रसम दक्षिण भारत का एक पारंपरिक और अत्यंत प्रिय व्यंजन है, जिसे इसकी खट्टी, तीखी और सुगंधित विशेषताओं के लिए जाना जाता है। यह एक प्रकार का पतला सूप जैसा होता है, जिसे मुख्य रूप से इमली, टमाटर, काली मिर्च, जीरा, और अन्य सुगंधित मसालों से बनाया जाता है। रसम का स्वाद न केवल इंद्रियों को तृप्त करता है, बल्कि यह पाचन को भी उत्तेजित करता है और शरीर को गर्मी प्रदान करता है।
हर क्षेत्र और घर में रसम की अलग-अलग विधियाँ होती हैं — जैसे टमाटर रसम, मिर्च रसम, नींबू रसम, लहसुन रसम आदि। यह न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि त्योहारों, पूजा-पाठ, और रोज़मर्रा के भोजन में भी इसका विशेष स्थान होता है।
रसम का इतिहास और उत्पत्ति:
1. संस्कृत मूल:
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“रसम” शब्द संस्कृत के “रस” शब्द से आया है, जिसका अर्थ होता है रस, सार या निचोड़। इसका मतलब है — मसालों और सामग्री का सार निकालकर बनाया गया व्यंजन।
2. आयुर्वेदिक प्रभाव:
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रसम की उत्पत्ति आयुर्वेदिक परंपराओं से जुड़ी मानी जाती है। इसमें उपयोग होने वाली सामग्रियां जैसे काली मिर्च, जीरा, हींग, लहसुन आदि पाचन में सहायक मानी जाती हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती हैं।
3. क्षेत्रीय नाम और प्रकार:
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तमिलनाडु और केरल में इसे रसम कहते हैं, कर्नाटक में सारु, और आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में चारु।
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रसम के कई प्रकार होते हैं जैसे — टमाटर रसम, मिर्च रसम, नींबू रसम, लहसुन रसम आदि।
4. सांस्कृतिक महत्व:
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रसम दक्षिण भारतीय भोजन का अनिवार्य हिस्सा है, विशेष रूप से अय्यर और अयंगार ब्राह्मण समुदायों में।
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यह विशेष अवसरों, पूजा-पाठ और शुद्ध (सात्विक) भोजन में उपयोग होता है। अंतिम संस्कार के बाद परोसे जाने वाले भोजन में भी रसम का विशेष स्थान है, क्योंकि यह हल्का और पाचक होता है।
5. समय के साथ बदलाव:
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प्रारंभिक रसम में टमाटर का उपयोग नहीं होता था क्योंकि टमाटर भारत में 16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों के माध्यम से आए थे।
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पहले रसम केवल इमली और मसालों से बनती थी। समय के साथ रेसिपी में विविधता आई और टमाटर जैसी नई सामग्री जुड़ गई।
🌿 टमाटर रसम की रेसिपी (4 लोगों के लिए)
📝 सामग्री:
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टमाटर – 2 (पके हुए, कटे हुए)
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इमली – 1 छोटा नींबू जितनी (भीगी हुई)
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उबली हुई अरहर दाल – ½ कप (वैकल्पिक)
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काली मिर्च – 1 छोटा चम्मच
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जीरा – 1 छोटा चम्मच
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लहसुन – 3–4 कलियां (कुचली हुई, वैकल्पिक)
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हींग – एक चुटकी
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हल्दी – ¼ छोटा चम्मच
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रसम पाउडर – 1 छोटा चम्मच (यदि उपलब्ध हो)
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नमक – स्वाद अनुसार
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पानी – लगभग 3 कप
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हरा धनिया – सजाने के लिए
तड़का (छौंक) के लिए:
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घी/तेल – 1 बड़ा चम्मच
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राई (सरसों) – ½ छोटा चम्मच
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करी पत्ते – 7–8 पत्ते
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सूखी लाल मिर्च – 1
🍳 विधि:
1. तैयारी:
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इमली को गरम पानी में 10 मिनट भिगोकर उसका रस निकाल लें।
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टमाटर को मैश कर लें या मिक्सी में दरदरा पीस लें।
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जीरा और काली मिर्च को दरदरा पीस लें।
2. रसम पकाना:
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एक बर्तन में टमाटर प्यूरी, इमली का रस, हल्दी, नमक, और दरदरा पिसा मसाला डालें।
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अब इसमें 2–3 कप पानी मिलाएं और धीमी आँच पर उबालें (8–10 मिनट तक) जब तक अच्छी खुशबू न आने लगे।
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अगर आप दाल मिला रहे हैं, तो अब उबली हुई अरहर दाल डालें और थोड़ा और पानी मिलाकर 5 मिनट उबालें।
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अंत में रसम पाउडर डालें (अगर हो तो) और गैस बंद कर दें।
3. तड़का लगाना:
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एक छोटी कढ़ाही में घी गरम करें, उसमें राई डालें।
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राई चटकने लगे तो करी पत्ते, सूखी मिर्च, और हींग डालें।
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यह तड़का रसम में डाल दें।
4. सजावट:
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ऊपर से हरा धनिया डालें।
🍽️ कैसे परोसें:
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गरमा-गरम रसम को चावल के साथ या ऐसे ही सूप की तरह पिएं।
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पापड़ और कोई सूखी सब्जी साथ परोसी जा सकती है।
अगर इमली न हो तो नींबू रसम आज़माओ :
🍋 नींबू रसम (Elumichai Rasam / Lemon Rasam)
इस रसम में इमली नहीं होती — इसका खट्टापन नींबू से आता है। यह हल्की और पाचन में बहुत आसान होती है।
📝 सामग्री:
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नींबू का रस – 1 बड़ा चम्मच (ताजा निकाला हुआ)
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उबली हुई अरहर दाल – ½ कप
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जीरा – 1 छोटा चम्मच
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काली मिर्च – ½ छोटा चम्मच
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हरी मिर्च – 1 (चिरी हुई)
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करी पत्ते – 6–7
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राई – ½ छोटा चम्मच
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हींग – एक चुटकी
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घी – 1 बड़ा चम्मच
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हल्दी – ¼ छोटा चम्मच
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नमक – स्वाद अनुसार
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पानी – 2–3 कप
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हरा धनिया – सजाने के लिए
🍳 विधि:
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काली मिर्च और जीरा को दरदरा पीस लें।
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उबली दाल में थोड़ा पानी मिलाकर हल्का सा उबालें, उसमें हल्दी और नमक डालें।
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गैस बंद करने के बाद उसमें नींबू का रस डालें (नींबू को गर्म नहीं करना चाहिए वरना उसका स्वाद कड़वा हो सकता है)।
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तड़का लगाएं — घी में राई चटकाएं, करी पत्ता, हींग, हरी मिर्च और पिसा मसाला डालें।
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यह तड़का रसम में डालें, ऊपर से हरा धनिया डालें और परोसें।
यह रही एक घर पर बनने वाली पारंपरिक रसम पाउडर (Rasam Powder) की रेसिपी — जिसे आप एक बार बनाकर कई हफ्तों तक एयरटाइट डिब्बे में रख सकते हैं।
🧂 रसम पाउडर रेसिपी (Rasam Powder Recipe)
📝 सामग्री (लगभग 100 ग्राम पाउडर के लिए):
सामग्री | मात्रा |
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धनिया (Coriander Seeds) | 4 बड़े चम्मच |
काली मिर्च (Black Pepper) | 2 बड़े चम्मच |
जीरा (Cumin Seeds) | 2 बड़े चम्मच |
मेथी दाना (Fenugreek Seeds) | ½ छोटा चम्मच |
सूखी लाल मिर्च (Dry Red Chilies) | 4–5 (मध्यम तीखी) |
हींग (Hing) – पाउडर वाली | ¼ छोटा चम्मच |
करी पत्ते (Curry Leaves) – वैकल्पिक | 10–12 पत्ते |
हल्दी (Turmeric Powder) | ½ छोटा चम्मच |
🔥 बनाने की विधि:
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भूनना:
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एक सूखी कढ़ाही या तवे पर सबसे पहले धनिया को मध्यम आँच पर हल्का सुनहरा होने तक भूनें और अलग रखें।
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फिर काली मिर्च, जीरा और मेथी दाना को हल्का सा भूनें जब तक महक न आने लगे (ज्यादा नहीं जलाएँ)।
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सूखी लाल मिर्च और करी पत्ते (अगर इस्तेमाल कर रहे हों) को भी 1 मिनट के लिए भून लें।
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अंत में हींग डालकर 10 सेकंड भूनें और गैस बंद कर दें।
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ठंडा करना और पीसना:
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सारी भुनी सामग्री को ठंडा होने दें।
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अब इसे मिक्सर या ग्राइंडर में बारीक पीस लें।
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हल्दी पाउडर मिलाकर अच्छे से मिक्स करें।
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स्टोर करना:
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तैयार पाउडर को एयरटाइट कंटेनर में भर लें। यह 1–2 महीनों तक ठीक रहता है अगर नमी न लगे।
🥄 रसम बनाने में उपयोग:
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हर बार रसम बनाते समय लगभग 1 छोटा चम्मच रसम पाउडर डालें।
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इसे अंत में डालें ताकि खुशबू और स्वाद बरकरार रहे।
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रसम सिर्फ एक व्यंजन नहीं है, बल्कि यह दक्षिण भारतीय परंपरा, स्वास्थ्य और सादगी का प्रतीक है। यह भोजन का एक ऐसा भाग है जो स्वाद के साथ-साथ शरीर और मन को भी संतुलन देता है।
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