम लोगों का पसंदीदा बन गया, क्योंकि यह हल्का, सुपाच्य और स्वास्थ्यवर्धक है।
🍽️ सामग्री (4 लोगों के लिए):
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चावल – 2 कप
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उड़द दाल – 1 कप
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मेथी दाना – 1 छोटा चम्मच
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नमक – स्वादानुसार
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पानी – आवश्यकतानुसार
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तेल – इडली सांचे को ग्रीस करने के लिए
👨🍳 इडली बनाने की विधि:
1. भिगोने की प्रक्रिया:
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चावल और उड़द दाल को अलग-अलग धोकर 4-6 घंटे तक पानी में भिगो दें।
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उड़द दाल में मेथी दाना भी मिला दें। यह खमीर उठाने में मदद करता है।
2. पीसना:
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सबसे पहले उड़द दाल को थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर मुलायम पेस्ट बना लें।
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फिर चावल को भी दरदरा पीस लें। दोनों का टेक्सचर अलग होना चाहिए – उड़द दाल मुलायम और चावल थोड़ा मोटा।
3. मिश्रण और खमीर उठाना:
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दोनों पेस्ट को एक बड़े बर्तन में मिलाकर स्वादानुसार नमक डालें।
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बर्तन को ढककर गर्म स्थान पर 8-12 घंटे तक छोड़ दें ताकि मिश्रण खमीर उठ सके। गर्मी में यह जल्दी होता है, ठंड में ज्यादा समय लग सकता है।
4. इडली पकाना:
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इडली सांचे को तेल लगाकर चिकना करें।
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खमीर उठा बैटर अच्छे से हिलाकर सांचे में डालें।
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इडली कुकर या स्टीमर में पानी डालें और उसे गरम करें।
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सांचे को स्टीमर में रखें और 10-15 मिनट तक तेज आंच पर भाप में पकाएं।
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टूथपिक डालकर देखें, अगर वह साफ बाहर आ जाए तो इडली पक चुकी है।
5. परोसना:
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तैयार इडलियों को सांचे से निकालें और नारियल चटनी, सांभर या टमाटर की चटनी के साथ गरमागरम परोसें।
🌿 स्वास्थ्यवर्धक पक्ष:
इडली न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि यह पचने में भी आसान होती है। यह कम तेल में बनती है और फर्मेन्टेशन के कारण इसमें विटामिन B की मात्रा बढ़ जाती है। यह डाइट पर रहने वालों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।
😄 एक मजेदार तथ्य:
क्या आप जानते हैं कि कुछ लोग इडली को ‘सफेद सोना’ कहते हैं? क्योंकि यह स्वास्थ्य, स्वाद और पारंपरिक मूल्यों से भरपूर है। कई बॉलीवुड सेलेब्रिटी जैसे कि दीपिका पादुकोण और महेंद्र सिंह धोनी भी इडली को अपने डाइट का हिस्सा बताते हैं।
इडली सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि भारतीय रसोई की विरासत है। यह प्रेम, परंपरा और पोषण का संगम है। अगली बार जब आप इडली खाएं, तो उसके पीछे छिपे इतिहास और स्वाद की गहराई को भी जरूर महसूस करें।
“इडली – जो नाश्ते में राजा है, और हर थाली का सच्चा सितारा!”
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