8वां वेतन आयोग: सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 30-34% बढ़ोतरी की संभावना, जानिए पूरी जानकारी

सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी आने वाली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) साल 2026 से लागू हो सकता है, जिससे केंद्र सरकार के लगभग 11 मिलियन (1.1 करोड़) कर्मचारी और पेंशनधारक प्रभावित होंगे। ब्रोकरेज फर्म एम्बिट कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार, इस आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में 30-34% तक की बढ़ोतरी संभव है।

कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग?

हालांकि, इसकी सिफारिशें जनवरी 2026 से लागू मानी जा रही हैं, लेकिन इसके लिए पहले रिपोर्ट तैयार की जाएगी, सरकार को भेजी जाएगी और फिर कैबिनेट से मंजूरी के बाद ही इसे औपचारिक रूप से लागू किया जाएगा। 2025 के मध्य तक आयोग का गठन नहीं हुआ है, इसलिए इस प्रक्रिया में देरी की संभावना है। यदि घोषणा इसी साल के अंत तक होती है, तब भी अमल में आने में 18 से 24 महीने लग सकते हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वेतन वृद्धि 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में ही मिलेगी।

8वां वेतन आयोग

फिटमेंट फैक्टर क्या होता है और इसका क्या असर होगा?

फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक (Multiplier) होता है जिससे मौजूदा बेसिक पे को गुणा करके नया बेसिक पे तय किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जिससे न्यूनतम बेसिक पे Rs 7,000 से बढ़ाकर Rs 18,000 कर दिया गया था। 8वें वेतन आयोग के लिए रिपोर्ट में फिटमेंट फैक्टर को 1.83 से 2.46 के बीच बताया गया है।

वेतन में वास्तविक वृद्धि कैसे होती है?

हालांकि बेसिक पे में बढ़ोतरी दिखती है, लेकिन महंगाई भत्ता (Dearness Allowance – DA) नए वेतन आयोग लागू होते ही रीसेट कर दिया जाता है यानी शून्य हो जाता है। जैसे 7वें वेतन आयोग लागू होने से पहले एक कर्मचारी का बेसिक पे Rs 7,000 और उस पर 125% DA (Rs 8,750) मिलकर कुल Rs 15,750 हो जाता था। लेकिन 7वें आयोग के तहत बेसिक पे भले Rs 18,000 हुआ, लेकिन DA रीसेट होकर 0% हो गया। इस तरह वास्तविक वेतन में शुरुआती बढ़ोतरी करीब 14.3% ही होती है।

सैलरी स्ट्रक्चर में क्या बदलाव आ सकता है?

एक सरकारी कर्मचारी की सैलरी कई हिस्सों में बंटी होती है:

  • बेसिक पे: मूल वेतन, पद और सीनियरिटी के अनुसार तय होता है।
  • महंगाई भत्ता (DA): यह मुद्रास्फीति के असर को कम करने के लिए होता है। यह हर 6 महीने में CPI के आधार पर संशोधित होता है।
  • हाउस रेंट अलाउंस (HRA): शहर के अनुसार 9%, 18% या 27% तक हो सकता है।
  • ट्रांसपोर्ट अलाउंस (TA): यात्रा खर्च के लिए एक निश्चित राशि।

समय के साथ बेसिक पे का हिस्सा घटा है और अलाउंसेज का हिस्सा बढ़ा है। नया आयोग इस संतुलन को फिर से तय कर सकता है।

पेंशन पर असर

केंद्र सरकार के पेंशनधारकों की संख्या 6.8 मिलियन से अधिक है। 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें इन पर भी उसी तरह लागू होंगी जैसे मौजूदा कर्मचारियों पर होती हैं। पेंशन में DA तो होता है, लेकिन HRA और TA नहीं होते। इसलिए बेसिक पे बढ़ने से पेंशन सीधे बढ़ेगी, लेकिन DA फिर से 0% से शुरू होगा।

नई पेंशन योजना – UPS

OPS (Old Pension Scheme) की जगह अब सरकार ने April 2025 से UPS (Unified Pension Scheme) लागू की है। इसके तहत एक हाइब्रिड सिस्टम होगा जहां कर्मचारियों को अंतिम सैलरी का 50% न्यूनतम पेंशन के रूप में सुनिश्चित किया गया है। इससे रिटायरमेंट के बाद की सुरक्षा मजबूत होगी।

क्यों हो सकती है देरी?

  • आयोग का गठन अब तक नहीं हुआ है।
  • टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) अभी तय नहीं हुए हैं।
  • वित्तीय बोझ को लेकर सरकार सतर्क है क्योंकि 30-34% बढ़ोतरी से सरकार पर भारी दबाव पड़ सकता है।
  • चुनावी वादों और आर्थिक संतुलन के चलते सरकार जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहती।

निष्कर्ष

8वें वेतन आयोग से सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि इसके लागू होने में देरी संभव है, लेकिन एक बार लागू होने के बाद यह देश की खपत बढ़ाने और सरकारी सेवाओं को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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