8th Pay Commission Update: देशभर के करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को लंबे समय से जिस खबर का इंतजार था, वो अब धीरे-धीरे साकार होती नजर आ रही है। 8वें वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) को लेकर सरकार की तरफ से बड़ा अपडेट सामने आया है। संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पुष्टि की है कि केंद्र सरकार को NC-JCM (National Council – Joint Consultative Machinery) के कर्मचारी पक्ष से Terms of Reference (ToR) मिल चुके हैं।
इस बयान के बाद यह उम्मीद और तेज हो गई है कि सरकार जल्दी ही 8वें वेतन आयोग के गठन की आधिकारिक घोषणा कर सकती है।
NC-JCM क्या है और इसका क्या रोल है?
सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि NC-JCM आखिर है क्या और यह वेतन आयोग में क्यों इतना अहम रोल निभाता है?
NC-JCM (नेशनल काउंसिल – जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी), केंद्र सरकार और कर्मचारियों के बीच एक वार्तालाप का मंच है। यह प्लेटफॉर्म कर्मचारियों की ज़रूरतों, कल्याण, और वेतन संबंधित विषयों पर सरकार से बातचीत करता है।
केंद्रीय कर्मचारी जिस तरह से देश की रीढ़ माने जाते हैं, उसी तरह NC-JCM उनके अधिकारों की रक्षा करने वाला एक मजबूत माध्यम है।
संसद में क्या कहा सरकार ने?
राज्यसभा सांसद भुवनेश्वर कलिता द्वारा पूछे गए सवाल में सरकार से यह पूछा गया था कि क्या उन्हें 8वें वेतन आयोग को लेकर ToR प्राप्त हुए हैं? इस पर जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा:
“हमें कर्मचारी पक्ष NC-JCM से सुझाव प्राप्त हुए हैं और इन सुझावों पर सभी ज़रूरी हितधारकों—जैसे रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT), राज्य सरकारों आदि से राय मांगी गई है।”
इसका सीधा मतलब है कि वेतन आयोग की तैयारियां अब आधिकारिक रूप से चालू हो चुकी हैं।
क्या है ToR (Terms of Reference)?
ToR दरअसल किसी आयोग की कार्यशैली, उद्देश्य, प्रक्रिया और दिशा तय करता है। यही आयोग के दायरे और सीमाओं को परिभाषित करता है।
8वें वेतन आयोग के लिए जो ToR सुझाव NC-JCM की तरफ से भेजे गए हैं, उनमें कई बड़े बदलाव शामिल हैं, जैसे:
- हर 5 साल में पेंशन रिविजन का प्रावधान
- न्यूनतम 3 प्रमोशन की गारंटी
- पे स्केल का मर्जर (संयोजन)
- पेंशनरों और सर्विंग एम्प्लॉयीज के बीच असमानता खत्म करने की मांग
- पुरानी पेंशन योजना पर पुनर्विचार का प्रस्ताव
इन बिंदुओं को शामिल करने से यह आयोग न सिर्फ वेतन निर्धारण करेगा, बल्कि कर्मचारियों के करियर और रिटायरमेंट को भी नई दिशा देगा।
कब भेजे गए ये ToR सुझाव?
सरकार ने बताया कि फरवरी 2025 में ही, जब वेतन आयोग की घोषणा हुई थी, उसके एक महीने के भीतर ही कर्मचारी पक्ष NC-JCM ने DoPT को ToR भेज दिए थे। यह तेज़ी से हुई प्रक्रिया यह दिखाती है कि कर्मचारी संगठनों की तैयारियां पूरी थीं और उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी मांगें मानी जाएंगी।
क्या है सरकार की अगली योजना?
सरकार के बयान से स्पष्ट है कि अभी परामर्श प्रक्रिया (consultation process) चल रही है। यानी सरकार अभी रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DoPT) और राज्य सरकारों से इनपुट मांग रही है।
इसके बाद ही 8th Pay Commission के गठन की औपचारिक घोषणा की जाएगी और उसे काम सौंपा जाएगा। हालांकि कोई अंतिम तारीख नहीं बताई गई है, लेकिन जानकारों का मानना है कि 2026-2027 तक आयोग की रिपोर्ट आ सकती है।
15 संभावित बदलाव जो कर्मचारियों को सीधे प्रभावित करेंगे
- हर 5 साल में पेंशन रिविजन की व्यवस्था
- सभी को कम से कम 3 प्रमोशन मिलना तय
- पे स्केल और ग्रेड पे में मर्जर
- पुरानी पेंशन योजना पर पुनर्विचार
- 50% DA होने पर वेतन आयोग की सिफारिश लागू
- फिक्स रिटायरमेंट बेनिफिट की गारंटी
- कांट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए वेतन स्थायित्व
- न्यूनतम वेतनमान में बढ़ोतरी की मांग
- महंगाई भत्ते की गणना के नए फॉर्मूले
- ग्रुप C और ग्रुप B कर्मचारियों को भी तेजी से प्रमोशन
- ट्रांसफर-पोस्टिंग नियमों में सुधार
- पेंशनरों के लिए मेडिकल भत्ते में बढ़ोतरी
- फैमिली पेंशन में न्यूनतम मानदंड तय
- MACP स्कीम में सुधार
- HRA और ट्रैवल अलाउंस में ऑटोमैटिक संशोधन
(ये बदलाव NC-JCM द्वारा सुझाए गए हैं; अंतिम निर्णय सरकार द्वारा लिया जाएगा)
क्या 7वें वेतन आयोग के सुझाव पर्याप्त नहीं थे?
2016 में लागू हुआ 7वां वेतन आयोग कई मायनों में ऐतिहासिक था, लेकिन कर्मचारियों का मानना है कि उसमें बहुत सी कमियां रह गई थीं—खासकर प्रमोशन, महंगाई भत्ता और पेंशन से जुड़े मामलों में।
कई कर्मचारियों को 10-12 साल में भी एक प्रमोशन नहीं मिल पाया और नए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया गया। इन्हीं मुद्दों को 8th Pay Commission में फिर से उठाया जा रहा है।
कर्मचारी संगठनों की मांग – “DA 50% होते ही लागू हो नया आयोग”
संगठनों ने यह भी मांग रखी है कि जब महंगाई भत्ता (DA) 50% को पार कर जाए, तब वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कर दी जाएं। इससे वेतन में समय पर सुधार हो सकेगा और कर्मचारियों की क्रय शक्ति प्रभावित नहीं होगी।
यह मांग खास इसलिए है क्योंकि 2025 के अंत तक DA 50% के पास पहुंचने की संभावना है।
8वें वेतन आयोग की घोषणा कब तक संभव?
हालांकि सरकार की तरफ से अभी कोई निश्चित तारीख नहीं बताई गई है, लेकिन सूत्रों की मानें तो:
- 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में आयोग का गठन संभव है
- 2026-2027 तक आयोग अपनी सिफारिशें पेश कर सकता है
- 2028 तक नई वेतन संरचना लागू की जा सकती है
कर्मचारियों की उम्मीदों को मिल रहा आकार
8th Pay Commission की प्रक्रिया अब गंभीर रूप से शुरू हो चुकी है। कर्मचारियों के सुझाव सरकार तक पहुंच चुके हैं और सरकार सभी ज़रूरी विभागों से सलाह-मशविरा कर रही है।
अगर सब कुछ समय पर हुआ, तो आने वाले कुछ वर्षों में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा फायदा मिल सकता है—सिर्फ वेतन में नहीं, बल्कि प्रमोशन, पेंशन और करियर ग्रोथ के हर स्तर पर।
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